चालाक लोमड़ी और कौवे की कहानी | Chalak Lomdi ki Kahani 2021
आज हम पढ़ेंगे चालाक लोमड़ी और कौवे की कहानी। आशा करते हैं, आपको आज की हमारी यह कहानी पसन्द आएगी Chalak Lomdi ki Kahani-
चालाक लोमड़ी और कौवे की कहानी
एक जंगल मे एक कौवा रहता था, उसने अपना रहने का अड्डा पेड़ के ऊपर बना रखा था, एक दिन कौवे को भूख लगी थी, वह झट से उड़कर शहर गया, और वह से एक रोटी का जुगाड़ करके जंगल मे लाया।
वह उस रोटी का टुकड़ा लेकर अपने पेड़ की दाल में बैठा कुछ गा रहा था।
उसी गाँव मे एक लोमड़ी भी रहती थी, लोमड़ी बहुत चालाक थी, उस दिन उसे बहुत जोरो की भूख लगी थी, और कुछ भी खाने को नहीं मिल पा रहा था,
लोमड़ी ने अपने अगले बगल की जगहों में सब कुछ छान मार लेकिन लोमड़ी को कुछ भी नहीं मिल पाया।
फिर आखिर में वह जंगल मे अपना खाना ढूंढने निकल पड़ी, आखिर में वह उस पेड़ के नीचे जा पहुची, जहां कौवा रोटी का टुकड़ा मुह में लिए पेड़ पर बैठे गाना गा रहा था। लोमड़ी बहुत थक गई, और उसी पेड़ के नीचे आराम करने बैठ गयी।
कुछ देर वाद लोमड़ी को कौवे की गुनगुनाने की आवाज सुनाई दी। उसने ऊपर देखा,तो लोमड़ी को कौवे के मुह में रोटी दिखी।
लोमड़ी बहुत खुश हो गयी, और कौवे से बोलचाल शुरू कर दी। लोमड़ी ने कौवे की बहुत तारीफ की। और कोई गाना सुनाने के लिए कहा।
कौवा अपनी प्रशंसा सुनकर खुश हो गया, ओर लोमड़ी को गाना सुनाने के लिए उसने जैसे ही मुह खोला, वैसे ही उसकी रोटी नीचे गिर पड़ी।
लोमड़ी रोटी पकड़कर रफूचक्कर हो गयी, कौवा बेचारा थोड़ी देर बाद परेशानी होकर दोबारा खाने की तलाश में निकल पड़ा।
सीख | चालाक लोमड़ी और कौवे की कहानी – झूठी तारीफ से हमेशा बचना चाहिए।
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Disclaimer | चालाक लोमड़ी और कौवे की कहानी
आज आपने पढ़ी चालाक लोमड़ी और कौवे की कहानी। आशा करते हैं, आपको यह कहानी पसन्द आयी। ऐसी ही कहानी पढ़ने के लिए बने रहिए, हमारे साथ।