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31+ Great Shree Krishna Quotes in Hindi | Lord Krishna Quotes on Life

वेदों में प्रख्यात 31+ Great Shree Krishna Quotes in Hindi. जिन्हें पढ़कर आप निश्चित प्रेरक होंगे, और इन Lord Krishna Quotes को अपने जीवन मे निवेश करके सफलता प्राप्त कर पाएंगे।

Shree Krishna Quotes in Hindi


Krishna Quotes in Hindi 1-10 :


 ◆ श्री कृष्ण अनमोल वचन


_” कर्म, पूजा का ही रूप है।”


अर्थात :- कर्म पूजा के समान है, जिस प्रकार सभी पूजा करके आशीर्वाद को ईश्वर पर छोड़ देते हैं उसी प्रकार कार्य को करके उसका फल ईश्वर पर ही छोड़ देना चाहिए।

कर्म करिए, फल की आशा न करें। निश्चिय रूप से आपको आपका फल समय आने पर मिल ही जाएगा।


_” मैं किसी के भाग्य को नहीं बनाता, और न ही किसी के कार्य का फल देता हूँ।”


अर्थात:- श्रीकृष्ण कहते हैं कि, प्रत्येक मनुष्य अपने-अपने कर्मों द्वारा ही अपने भाग्य को बनाता है। वह अपने अच्छे कर्मों के द्वारा जहाँ पूण्य अर्जित करता है, वहीं एक अच्छा भविष्य भी बनाता है। अच्छे कर्मों से मनुष्य को अच्छा अनुभव प्राप्त होता है और सफलता भी मिलती है।

कर्म यदि मेहनत से किया गया हो तो उसका फल हमें स्वयं ही प्राप्त हो जाता है। यदि कोई बिना कर्म किये अच्छे फल की आशा कर रहा है और भगवान से रोज अपनी सफलता की कामना कर रहा है तो निश्चित रूप से वह अपने भविष्य को अंधकार में धकेल रहा है।


_” अपने कर्म पर अपना ध्यानकेन्द्रित करें, न कि उसके फल पर।”


अर्थात :- अपने कार्य को पूरी कर्तव्यनिष्ठा से करने की कोशिश करनी  चाहिए। हमें अपना ध्यान केवल अपने कार्य पर ही लगाना चाहिए।  कार्य को उचित ढंग से करने के लिए हमें बहुत कठिन परिश्रम और कर्तव्यनिष्ठता की आवश्यकता होती है।

यदि हम अपने कार्य से अपनी निष्ठा हटा कर उसको फल प्राप्ति की इच्छा पर नष्ट करते हैं तो न ही हम वो कार्य ढंग से कर पाते हैं और न ही हमें कार्य का फल मिल पाता है। अतः कर्म करें फल की आशा न करें।


_”यदि आप अपने मन को वश में नहीं करेंगे तो, यह आपके शत्रु का कार्य करने लग जाएगा।”


अर्थात :-  मन अत्यधिक चंचल प्रवृति का होता है। मन जैसा चाहता है, हम वैसा ही कार्य करने लगते हैं। कभी कभी मन हमें कुछ अनुचित करने को भी बाध्य कर देता है। जो कि बाद में हमे कठिनाई में फंसा देता है।

अतः अपने मन को काबू में रखना चाहिए। मन को सदैव अपने अनुसार चलाना होगा। वरना वो हमारे शत्रु के रूप में हमारा पतन शुरू कर देगा।


Lord Krishna Quotes on Life

_” जो सन्देह के जाल में फंसे होते हैं उन्हें कभी खुशी नहीं मिलती।”


अर्थात :- जिन व्यक्तयों को सन्देह की आदत लग जाती है, वे हर कार्य को करने और कुछ घटित होने पर सन्देह करते रहते हैं जो कि उस कार्य के होने के लिए अशुभ होता है,

