चिड़िया और सांप की कहानी | New Chidiya aur Saap ki Kahani with Moral
आज हम देखेंगे एक प्रसिद्ध चिड़िया और सांप की कहानी। आशा करते हैं, आपको आज की हमारी यह कहानी पंसन्द आएगी, तब चलिए शुरू करते हैं, Chidiya aur Saap ki Kahani–
चिड़िया और सांप की कहानी
कुछ साल पुरानी बात है, एक घने से जंगल में एक पेड़ पड़ एक चिड़िया का घोसला था, वह उसमे अपने परिवार यानी कि उसके छोटे बच्चों के साथ रहा करती थीं।
उसी पेड़ के बगल में एक पेड़ था, और उस पेड़ की जड़ में एक सांप का घोसला था, सांप को जब भी भूख लगती थी, वह उस चिड़िया के बच्चो का शिकार करने चला जाता था।
सांप ने चिड़िया के दो बच्चे पहले ही कहा दिए थे, अब उसके पास दो बच्चे ही बचे थे। ऐसे में कई बार चिड़िया ने उन बच्चो को सांप से बचाया था।
फिर एक दिन चिड़िया परेशान होकर जब खाना ढूंढने जा रही थी, तब उसे उसका एक परिचित मेंढक दिखा।
मेंढक ने चिड़िया को परेशान देखकर उसकी परेशानी पूछी। चिड़िया ने मेढक को अपनी परेशानी बताई। और कहा, मेढक भैया में बहुत परेशान हूँ। अगर आप मेरी कुछ मदद कर सकते हैं, तो कर दीजिए, मैं आओकी आभारी रहूंगी।
मेंढक ने चिड़िया को सुझाव देते हुए कहा, तुम नेवले के बिल से लेकर उस सांप के बिल तक कुछ मांस के टुकड़े रख कर देखो, नेवला सांप को मार देगा।
चिड़िया ने ऐसा ही किया, अगले दिन नेवला मांस खाते खाते सांप के बिल तक पहुच गया, जैसे ही नेवले और सांप ने एक दूसरे को देखा, उन दोनों के बीच घमासान लड़ाई हो गयी।
नेवला सांप के मुकाबले छोटा था, नेवले ने सांप को बुरी तरह घायल कर दिया, लेकिन जीत सांप की हुई। सांप ने नेवले को मार दिया।
और जब बाद में पता चला, की यह सब चिड़िया की साजिश है, तब वह पेड़ पर गया, और चिड़िया के सारे बच्चे भी उसने मार डाले।
चिड़िया को यह सब देखकर बहुत बुरा लगा। और वह उस जंगल को छोड़कर ही किसी अन्य जंगल मे चली गयी।
सीख | चिड़िया और सांप की कहानी – किसी भी काम को जल्दीबाज़ी में नहीं करना चाहिए, उसे सोच समझकर करने से परिणाम सही होंगे।
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Conclusion | Chidiya aur Saap ki Kahani
आज आपने देखी चिड़िया और सांप की कहानी. आपको आज की हमारी यह कहानी केसी लगी Chidiya aur Saap ki Kahani , जरूर बताइयेगा कमैंट्स में।