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Best Cow and Tiger Story in Hindi (गाय और बाघ की कहानी) | Lion and Cow

पंचतंत्र की प्रख्यात Cow and Tiger Story in Hindi. जिसे पढ़कर आपको एक प्रेरणा दायक सिख मिलेगी। तो चलिए, शुरू करते हैं, Lion and Cow Story.


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Cow and Tiger Story in Hindi:


” शेर और गाय “


     एक बार एक जंगल में एक शेर रहा करता था। जो जानवर भी उसके क्षेत्र में आता था तो वह उसको मार डालता था।

वहीं गांव में एक ग्वाले के पास, बहुत सारी गाएं रहती थी। जिनमें से एक गाय थी भूरी। वह बहुत ही समझदार, सहनशील, सुंदर और सभ्य गाय थी। उसका एक छोटा बछड़ा था।

वह अपने बछड़े से बहुत प्यार करती थी। भूरी सदैव उसको सदाचार की बातें समझाती थी। भूरी के साथ साथ अन्य गाएँ भी उस बछड़े को बहुत अच्छा मानते थे।

     सभी गायों को एक-दूसरे की मदद करना, साथ में सभी कार्यों को करना बहुत अच्छा लगता था। वे सभी कहीं चरने भी जाते थे तो साथ में ही जाते थे।


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एक बार भूरी और उसके साथी चरने के लिए बाहर गए थे। उन्हें रास्ते का पता नही चला और वे जा पहुंचे जंगल। जंगल में तो शेर का ही राज चलता था,

तो उसे पता चल गया कि कोई जानवर इसके क्षेत्र में प्रवेश कर चुका है।

शेर दबे पांव अपनी गुफा के बाहर निकला उसने देखा कि थोड़ी ही दूरी पर 4-5 गाएं गाएं घास चर रहीं हैं। वह तेजी से उस ओर गया।

भूरी की साथी गायों ने शेर को आते हुए देख लिया, उसमें से एक गाय ने कहा, ” चलो भागो! शेर आ गया । “

सब गाएँ एक साथ भागने लगी।

  भागते भागते भूरी का पैर नीचे गिरे पेड़ों की टहनियों के बीच फंस गया। उसकी साथी गाए उससे बहुत आगे निकल गयीं। भूरी वहां फस चुकी थी। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि अब वह करे तो क्या करे।

     थोड़ी ही देर में वहां शेर आ पहुँचा , उसने भूरी पर प्रहार करना चाहा लेकिन भूरी उसके नुकीले पंजों से बच गयी। शेर बहुत आक्रामक स्थिति में था।

  तभी अपनी करुण आवाज में भूरी ने शेर से कहा , ” हे जंगल के राजा! आप तो पूरे जंगल के स्वामी हैं। मुझ पर थोड़ी दया करिए।”

इतना सुनकर शेर रुक गया। उसने भूरी पर प्रहार नही किया।

  तब भूरी को हिम्मत आयी और वह फिर बोली, ” मैं एक अभागी गाय हूँ और एक माँ भी। मेरा एक छोटा से बच्चा है, वह मेरे बिना नहीं जी सकता। अगर आपने अभी मुझे मार दिया तो उसका क्या होगा।”

वह रोने लगी।

  “मूर्ख गाय ! तुझे पता भी है तू किस से बात कर रही है! मुझमें जरा भी दयाभाव नहीं है, मैं तुझे मार दूँगा । तू मेरा एक शिकारमात्र है। ” शेर ने घुर्राते हुए कहा।

यह सुनकर भूरी गाय सिसकते हुए बोली,

    ” महाराज! मैं यह नहीं कह रही कि आप मुझे मत मारो। सबको इक न इक दिन मरना ही है। मेरी मृत्यु भी शायद आपके ही हाथों से होनी है। महाराज! मैं मरने के लिए तैयार हूँ।

लेकिन मेरा एक छोटा बच्चा है वह अभी मेरा ही दूध पीता है, मैं उसको अंतिम बार बहुत सारा दूध पिलाना चाहती हूं, उसे एक बार सभी बातें समझा देना चाहती हूं।