और हो सकता है कि कार्य बिगड़ भी जाए। इस तरह वह मनुष्य सदा दुखी रहता है।

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_ ” तनाव उतपन्न करने वाला जो कर्म है, वह है अप्राकृतिक कर्म।”


अर्थात | Krishna Quotes in Hindi :- प्राकृतिक कार्यों को करने में जो आनन्द मिलता है वह किसी कार्य में नही । वहीं जब हम किसी अप्राकृतिक कार्य को करते हैं तो हमे उसमें न ही आनंद आता है और न ही उसमें हमारा मन लगता है।

ऐसी स्थिति केवल तनाव उतपन्न करती है, जिसका प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है।


_”जो सभी इच्छाओं को त्याग देता है, जो ‘मैं’ की भावना से परे हो जाता है, उसे शांति प्राप्त होती है।


अर्थात | Shri Krishna Quotes : जो व्यक्ति अपना दुःख, अपनी व्याकुलता, सभी प्रकार की भावनाओं और इच्छाओं को त्याग देता है। वह संसार की मोह माया से दूर हो जाता है। संसार मे कुछ होने या न होने से उसको कोई फर्क नहीं पड़ता,

और ऐसा करने से वह व्यक्ति सभी प्रकार की उसके मार्ग में आने वाली कठिनाइयों से भी दूर होता चला जाता है। कठिनाइयों का भी उसके जीवन में कोई प्रभाव नहीं पड़ता और अन्ततः उसे शांति प्राप्त होती है।


_” अपने छोटे कार्य करना एक बड़े गलत कार्य करने से बेहतर है।”


अर्थात | Lord Krishna Quotes :- लोभ, लालच के चक्कर में आकर मनुष्य अनेक गलत कार्यों में अपनी रूचि रखने लगता है। जो कि मनुष्य के पतन का कारण बनती हैं। और अंत में उसका विनाश निश्चित होता है। जो व्यक्ति इन सभी तथ्यों को समझ जाता है,

वह हर कार्य करने से पहले बहुत बार सोचता है, कि कहीं जो मैं करने जा रहा हूँ वह गलत तो नहीं! यदि उसे सन्देह मात्र भी होता है तो वह उस कार्य को छोड़ देता है। अतः गलत कार्य करने से पहले 1 बार जरूर सोच लेना चाहिए। ताकि बाद में पछतावा न हो।


Sri Krishna Quotes

_ ” आत्मा को अग्नि नहीं जला सकती, शस्त्र नहीं काट सकते, समुद्र नहीं डुबा सकता और वायु नहीं उड़ा सकती।”


अर्थात | Krishna Quotes on Life :- आत्मा एक ऐसी वस्तु है, जिसका कोई भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता। उसे न ही शस्त्र काट सकता है ना ही अग्नि जला सकती है। आत्मा अजर, अमर होती है। शरीर नष्ट हो जाते हैं लेकिन उस शरीर के नष्ट होने से उस आत्मा का अंत होना अमानवीय है।

आत्मा शरीर के नष्ट हो जाने के बाद एक नए सफर में निकल पड़ती है और इस सफर का अंत होता है मोक्ष । जब तक आत्मा का मोक्ष द्वारा परमात्मा से मिलन नहीं होता तब तक आत्मा को निरन्तर चलते रहना पड़ता है।


_ ” मनुष्य को अपनी वासना के कारण ही नया जन्म मिलता है।”


अर्थात | Krishna Quotes in Hindi :- मनुष्य अपने गलत कर्मों के वजह से अपने जन्म में तो उनका फल भुगतता है , साथ ही उसको अपने कर्मों के इस जन्म के हिसाब से ही उसका अगला जन्म भी मिलता है। यदि उसने अच्छे कर्म किये होंगे,

तो उसको कम कठिनाई भरा जीवन मिलेगा। यदि उसने गलत कर्म किये होंगे तो अगला जन्म उसके लिए उतना ही कठिन और मुश्किलों भरा होगा।

