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Best Lion and Rabbit Story in Hindi | Sher aur chalak khargosh Kahani

आज की कहानी है Lion and Rabbit Story in Hindi. कठिन वक्त पर आपकी अपनी सूझ बूझ ही आपको उस कठिनाई से निकाल सकती है। जिसका एक बेमिसाल उदाहरण है, Sher aur Chalak Khargosh ki Kahani.


lion and rabbit story in hindi


इस कहानी में आप देखेंगे, कि किस प्रकार उस Chalak Khargosh ने बड़ी ही चालाकी से अपनी तो जान बचाई ही,

साथ ही पूरे जंगल को कैसे उस निर्दयी शेर से भी छूटकारा दिलाया। तो चलिए, चलते हैं जंगल की दुनिया में..!!


Lion and Rabbit Story in Hindi:


” चालाक खरगोश और शेर “


    एक घने जंगल में एक बड़ा शेर रहता था। वह रोज शिकार के लिए निकलता था और जो भी जानवर उसको दिखाई देता वह उसका शिकार कर लेता था।

वह एक दिन में कई जानवरों को अपना शिकार बना लेता था। जंगल के सभी जानवर बहुत भयभीत हो गए। उन्हें लगा कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन ऐसा आएगा कि जंगल में एक भी जानवर नहीं बचेगा।

    सारे जंगल में सनसनी फैल गयी।

शेर की इस गतिविधि को रोकने के लिए कोई न कोई उपाय करना जरूरी हो गया था। एक दिन जंगल के सभी जानवर इस विषय पर चर्चा करने के लिए इकट्ठा हुए,

सभी इस प्रश्न को लेकर विचार करने लगे। तभी, बहुत से विचारो के पश्चात यह निष्कर्ष निकाला कि वे इस बारे में स्वयं शेर से ही बात करेंगे।


rabbit and lion story in hindi


दूसरे ही दिन सभी जानवरों का दल शेर की गुफा में पहुंचा। बहुत सारे जानवरों को एक साथ देख शेर थोड़ा चकित हुआ और गरजते हुए बोला, “इतने सारे लोग! बात क्या है? तुम सब यहां क्यों आए हो!”

जानवरों में से एक थोड़ी हिम्मत करके बोला,

“महाराज! हम आपके पास निवेदन लेकर आएं हैं। आप राजा हैं और हम आपकी प्रजा। जब भी कभी आप शिकार करने निकलते हैं तो आप कई सारे जानवरों को मार डालते हैं,

जिनमें से कई को तो आप खा भी नहीं पाते। महाराज ! हमारी संख्या दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है,  इस तरह तो जंगल के सारे जानवर एक-एक करके खत्म हो जाएंगे।

अगर सिलसिला यूं ही चलता रहा तो जंगल में आपके सिवा कोई अन्य जानवर इस जंगल में नहीं रहेगा, और प्रजा के बिना राजा भी किस काम का? आप राज किस के ऊपर करेंगे!

यदि हम सब भी मर गए तो आप भी राजा नहीं रहेंगे। आपसे हमारी विनती है कि कृपया आप यहीं अपनी गुफा में ही रहें।

रोज आपके खाने के लिए एक एक जानवर हम स्वयं आपकी गुफा में भेज दिया करेंगे। इस तरह से राजा और प्रजा दोनो ही शांति से जीवन जी सकेंगे।”

   शेर को लगा कि जानवरों की बात सही है। उसने थोड़ी देर अपने मन में इस विषय के बारे में सोचा और कहा , ” अच्छी बात है लेकिन मेरी एक शर्त है, कि जिस दिन भी शिकार को तुम लोगों ने यहाँ नहीं भेजा तो मैं जंगल में आकर कई जानवरों को मार दूंगा।”

जानवरों के पास और कोई चारा नहीं था। उन सभी ने शेर की शर्त मान ली और अपने अपने घर चले गए।

  उस दिन से हर रोज शेर के आहार के लिए एक जानवर भेजा जाने लगा। जंगल में रहने वाले हर प्रकार के जानवर को बारी बारी से गुफा में भेज दिया जाता।

उस दिन से जंगल में रहने वाले प्रत्येक जानवर के मन में भय से उत्पन्न हो गया कि कब उनकी बारी आ जाए। कुछ दिन बीते। फिर आई खरगोश की बारी।