उसे दुनियादारी नहीं पता, वह आगे का जीवन कैसे जियेगा मेरे बिना! मैं उसको समझा कर आ जाउंगी। कृपया आप मुझे एक मौका दें। मैं आपसे वादा करती हूँ की मैं जरूर वापस आउंगी।”

शेर उसकी बात चुपचाप सुन रहा था,

शायद उसके मन में भी उस छोटे से बच्चे के लिए प्रेम उमड़ आया। शेर बोला, ” मुझे नहीं पता कि तुम सच कह रही हो या नहीं ,

पर मेरा मन तुम पर विश्वास करने को विवश हो रहा है। चलो, मैं तुम्हे 1 मौका दूंगा अपने बच्चे से मिलने का। लेकिन तुम्हें वापस मेरा भोजन बनने के लिए वापस यहाँ आने होगा।”

भूरी बोली, ” महाराज मैं हमेशा सच बोलती हूँ। आपने मुझ पर एहसान किया है, मैं वापस जरूर आउंगी।”

शेर ने उसका पैर निकालने में उसकी मदद की, और भूरी रोते हुए दौड़ कर अपने गांव की ओर चली गयी।

  वह अपने तबेले में गयी और जाते ही अपने बच्चे को चाटने लगी। उसने उसको दूध पिलाया और उससे भावुकता पूर्वक कहा,

   ” बेटा मेरी बात ध्यान से सुन! तुझे बड़े होकर अच्छा जानवर बनना है। हमेशा दूसरों की मदद करनी है, हमेशा बड़ों का आदर करना और खुद की गलतियों को छुपाना या दोहराना नहीं उनसे सीख लेने और जीवन में आगे बढ़ना है।”

    इतना कहकर वह अपने बछड़े को दूसरी गायों को सौंप कर जंगल की ओर चले आई।

दूसरी ओर जंगल में शेर अपनी गुफा में बौखलाया हुआ था, उसने सोचा कि मैं ने गाय को क्यूँ जाने दिया, वह अब नहीं आएगी।

Intrusting part of Tiger and Cow story in hindi- वह जैसे ही गुफा के बाहर निकला उसने देखा कि गाय चली आ रही है।

भूरी गाय शेर के पास पहुंची और बोली, ” महाराज मैं ने अपना वचन निभाया ।”

शेर बहुत ही लज्जित हुआ ,उसने भूरी से कहा, ” मुझको माफ कर दो। मैं ने तुम्हारे बारे मे बहुत गलत सोचा। तुम बहुत ही सच्ची और अपने वचन की पक्की हो।

मैंने आज तक तुम जैसे जानवर नहीं देखे हैं। तुमने यहां आकर मेर हृदय परिवर्तित कर  दिया है। अब मैं तुम्हें नही खाऊंगा । तुम अपने बच्चे के पास लौट जाओ।”

  भूरी बहुत खुश हुई। उसने शेर को धन्यवाद दिया। और वह अपने तबेले में चले गयी। उसका बछड़ा उसे देख बहुत खुश हुआ। वे सब पुनः सुखद जीवन जीने लगे।


Moral of Cow and Tiger story in Hindi :- ” सर्वदा सत्य की राह पर चलना चाहिए और अपने कर्तव्यों और वचनों को कभी नहीं तोड़ना चाहिए।”

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Story like Lion and Cow story:

” शेर और गधा “


    एक घने जंगल में एक शेर रहता था।  उसके साथ उसका सेवक बनकर एक गीदड़ भी रहा करता था। गीदड़ शेर का सब काम करता था,

बदले में शेर उसे अपना बचा कुचा भोजन खाने के लिए देता था।

    एक बार एक हाथी से शेर का भयानक युद्ध हुआ। युद्ध से वह बच तो गया, लेकिन उसके शरीर में कई घाव हो गए और उसकी एक टांग भी टूट गयी।

उसके लिए एक कदम भी चलना अब मुश्किल हो गया। जंगल में जाकर पशुओं का शिकार करना अब उसके बस से बाहर हो गया।  शिकार किये बिना कई दिन बीत गए।