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Lord Krishna Quotes 10-15 :


_” जो व्यक्ति कर्म में निष्क्रियता देखता है और निष्क्रियता में कार्य देखता है, वह मनुष्य ही बुद्धिमान कहलाता है।”


अर्थात | Sri Krishna Quotes :– जो व्यक्ति बड़े से बड़े कार्य को भी सरल समझकर कर लेता है, जो निष्क्रिय होने पर भी उस निष्क्रियता में कार्य ढूंढ़ लेता है, वह मनुष्य जीवन में कभी भी असफल नहीं होता।

वह सदैव सफलता के पथ पर चलकर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर ही लेता है। और ऐसे ही मनुष्य बुद्धिमान कहलाता है। ऐसे ही व्यक्ति अपनी पहचान विश्व में बना पाते हैं। संसार को ऐसे हो लोगों की आवश्यकता है।


_ “कोई भी व्यक्ति जो चाहे वो बन सकता है। यदि वह विश्वास और इच्छा के साथ उस एक वस्तु अथवा लक्ष्य के बारे में सोचे।”


अर्थात | Lord Krishna Quotes :- जब कभी कोई मनुष्य किसी लक्ष्य के बारे में सोचता है और उसके पथ में पूरी कर्तव्यनिष्ठा और मेहनत के साथ चलता है, जब वह अपना सब कुछ भूल कर उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जुट जाता है,

तो वह शीघ्रता से वह लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। वह किसी भी लक्ष्य के बारे में सोचकर कुछ भी बन सकता है।


_” बुरे कर्म वाले, नीच, जो गलत प्रवृत्तियों से जुड़े हुए हैं और जिनकी बुद्धि माया जाल से भ्रष्ट हो चुकी है, वे कभी मुझे पाने का प्रयास या मेरी पूजा नहीं करते।”


अर्थात | Shri Krishna Quotes :- ऐसे घृणित मनुष्य जो अपना मन केवल मोह माया, और गलत कार्यों , गलत प्रवृत्तियों में लगाते हैं, उनका मन भी वैसा ही घृणित हो जाता है। श्रीकृष्ण के अनुसार वे कभी भी अपने उस घृणित मन से उनकी उपासना नहीं करते हैं और न ही वे कर सकते हैं।


_ ” जो व्यक्ति ज्ञान में विश्वास नहीं रखते, वे मुझे प्राप्त किये बिना जीवन-मृत्यु के चक्र में फंसे रहते हैं।


अर्थात | Krishna Quotes on Life :- अज्ञानी व्यक्ति जो कि ज्ञान में विश्वास नहीं रखते हैं, और अपने मन से गलत कार्यों को करते रहते हैं, ईश्वर की उपासना में अपना मन नहीं लगाते हैं, वे सदा लक्ष्य से भटके ही रहते हैं।

उन्हें अपने जीवन में कभी शांति नहीं मिलती। और मोक्ष प्राप्त करना भी उनके लिए काठिन होता है। वे एक जन्म के बाद दूसरे जन्म फिर उसके बाद और अन्य जन्मों में ही उलझे रह जाते हैं क्योंकि वे उन जन्मों का भी दुरुपयोग ही करते हैं।


_” मैं प्राचीन, वर्तमान  और भविष्य के सभी प्राणियों को जनता हूँ। किंतु वास्तविकता में मुझे कोई जान नहीं सकता।”


अर्थात | Sri Krishna Quotes :– पूरा ब्रह्मांड ईश्वर का रचाया हुआ है। कौन सी चीज क्या है, कहाँ है, किस प्रकृति की है उनसे बेहतर कोई भी नहीं जानता। श्रीकृष्ण कहते हैं कि वे संसार में सभी से भली प्रकार से परिचित हैं।

वे कहते हैं कि, वे तो सभी को जानते हैं। लेकिन कोई भी उन्हें नही जानता। और कोई उन्हें जान भी नहीं सकता। मानव संसार का सबसे बुद्धिमान प्राणी है, वह जितना सोच सकता है, ईश्वर उससे भी ज्यादा महान हैं।