Inrusting part start of lion and rabbit story in hindi- शेर के भोजन के लिए अब एक नन्हें से खरगोश को चुना गया। लेकिन वह खरगोश जितना छोटा था उतना ही चतुर भी था।

वह मरने के डर से भयभीत था।

परन्तु उसने सोचा कि बेकार में शेर के हाथों मरना मूर्खता होगी। मुझे अपनी जान बचाने का कोई न कोई प्रयास अवश्य करना चहिये। उसने एक तरकीब सोची,

जिससे कि इस मुसीबत से सदा के लिए छुटकारा पाया जा सके।

   खरगोश धीरे धीरे, आराम से शेर की गुफा की ओर चल पड़ा। शेर के पास पहुंचते पहुंचते उसे बहुत देर हो गयी। शेर एक दम बौखलाया हुआ था। भूख के मारे उसका बुरा हाल था।

   जब उसने सामने देखा तो एक छोटा सा खरगोश उसके सामने चला आ रहा था। उसे बहुत गुस्सा आया। वह गरजकर बोला, “किसने भेजा है तुम्हें! एक तो इतने छोटे हो, ऊपर से इतनी देर से आ रहे हो।

जिन मूर्खों ने तुम्हे भेजा सबको देख लूंगा मैं। उन जानवरों ने आज धोखा किया है, वे नही जानते कि इस धोखे का अंजाम कितना भयानक होगा। “

    नन्हे खरग़ोश ने बडी विनम्रता और आदर के साथ कहा, ” महाराज ! कृपया मेरी बात सुनिए। इन सबमें मेरे साथियों का कोई कसूर नहीं है। वे तो जानते ही थे कि एक खरगोश से आपका पेट नहीं भरेगा।

इसलिए उन्होंने पूरे 10 खरगोश भेजे थे,  लेकिन जैसे ही हम सब आ रहे थे तो हमें रास्ते में एक दूसरा शेर मिला, वह भी बहुत भूखा था उसने मेरे साथ आए खरगोशों को मार डाला।”

   तभी शेर अचंभित हो गया और बोला, “क्या कहा? दूसरा शेर! कौन है वह , तुमने उसे कहाँ देखा?”

खरगोश ने चालाकी से उत्तर दिया, ” महाराज वह तो बहुत बड़ा शेर है। वह अचानक जमीन के अंदर बनी गुफा से निकलकर हमारे सामने आ गया। वह तो मुझे भी मार देना चाहता था।

पर मैं ने भी उससे कह दिया कि, तुमने हमारे जंगल के राजा का भोजन खा कर अच्छा नहीं किया। अब वे तुम्हें नहीं छोडेंगे। उसने मुझे जवाब दिया कि, वह ही इस जंगल का सबसे अधिक शक्तिशाली शेर है,

और अब से वही इस जंगल का राजा है। इस पर मैंने उस शेर से कहा, हमारे राजा तुमसे भी अधिक शक्तिशाली हैं वे तुम्हें यहाँ आकर मार डालेंगे।”

  ” महाराज! इतना सुनकर वह लाल-पीला हो गया। उसने मुझसे कहा, ‘मैं ही हूँ यहां का राजा ये सभी जानवर मेरी प्रजा हैं। जिनके साथ मैं जो चाहूं कर सकता हूँ।

अगर तुम्हारे शेर में इतनी ही हिम्मत है तो उसे मेरे सामने हाजिर करो।’ इतना कहकर उसने मुझे छोड़ दिया और मुझे , आपको उसके पास ले जाने के लिए यहाँ भेज दिया।”

खरगोश की बात सुनकर शेर को बहुत ही गुस्सा आया। वह जोर जोर से दहाड़ने लगा। पूरा जंगल उसकी आवाज से गूंज उठा। उसने अपनी भारी आवज में खरगोश से कहा, ” तुम मुझे तुरंत उस के पास ले चलो। जब तक मैं उसे मार न डालूँ मुझे चैन नहीं मिलेगा।”

खरगोश बोला, ” सही कहा आपने महाराज! मृत्यु ही उस दुष्ट की सजा है। आप चलिये मेरे साथ।।”

Moral part of rabbit and lion story in hindi- खरगोश उसे एक कुएं के पास ले गया। कुँए के पास जाकर उसने शेर से कहा, ”महाराज वह  जमीन के अंदर वाली गुफा में रहता है,