शेर और गीदड़ ने कुछ नहीं खाया। और दोनों भूख से व्याकुल हो गए।

एक दिन शेर ने दहाड़ कर गीदड़ से कहा, “मैं तेरा पेट नहीं भर पा रहा हूं, शायद आगे भी काफी समय लग जाए मुझे ठीक होने में।

तू किसी शिकार को खोज कर यहां ले आ, मैं उसे मार दूंगा और हम दोनों उससे अपना पेट भरेंगे।”

गीदड़ शेर की आज्ञा पालन के लिए जंगल से गांव की ओर चले गया ।

  जब वह तालाब किनारे पहुंचा तो उसने देखा कि, एक अच्छा, मोटा गधा तालाब के किनारे हरी हरी घास खा रहा है। गीदड़ उसके नजदीक गया.

और बोला, ” मामा श्री! नमस्कार। कैसे हो! इतने दिनों बाद दिखाई दिए, काफी पतले हो गए हो।”

गधे ने उत्तर दिया , ” क्या कहूं भांजे! धोबी बड़ी ही निर्दयता से मेरी पीठ पर बोझ रख देता है। और मेरे कदम गलती से भी ढीले पड़ जाने पर मुझे लाठियों से मारता है।

घांस थोड़ी सी भी नहीं देता, मुझे स्वयं इधर उधर जाकर ऐसी मिट्टी वाली घास खानी पड़ती है। तभी मैं दुबला होता जा रहा हूँ।”

Intrusting part of this Story like Cow and Lion story- गीदड़ बोला, ” मामा यही बात है! तो मैं तुम्हें एक ऐसी जगह बतलाता हूँ.

  जहां मखमल सी कोमल हरियाली छाई हुई है। चारों ओर बहुत ही बढ़िया घास के मैदान हैं।

और एक पानी का जलाशय भी है।  वहाँ जाओ और खुशी खुशी अपना जीवन व्यतीत करो।”

गधे ने कहा, ”बात तो ठीक है भांजे लेकिन हम देहाती जानवर हैं जंगल में नहीं जाते। वन में जंगली जानवर हमें मार डालते हैं। इसलिये हम वन के हरे भरे मैदानों का उपयोग नहीं कर सकते। “

तब गीदड़ चतुराई से बोला, ” मामा ऐसा न कहो। वहाँ मेरा ही शाशन है।

मेरे रहते तुम्हारा कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता। तुम्हारी तरह मैं ने ही कई गधों को धोबी के चंगुल से आजाद कराया है। इस समय भी वहां 3 गधी कन्याएं रहती हैं।

जो अब जवान हो चुकी हैं। उन्होंने मुझे कहा है कि कोई, नौजवान गधा उनके लिए ढूंढे ! तभी मैं तुमसे यह सब कह रहा हूँ।

   गधा अपनी शादी के बारे में सोचकर बड़ा खुश हुआ। वह गीदड़ के साथ जाने के लिए राजी हो गया। गीदड़ के पीछे पीछे चलता हुआ वह जंगल में आ गया, यह वही जंगल था,

जहाँ, शेर भूखा अपने भोजन की प्रतीक्षा में बैठा था।  गीदड़ , गधे को शेर के पास ले आया। शेर के उठते ही गधा वहां से भागने लगा! उसके भागते भागते शेर उस पर झपटा ,

लेकिन वह कामयाब नहीं हुआ। गधा उसके पंजों में नहीं फंसा और जंगल से भाग निकला।

तब गीदड़ ने शेर से कहा, ” क्या इन्हीं पंजों की वजह से तुम युद्ध लड़ते हो? तुम्हारा पंजा अब बिल्कुल बेकार हो चुका है। एक गधा भी नहीं फंस पाया। “

   शेर ने फिर लज्जा से कहा, ”अभी मैं ने अपना पंजा तैयार नहीं किया था। वह अचानक भाग गया। अन्यथा हाथी भी इस पंजे से घायल हुए बिना नहीं बच सकता। “

“अच्छा , तो एक बार और प्रयत्न करके उसे तुम्हारे पास लाता हूँ। इस बार का प्रहार खाली नहीं जाना चाहिये।” गीदड़ बोला।