Lord’s Motivational Vichar 15-20 :


_” स्वर्ग की आकांक्षा और स्वर्ग प्राप्त करने पर और उस स्वर्ग में निवास करने के पश्चात, एक ‘असफल योगी’ पुनः एक पवित्र कुटुंब में जन्म लेता है।”


अर्थात | Krishna Quotes in Hindi :- एक योगी मोह माया से दूर इसलिए होता है ताकि वह स्वर्ग जा सके। परन्तु होना यह चाहिए कि उस योगी द्वारा किये गए कर्म उसको मोक्ष तक ले जा सकें। स्वर्ग जाने के पश्चात और वहां बहुत अधिक समय बिताने के पश्चात उसका जन्म फिर से मृत्युलोक पर होता है,

उसे फिर वही सब झेलना पड़ता है लेकिन उस असफल योगी को यह नहीं पता होता कि यहां कर्म स्वर्ग जाने के लिए करने हैं या मोक्ष प्राप्त करने के लिए।


_ ” किसी भी चीज का निर्माण, उस प्रकार की वस्तु का पहले से होने का प्रक्षेपण है।”


अर्थात | Shri Krishna Quotes :- पहले से बनी हुई चीजों का पुनः किसी अन्य स्थान पर निर्माण कोई बडी बात नहीं है। उस वस्तु को सबसे पहले जिसने सोचा और उसको स्वयं अपनी सोच के अनुसार रूप दिया, वह महान है।

संसार में दूसरों का अनुसरण करना तो सरल है किन्तु, स्वयं वह प्रेरणा बनना बहुत ही कठिन।जिसके लिए बहुत मेहनत, लगन, एकाग्रता और कठिन परिश्रम की  आवश्यकता होती है।


_” मैं सभी जीवों के हृदय में विद्यमान हूँ।”


अर्थात | Lord Krishna Quotes :- ईश्वर सब जगह विद्यमान होते हैं। वे प्रत्येक जीवित वस्तु में हैं, उनकी आत्मा के रूप में । हम जो भी कार्य करते हैं उसके लिए जो शक्ति हम उपयोग करते हैं वो सब हमें अपने अंदर विद्यमान ईश्वर से ही प्राप्त होती है।

प्रकृति के कण कण में ईश्वर है। भगवान को पत्थरों में ढूढने की बजाय अपने अंदर महसूस करें, वे और कहीं नहीं आपके मन मे ही बसे हुए हैं। बस श्रद्धा से उनको पुकारें।


_” चेतन या अचेतन, संसार में ऐसी कोई वस्तु नहीं जो मेरे बिना अस्तित्व में हो।”


अर्थात | Krishna Quotes on Life :- श्री कृष्ण बताते हैं कि संसार में जितनी भी वस्तुएं हैं, सूक्ष्म या विशाल, जीवित या अजीवित, सभी का अस्तित्व उनसे ही है। यदि वे न होते तो आज यह ब्रह्मांड यह संसार ,

और संसार में कुछ भी न होता। पूर्ण संसार उन के द्वारा रचाया गया है। उनसे ही जीवन है, उनसे ही मृत्यु। वही आदि हैं वही अंत। वे और कहीं नहीं आपके स्वच्छ निर्मल हृदय में ही वास करते हैं।


_” स्वार्थ से भरे कार्यों को संसार से दूर रखने में ही सबकी भलाई है। अपने जीवन से स्वार्थ को दूर रखने का प्रयास करें, बिना किसी व्यक्तिगत लाभ के।”


अर्थात | Shree Krishna Quotes in Hindi :- स्वार्थ मनुष्य को ले डूबता है।  स्वार्थ एक कारागार के समान है, जिसके लिए किए गए कार्य एक कैद जैसे  है। जिसके चंगुल में आकर मानव बुराई के कारागार में जकड़ता ही चला जाता है।