वह कहीं भी छिपा हुआ हो सकता है। आप सावधान रहियेगा।”

 शेर ने कहा, ” मैं उससे निपटने में सक्षम हूँ। तुम बताओ कहा है वह”

खरगोश ने कुँए की ओर इशारा करते हुए कहा, ” महाराज जब हम सब आ रहे थे तो वह यहीं बाहर ही था। लगता है आपको देखकर इस गड्ढे में छिप गया है।”

शेर कुँए की तरफ बढ़ा और कुँए के अंदर झांकने लगा। कुएं के अंदर पानी में उसे अपनी ही परछाई नजर आने लगी।

परछाई को देखकर शेर जोर से दहाड़ा। उसकी आवाज कुए से टकराकर बाहर आ रही थी। उसने सोचा कि अंदर वाला शेर भी दहाड़ रहा है। दुश्मन को तुरंत मार डालने के इरादे से वह कुँए में कूद गया।

कुए में कूदते ही वह डूबने लगा। क्योंकि उसे तैरना नहीं आता था। अब उसने खरगोश से मदद मांगने के लिए आवाज लगाई, लेकिन खरगोश ने कोई उत्तर नहीं दिया। शेर कुँए में डूबकर मर गया।

   चतुर खरगोश बहुत खुश हुआ और उसने जंगल में आकर सभी जानवरों को पूरी कहानी बताई। और यह भी बताया,

कि कैसे उसने बहादुरी और बुद्धि के प्रयोग से पूरे जंगल को उस निर्दयी शेर से छुटकारा दिलाया। जंगल में सभी बहूत खुश हुए और खरगोश को शाबासी दी।


◆ Moral of Lion and Rabbit Story in Hindi:- घोर संकट के समय में भी हमें सूझ बूझ और बुद्धि का प्रयोग करना चाहिए। आपका एक प्रयास जीवन की राह मोड़ सकता है.

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Story like Rabbit and Lion Story in Hindi


” शेर, ऊंट, सियार और कौआ “


  एक बार किसी जंगल में एक शेर रहता था। उसके यहाँ सियार और कौआ, दो नौकर थे।

    एक दिन कौए को जंगल में भटकता हुआ एक ऊंट दिखा, वह शायद अपने झुंड से बिझड़ गया था। वह शेर की गुफा की तरफ ही आ रहा था।

कौए ने शेर को बताया और शेर की नजर उस पर पड़ी। उसे देखकर शेर कहने लगा, ” अरे वाह! ये तो विचित्र जीव है। जाकर पता लगाओ की यह जंगल का है,

या किसी गांव का!” यह सुनकर कौआ बोला, ” स्वामी यह ऊंट है। गांव का प्राणी, और आपका भोजन! कृपया आप इसको मार डालिये.

   शेर बोला, “मैं अपने क्षेत्र में आए किसी भी अतिथि जीव को नहीं मारता। कहा गया है कि अपने घर मे आए अतिथि के रूप में शत्रु को भी नहीं मारना चाहिए। अतः उसको अभयदान देकर इधर ले आओ। “

  सियार गया और ऊंट को आदरपूर्वक लाकर शेर के सामने खड़ा कर दिया। ऊंट ने शेर को प्रणाम किया और वहीं नीचे बैठ गया।

शेर ने जब उससे यहां जंगल में भटकने का कारण पूछा तो ऊंट ने बताया कि वह अपने साथियों के साथ जंगल आया था और अब यहां भटक गया है।

शेर के कहने पर वह अब उन लोगों के साथ ही रहने लगा।

Intrusting part of story like sher aur khargosh ki kahani in hindi- कुछ ही दिनों बाद उस शेर का एक विशालकाय हाथी से घमासान युद्ध हुआ।

उस हाथी के भयानक दांतो के प्रहार की वजह से शेर अधमरा हो गया। किंतु वह जीवित बच गया।

  अब वह चलने फिरने में असमर्थ हो गया। उसके कहीं बाहर न जा सकने की वजह से , सियार और कौआ भी भूखे रहने लगे। क्योकि शेर जो शिकार करता था उसका कुछ भाग कौए और सियार को मिलता था,