फिर शेर ने बड़े ही आश्चर्य के साथ पूछा, ” जो गधा केवल मेरी आंखें देखकर ही भाग गया है, वह वापस आएगा कैसे! किसी और पर निशाना साधो। “

    गीदड़ बोला, ” तुम केवल तैयार होकर बैठना। बाकी सब मुझपर छोड़ दो।”

Moral part of this Story like Lion and Cow story- गीदड़ ने देखा कि गधा उसी स्थान पर, तालाब के किनारे फिर से घास खा रहा है।

  गीदड़ को देख कर गधे ने कहा, ” क्यों भांजे! तू भी मुझे खूब अच्छी जगह ले गया। एक क्षण मैं वहां और रह जाता तो अपने जीवन से हाथ धोना पड़ जाता मुझे।

और वह जानवर था कौन? जो मुझे देखकर उठ गया। “

तब हंसते हुए गीदड़ ने कहा , ” मामा तुम भी विचित्र हो! गधी तुम्हे देखकर तुम्हारे पास गले मिलने को आई तो तुम वहां से भाग आए।

उसने तो तुमसे प्रेम करने को हाथ उठाया था। वह तुम्हारे बिना जीवित नही रहेगी। वह कहती है कि यदि आप मेरे पति नहीं बनोगे तो वह भूखी रहेगी और मर जाएगी।

अतः आप उसे अब और मत तरसाओ , अन्यथा उसकी हत्या का पाप तुम्हारे सर लगेगा। चलो मेरे साथ ।”

गीदड़ की बात सुनकर गधा फिर से उसके साथ जंगल की ओर चल पड़ा।

इस बार वहाँ पहुंचते ही शेर उस पर टूट पड़ा। और गधे को मार डाला।

गधे को मारकर शेर नहाने चला गया। और अपना शिकार गीदड़ की रखवाली में छोड़ गया।

गीदड़ रखवाली करता रहा। और जब शेर बहुत देर तक  नहीं आया तो भूख से व्याकुल गीदड़ ने गधे का दिमाग खा डाला।

शेर जब वापस आया तो उसने देखा कि गधे का तो दिमाग ही गायब है। वह बहुत क्रोधित हुए और  गर्जना करते हुए गीदड़ से पूछा,

“पापी तूने मेरे आने से पहले ही इसका दिमाग खा लिया? तूने इसे खाकर झूठा क्यो किया।”

गीदड़ ने जवाब दिया ” स्वामी एसा न कहो, इसके पास तो दिमाग था ही नहीं। तभी तो यह दुबारा आपके पास आ गया था। मेरी कोई गलती नही है।”

शेर गीदड़ की बात मान गया।

दोनों ने मिलकर फिर उस गधे का भोजन किया।


Moral of this Story like Lion and Cow Story :- किसी की बातों पर झट से विश्वास नहीं करना चाहिये। तथा हर कार्य को करते हुए अपनी बुद्धि का उपयोग करना चाहिए।

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Story like tiger and cow story in hindi:

” पुनर्जीवित शेर “


       एक बार की बात है, एक शहर में 4 मित्र रहते थे। जिनमें से 3 लोग  बड़े वैज्ञानिक थे परन्तु वे सब बुद्धिहीन थे,  जो चौथा मित्र था, वह वैज्ञानिक नहीं था। परन्तु वह बुद्धिमान था।

  चारों ने सोचा कि उनके विद्या ग्रहण करने का तब तक कोई लाभ नहीं है, जब तक कि इससे पैसे न कमा सकें।

वे विदेश में अपनी वैज्ञानिक विद्या को प्रदर्शित करना चाहते थे। तो वे सब निकल पड़े विदेशयात्रा के लिए।

  कुछ दूरी पर जाकर, उनमें से सबसे बड़े वाले ने कहा, “हम चारों में से केवल तीन ही विज्ञान की शिक्षा प्राप्त करने वाले हैं। परंतु यह बुद्धिमान तो शून्य ज्ञान के साथ ही चला आया है हमारे साथ।