अतः श्रीकृष्ण कहते हैं कि किसी भी प्रकार के गलत कार्यों और बुराई से बच कर रहें और अपने मन व हृदय को इसके विरुद्ध दृढ़ बनाएं। ताकि बुराई आपके पास आने से भी कतराए।


Shri Krishna Quotes 20-25 :


_” सभी अपने जरूरी कार्यों को स्वयं करें । क्योंकि वास्तव में कार्य करना, निष्क्रियता से कही ज्यादा बेहतर है।”


अर्थात | Sri Krishna Quotes :- जब कभी आप निष्क्रिय बैठे रहते हैं तब भी कोई न कोई छोटे-बड़े कार्य ढूंढकर करते रहें। क्योकि वे छोटे कार्य भी उतना ही महत्व रखते हैं जितने कि बड़े कार्य। अतः अपना खाली समय उन सभी कार्यों को पूर्ण करने में व्यस्त रखें।

जिससे कि आपकी निष्क्रियता भी भंग हो जाएगी और समय के सदुपयोग से वे कार्य सफ़लतापूर्वक पूर्ण भी हो जाएंगे।


_ “इस संसार में न कुछ खोता है और न ही नष्ट अथवा व्यर्थ होता है।”


अर्थात | Krishna Quotes on Life :- ऊर्जा के संरक्षण नियम के अनुसार, इस संसार में न ही उर्जा को नष्ट किया जा सकता है, और न ही उतपन्न किया जा सजता है, इसे एक  रूप से दूसरे रूपों में परिवर्तित किया जा सकता है। ठीक उसी प्रकार इस संसार मे न ही कुछ नष्ट होता है,

और न ही कुछ व्यर्थ होता है। इस संसार की वस्तुऐं इस संसार में ही रह जाती हैं यह केवल हमारा भरम होता है कि वह वस्तु खो गयी है अथवा नष्ट हो गयी हैं। हम अपनी बुद्धि और विवेक के बल पर उस वस्तु को दुबारा प्राप्त कर सकते हैं।


_ ” जो वास्तविक नहीं है उससे मत डरो।  क्योंकि वह चीज जो अवास्तविक नहीं हैं वे सदा आपके साथ रहती है अथवा,  जो वास्तविक है  वो हमेशा से थी और उसे कभी नष्ट नहीं किया जा सकता है।


अर्थात | Krishna Quotes in Hindi :- जो वस्तु स्वयं वास्तविक है उसको दूसरों के प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती। उसे किसी का भी भय नहीं होता। वह कठिन परिस्थितियों में भी आपके साथ रहता है। जो वास्तविक है उसे न ही नष्ट किया जा सका है, और ऐसा न ही कभी हुआ है न आगे हो सकेगा ।


_” मैं उन्हीं को ज्ञान देता हूँ जो मुझसे प्रेम करे, मेरा विश्वास रखे तथा जो मुझसे सदा के लिए जुड़े रहते हैं।’


अर्थात | Hare Krishna Quotes  :- श्रीकृष्ण के अनुसार वे सदैव अपने भक्तों के साथ उनकी रक्षा करने के लिए तैयार होते हैं। वे कहते हैं कि मैं सदैव तुम सभी के साथ हूँ, यदि तुम सभी मुझसे बहुत प्रेम करते हो।

मुझमे यदि तुम्हारा विश्वास है तो तुम लोगों को चिता करने की कोई जरूरत नहीं है। सब मुझ पर छोड़ दो। यदि तुम लोगों ने अपने पावन हृदय द्वारा कार्य किये हैं तो तुम्हें किसी भी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नही है।


_” अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए जो मेरी शरण में आता है वह अविनाशी निवास प्राप्त कर लेता है।”