जिसको खाकर ही वे दोनों अपना पेट भरते थे।  अब शेर, शिकार करने मे असमर्थ था।

कौए और सियार की दुर्दशा देख कर शेर बोला, “किसी ऐसे जीव को ढूंढो , जिसको मैं इस अवस्था में मारकर भी तुम्हारा पेट भर सकूं।” उन दोनों ने पूरा जंगल छान लिया परन्तु कोई ऐसा जानवर नहीं मिला।

तब कौए और सियार ने मिलकर योजना बनाई। कौआ सियार से बोला, ”  मित्र इधर उधर घूमने से क्या लाभ ।हम ऊंट को ही अपना भोजन बनाएंगे। “

सियार शेर के पास गया और उससे कहा, ” महाराज हम सबने मिलकर पूरा वन छान मारा, लेकिन कहीं कोई जीव नहीं मिला।

औऱ अब भूख इतनी सता रही है कि हमारे लिए एक पैर भी आगे बढ़ाना मुश्किल हो गया है। आप बीमार हैं, यदि आप कहें तो इस बार ऊंट को ही अपना भोजन बना लेते हैं। “

पर शेर ने मना कर दिया क्योंकि उसने ऊंट को अपने यहाँ पनाह दी थी। इसलिए वह ऊंट को नहीं मारना चाहता था।

  पर सियार ने किसी तरह शेर को अपनी चिकनी चुपड़ी बातों से मना ही लिया। राजा की आज्ञा पाते ही सभी जीव उसके सामने आए , साथ ही ऊंट भी आया.

Moral part of Story like rabbit and lion story- शेर ने इन सब से पूछा, ” क्या किसी को कुछ मिला”

    सबका एक ही उत्तर था कि उन्हें कुछ नही मिला। पर अपनी राजा की भूख मिटाने के लिए सभी जानवर बारी बारी से आगे आए और शेर से स्वयं को खाकर भूख मिटाने की विनती करने लगे।

पर सियार ने कुछ न कुछ खामी बताकर उन सबको वहां से हटा दिया।

    अंत में ऊंट की बारी आई। सीधे सादे ऊँट ने जब ये देखा की सभी जानवर अपने राजा की भूख मिटाने के लिए अपनी जान भी दांव पर लगाने को तैयार हैं तो, वह भी पीछे नहीं रहा।

  उसने शेर से कहा, ” स्वामी ये सब आपके लिए खाने योग्य नहीं हैं, किसी के नाखून बड़े हैं, कोई आकार में छोटा है या तो किसी के घने बाल हैं। आज आप मेरे ही शरीर से अपनी भूख मिटाइये, जिससे कि मुझे स्वर्ग की प्राप्ति हो सके।

     इतना कहना था कि सियार उस पर झपट पड़ा। उसने देखते ही देखते इसका पेट चीर दिया। वह मर गया।
सभी भूखे जानवरों ने उसे खा कर अपनी भूख मिटाई।


◆ Moral of this story like Rabbit and Lion story in Hindi :- धूर्त प्राणियों से सदा चौकन्ने व दूर रहें। उनकी मीठी मीठी बातों पर बिल्कुल न आएं और विवेकहीन मालिक से भी दूर ही रहें।

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Story like Chalak Khargosh


” शेर का बच्चा गीदड़ “


     बहुत समय पहले की बात है। एक जंगल में शेर और शेरनी का जोड़ा रहता था। उनके दो बच्चे हुए। शेर हर रोज शेरनी के लिए हिरन का शिकार कर ले आता था, ताकि उसके बच्चे और शेरनी ताकतवर हों।

   एक दिन जंगल मे बहुत देर तक घूमने के बाद भी शेर को शिकार नहीं मिला। वह अपने घर को लौट ही रहा था की रस्ते में उसे एक गीदड़ का बच्चा मिला। वह बच्चे की ओर आया और शेर को उस पर दया आ गयी।

उसने उस गीदड़ के बच्चे को नहीं मारा, बल्कि वह उसे जीवित अपने साथ अपने घर ले आया।

    घर लाकर उसने वह बच्चा शेरनी को थमा दिया। और उससे कहा, “आज कोई शिकार नहीं मिला। रस्ते में ये ही मेरे सामने आ गया तो मैं इसे अपने साथ ले आया। अगर तुम्हें भूख लगी है तो तुम इसे खाकर अपना पेट भर सकती हो।”