अर्थात | Shree Krishna Quotes in Hindi :- मनुष्य यदि धरती में अपने कर्तव्यों को पूरा करने के साथ साथ श्री हरि का भी सुमिरन करता है तो ईश्वर (हरि/श्रीकृष्ण) स्वयं उस तक कठिनाइयों को नहीं पहुंचने देते।

जो मनुष्य ईश्वर की शरण में होगा वह स्वयं को सुरक्षित महसूस करेगा और इस प्रकार उसका असर उसके लिए अविनाशी हो जाता है। जो कि किसी भी साधारण मनुष्य के जीवन में होना एक सामान्य घटना बिल्कुल नहीं हैं।


Krishna Quotes on Life 25-30 :


_” मैं धरती की मधुर गन्ध हूँ,

     मैं अग्नि की ऊष्मा हूँ

     मैं सभी जीवित प्राणियों का जीवन हूँ

    मैं ही सन्यासियों का आत्मसयंम हूँ।”


अर्थात | Krishna Quotes in Hindi :- श्री कृष्ण कहते हैं, कि वे धरती की जितनी भी मधुर सुगन्ध है, उसमें हैं। वे अग्नि से जो ऊष्मा निकलती है, जिसका ताप हमें उनके होने का  एहसास दिलाता है, उस ऊष्मा में भी श्रीकृष्ण बसे हुए हैं।

वे सभी प्राणियों के जीवन के रूप में सदैव उनके साथ रहते हैं। वे सभी ऋषि मुनियों के आत्मसंयम में विद्यमान हैं, ताकि उनका मन सदैव सत्कार्य और सद्भाव में लगा रहे।


_” जिसने कामना की भावना को त्याग दिया, कर्म उसे कभी नहीं बांध सकता।”


अर्थात | Sri Krishna Quotes :- धरती में कुछ ऐसे लोग होते हैं जैसे ऋषि मुनि और अन्य, जो कि बिना कामना और फल की इच्छा के अपना कार्य करते हैं। सामान्य रूप से ऐसे महापुरुषों को कोई कर्म नही बांध सकता,

अपने अधीन नहीं कर सकता। क्योंकि वे तो किसी सफलता के पीछे नहीं लगे हैं, जिसकी इच्छा उन्हें उस सफलता के कार्य के पथ पर अग्रसित  कर सके। अतः वे सभी कर्मो से विरक्त हो चुके होते हैं।


_” मैं दुनिया का उपभोग करने आया हूं, मैं समय हूं , सबका नाशक।”


अर्थात | Krishna Quotes on Life :- श्री कृष्ण कहते हैं, की दुनिया में सबसे शाक्तिशाली समय उनका ही रूप है, समय बहुत ही बलवान होता है। जो बीत गया उस समय को कोई शूरवीर वापस नहीं ला सकता, और जो आगे आने वाले समय में होने वाला है वो कोई भी नहीं जान सकता है।

समय के आगे , बडे बड़े वीर अपना मस्तक झुक देते हैं। समय किसी का भी हो सकता है, समय में राजा को रंक और रंक को राजा बनाने की शक्ति होती है, देर है तो बस उस अवसर को पहचानने की जो कि आपको समय के किसी भी क्षण मिल सकता है। उसके बाद आपका जीवन परिवर्तन निश्चित है।

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_” यह बड़े दुख की बात है कि हम लोग सुख सम्पत्ति के लोभ में, अपने ही प्रियजनों और परिवार का नाश करने में लगे रहते हैं। ऐसा करके हम बड़े पाप के भागीदार बन रहे हैं।”


अर्थात | Lord Krishna Quotes :- हम सब सुख नामक माया के जाल में बुरी तरह से जकड़े हुए हैं। ऐसी सुख सम्पत्ति का क्या लाभ जो कि न तो स्थायी है और न ही उसका कोई भविष्य में मृत्यु तक साथ रहने का विश्वास। यह केवल एक मिथ्याभाव रूपेण उतपन्न भ्रम है,

जो कि प्रत्येक मनुषय को अपने चंगुल में फसाए हुए हैं। धन, और माया के लालच में आके मानव अपने सगे सम्बंधियों को भी नहीं छोड़ता अन्य लोगों के बारे में तो फिर वो कुछ सोचता-समझता ही नहीं है। अब उसके कर्मों के फल ही उसको उसके पापों का अंदाज़ा लगवा सकते हैं।


_” कायरता को प्राप्त करके न तो कीर्ति को बढ़ाया जा सकता है, और न ही स्वर्ग प्राप्त किया जा सकता है। कायरता प्राप्त करना किसी भी श्रेष्ठ मनुष्य के आचरण के विपरीत है।


अर्थात | Hare Krishna Quotes :- जो मनुष्य अपने कर्मों से भागने का प्रयत्न करता है, वे कर्म उसका पीछा अंत तक करते रहते हैं।  कोई भी कायर मनुष्य अपने कर्मों से भाग नहीं सकता। अंत में उसे ये कर्म करने ही पड़ते हैं, वह केवल समय नष्ट करता है, अपने कर्मों से भागकर।

कायर व्यक्ति कभी भी श्रेष्ठ नहीं कहला सकता और न ही अपनी कीर्ति स्थापित कर सकता है। जो मनुष्य स्वयं को श्रेष्ठ समझता है और कायरता प्राप्त कर लेता है, वह वास्तव में श्रेष्ठ हो ही नही सकता। क्योंकि श्रेष्ठ मनुष्य की अलग ही पहचान होती है। जो कि उसके कार्य की सफलता  और उसके कीर्तिमानों से ही स्पष्ट हो जाता है।


Shree Krishna Quotes in Hindi 30-36 :


__” जो ज्ञानियों की तरह बात करते हैं, लेकिन किसी के चले जाने का शोक भी मनाते हैं वे ज्ञानी कदापि नहीं है। ज्ञानी लोग मृत या जीवित का शोक नहीं किया करते।”


अर्थात | Krishna Quotes on Karma:– स्वयं को ज्ञानी समझने वाले व्यक्ति  जब जीवन मृत्यु को ही नहीं समझ पाए, तो वे किस प्रकार के ज्ञानी हुए। मृत्यु जीवन का सबसे बड़ा सत्य है जिसका रहस्य समझना कठिन है, सभी लोग जीवन के पीछे ही भागते हैं ऐसा करके वे सपनी मृत्यु के औऱ करीब जा रहे होते हैं। यह हास्यास्पद मालूम पड़ता है,

कि वे जीवन के पीछे लगे रहते हैं और मृत्यु उनके पीछे। मृत्यु तो एक दिन सभी की होनी है, इस संसार में जिसने जन्म लिया है, उसको मरना भी होगा। कहने का तात्पर्य यह है कि जो मनुष्य मृत्यु के इस रहस्य को समझ गया वही ज्ञानी है और जो व्यक्ति किताबी ज्ञान पाकर भी मृत्यु के रहस्य को नहीं समझ सका वह शिक्षित होकर भी ज्ञानी नहीं है।


_” जिस प्रकार इस जीवन में आत्मा , बाल्यावस्था, युवावस्था और वृद्धावस्था को प्राप्त करती है, उसी प्रकार मरने के पश्चात अगले जन्म में भी वह एक नया शरीर धारण करती है। वीर पुरुषों को मृत्यु से डरना नहीं चाहिए।”


अर्थात | Hare Krishna Quotes :-  जिस प्रकार मनुष्य के इस जन्म में प्रवेश के पश्चात वह विभिन्न प्रकार के दौर से गुजरता है, कभी बच्चा बनता है फिर युवा हो जाता है फिर वृद्ध और फिर अंत में मर जाता है। उसी प्रकार मरने के पश्चात भी उसे एक नया शरीर मिलता है,