शेरनी बोली, “जब आपने इसे नहीं मारा तो मैं कैसे इस प्यारे से बच्चे को मार सकती हूँ। मैं इसे अब अपने पास ही रखूंगी और अपने बच्चे के जैसे इसे पालूंगी। समझ लूंगी की यह मेरा तीसरा बच्चा है।”

  गीदड़ का बच्चा भी अब शेरनी का दूध पीकर हृष्ट पुष्ट हो गया। अब बच्चे धीरे धीरे बड़े होने लगे। तीनो एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। और एक साथ ही खेलते कूदते थे।

शेर और शेरनी भी तीनो से एकसमान ही प्रेम करते थे।

Intrusting part of rabbit and lion story in hindi- कुछ दिनों बाद जंगल में एक हाथी आ गया, उसे देख कर शेर के दोनों बच्चे उस पर घुर्राने लगे।

गीदड़ के बच्चे ने उन्हें ऐसा करने से मना किया लेकिन वह नहीं माने।

उसने फिर दोनों से कहा, ” यह हमारा कुलशत्रु है, हमें इसके पास नहीं जाना चाहिए। इससे दूर ही रहना चाहिए।”

यह कहकर वह घर की ओर भागा और उसके साथ दोनो भी पीछे हट गए।

घर जाकर यह सब कहानी शेर के बच्चों ने माँ-बाप को बताई।  और उसके दुश्मन को देखकर भाग जाने पर गीदढ़ का उपहास भी उड़ाया।

गीदड़ का बच्चा बहुत क्रोधित हो गया। वह अब अपने दोनों भाइयों को जली कटी सुनाने लगा। तब शेरनी ने उसे एकांत में  बुलाया और कहा, “इतना गुस्सा करना ठीक नहीं। वो दोनों तेरे छोटे भाई हैं जो हुआ उसे भूल जा।”

    गीदड़ का बच्चा शेरनी के समझाने पर और भड़क उठा। और बोलने लगा, ” मां तुम हमेशा इन दोनों का ही पक्ष लेती हो, मैं बहादुरी में, विद्या और कौशल में किसी चीज में भी इनसे कम नहीं हूं।

ये मेरी हँसी उड़ा रहे हैं, इनको तो मैं मज़ा चकाउंगा। आज मैं इन्हें मार डालूंगा।”

Moral part of story like sher aur khargosh ki kahani in hindi- यह सुनकर शेर ने हंसते हुए कहा , “बेटा, तू बहादुर भी है,सुंदर भी है,

और बलवान भी लेकिन जिस कुल में तेरा जन्म हुआ उस कुल में हाथी नहीं मारते। समय आ ही गया है कि तुझे सच बता दिया जाय।

तू वास्तव में गीदड़ों के कुल का है। बचपन में तू कहीं भटक गया था, मैं तुझे उठा लाया । और तेरी शेरनी मां ने तुझे अपना दूध पिला कर बड़ा किया है।”

  यह सुनकर गीदड़ को बहुत बुरा लगा। उसने सभी से माफी मांगी और शेर से उसे अपने कुल में वापस छोड़ आने की विनती की। शेर ने कहा, “ठीक है, लेकिन मैं ज्यादा अंदर तक नहीं आऊंगा। नहीं तो वे लोग मुझसे डर जाएंगे!”

शेर उसको लेकर चला गया। शेरनी औऱ उसके दोनों भाई बहुत दुखी हुए।

और इस प्रकार गीदड़ शेरों वाला जीवन जीकर वापस अपने कुल में शामिल होने चला गया।


◆ Moral of this story like Chalak Khargosh :- ”सोने को चाहें किसी अन्य धातु के साथ तोला जाए,लेकिन सोना सोना ही रहता है, कोई अन्य धातु इसका कभी भी कोई मुकाबला नहीं कर सकती ”

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Conclusion:


आज आपने पढ़ी Lion and Rabbit Story in Hindi. आशा करते हैं, आपको हमारी आज की Sher aur chalak khargosh Kahani मोरल कहानियां पसन्द आयी ।

Chalak Khargosh जैसी ही और मोरल कहानियां पढ़ने के लिए चेकआउट कीजिये, हमारी प्लेलिस्ट को। और बने रहिये, हमारे साथ।

thanks…!

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