वह किसी भी रूप मे हो सकता है। यह क्रम तब तक चलता जाता है जब तक कि वह जीवन की सभी योनियों को पार कर मोक्ष नहीं प्राप्त कर लेता। अतः वीर मनुष्यों को मृत्यु के भय से कभी भी अपने कर्तव्यों से मुह नहीं मोड़ना चाहिए।


__”यह शरीर पंचतत्वों से मिलकर बना है, अग्नि,जल , वायु , पृथ्वी और आकाश। न ये शरीर तुम्हारा है और न तुम इस शरीर के। परन्तु आत्मा स्थिर है।”


अर्थात | Shri Krishna Quotes :- मनुष्य का शरीर संसार में विद्यमान 5 तत्वों से मिलकर बना है, जो हैं आग, पानी, हवा, मिट्टी और आकाश। अंत में शरीर को इन पांच तत्वों में मिलकर ही रह जाना है। न कोई शरीर मनुष्य का है,

और न ही कोई आत्मा उस मनुष्य रूपी शरीर की। अतः इस शरीर को प्राप्त करने पर अत्यधिक ख़ुशी अथवा इसे खो देने पर दुख, कभी भी किसी को भी नहीं करना चाहिए। न ही अपने लिए न ही किसी अन्य के लिए। आत्मा स्थिर है।


_” मैं ही सबकी उतपत्ति का कारण हूँ। मुझसे ही जगत का महत्व है।”


अर्थात | Lord Krishna Quotes :-  जो भी इस संसार में है वह ईश्वर की ही रचना है. इस संसार में जो कुछ भी घटित हो रहा है उसके लिए भी वे ही जिम्मेदार हैं। संसार का अस्तित्व उन्हीं से है या कहें कि संसार का अस्तित्व वे ही हैं। ईश्वर चाहें तो वे अपनी इच्छा से कुछ भी कर सकते हैं हमारे साथ या इस संसार के साथ।

अतः कभी भी घमण्ड नहीं करना चाहिए। हम कुछ भी नहीं हैं बस इस बड़े से ब्रह्मांड के छोटे से जगत की सबसे छोटी संरचना। किसी का ब्रह्मांड के सममुख कोई अस्तित्व ही नही है।


_” सभी को अपने आपको ईश्वर को समर्पित कर देना चाहिए। वे ही संसार का  सबसे श्रेष्ठ सहारा हैं। जो ईश्वर की शरण में आता है वह भय,  चिंता  और शोक जैसे विकारों से सदा मुक्त होता है।


अर्थात | Krishna Quotes on Life :- सभी मनुष्य अपने कर्मचक्र से बंधे हुए होते हैं जो कि उसे विभिन्न प्रकार की भावनाओं में कैद किये होता है। यदि वह स्वयं को ईश्वर को समर्पित करता है,

तो वह इन सभी बन्धनों से मुक्ति पा सकता है। वह क्रोध, भय औए चिंता जैसे अविनाशी विकारों से सदा के लिए मुक्ति पा लेता है।


_”  जो घटित हुआ अच्छा हुआ, जो घटित हो रहा है वह भी अच्छा हो रहा है और जो भविष्य में होगा वह भी अच्छा ही होगा।”


अर्थात | Shree Krishna Quotes in Hindi :- भूत काल का पश्चाताप और भविष्य की चिंता मत कीजिए। अपने वर्तमान में जी भर के जियें, और इसे ही अच्छा बनाने का प्रयत्न करें । जिससे कि आपका भविष्य भी अच्छा हो और उस वर्तमान की वजह से बीत हुआ कल भी।


Conclusion:


आज आपने जाने Shree Krishna Quotes in Hindi . इन Lord Krishna Quotes को आप अपने जीवन मे अपनाकर निश्चित ही सफलता प्राप्त करेंगे,

इसी आशा के साथ इस पोस्ट में इतना ही, ऐसी ही प्रेरणादायक बातें जानने के लिए चेक कीजिये हमारी प्लेलिस्ट। और बने रहिये sarkaariexam के साथ।

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