अतः विदेश में जितना भी धन हम कमाएँगे उसमे से एक भी इस विद्याहीन को नहीं देंगे। वह चाहें तो घर वापस जा सकता है, अभी देर नहीं हुई है।”

  दूसरा मित्र भी उसकी बात से सहमत हुआ। परन्तु तीसर वाला सहमत नहीं था  उसने कहा,

” यह बात उचित नहीं है। बचपन से ही हम सब सुख दुःख के सहभागी रहे हैं। हम सब जो भी धन कमाएँगे, वह हम सबमें बराबर बांट लिया जयगा।

अपने-परायों को ढूंढ कर दिल छोटा नहीं करना चाहिए। हमें उदार रहना चाहिए।”

सभी ने उसकी बात मान ली फिर वे सब सफर में आगे  बड़े।

Intrusting Part of This Story like lion and cow story- वे थोड़ी दूर चले ही थे कि उन्हें रास्ते में एक मृत शेर का शरीर मिला, ” उसके सभी अंग बिखरे हुए थे।

 तीनों विद्याभिमानियों ने कहा, ” चलो, हम सब अपनी विज्ञान की गुणवत्ता को परखने की शुरुआत इसी शेर से करते हैं। हम सभी अपनी विद्या के बल पर इसे आज जीवन दान में देंगे।

विज्ञान के प्रभाव से हम इसमें जान डाल सकते हैं। ”

 यह कहकर तीनों हड्डियां और उसके अंग को बटेने लग गए।  एक मित्र ने अस्थियों को ढूंढा, दूसरे ने खून और शरीर के अंगों को जोड़ा और तीसरे वाले ने प्राणों की संचार प्रक्रिया को शुरू कर दिया।

Moral Part of This Story like Cow and Tiger story- इतने में बुद्धिमान दोस्त ने बोला, “जरा ठहरो! यह कोई ऐसा वैसा जानवर नहीं , शेर है शेर ! यह जीवित होते ही तुम सबको खा जाएगा” उसकी बातों पर किसी ने भी विश्वास नहीं किया।

और अपना कार्य करते गए। फिर वह बोला, ” अच्छा ठीक है, मैं तुम्हें नहीं रोकूंगा पर मुझे पहले पेड़ पर चढ़ने दो।”

   वह पेड़ पर चढ़ गया। तीनो वैज्ञानिक दोस्तों ने मिलकर उस शेर को जीवित कर दिया।

  शेर के जीवित होने पर ही, शेर ने उन सबको मार डाला। और वहाँ से चला गया। पेड़ पर बैठा हुआ बुद्धिमान व्यक्ति बच गया। लेकिन उसे अपने मित्रों की मृत्यु का बहुत ही दुख हुआ।


Moral of this Story like Tiger and Cow story in Hindi:- केवल शास्त्रों में कुशल होना ही पर्याप्त नही  होता। इन सब चीजों को समझने के लिए सामान्य आचार -व्यवहार और बुद्धि की आवश्यकता भी होती है।

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Another Story of Panchtantra:

” एकता में बल “


   एक बार चार गाएं बहुत गहरी मित्र थीं। वे हमेशा एकसाथ रहती थी। सभी मुसीबतों का सामना वे सभी मिलकर करती थीं।

वही दूसरी ओर जंगल मे एक शेर रहता था।

एक बार वो चारो गाय जंगल में घास चरने के लिये गयीं।  वहाँ शेर की नजर उन गयों पर पड़ी। इतनी सुंदर हट्टी कट्टी गायों को देख उसके मुंह में पानी आ गया।

लेकिन उन चारों को देखकर शेर की हिम्मत नहीं हुई उन पर वार करने की। तब से वह उनका पीछा करने लगा।

गाय जहाँ भी जाती शेर उनका पीछा कर वहां पहुंच जाया करता था। उसे बस एक मौके की तलाश थी। और उसके हाथ एक सुनहरा मौका लग गया।

Intrusting part of this story like Cow and Tiger story in hindi- सभी गायों में फूट पड़ गयी और उनके बीच झगड़ा हो गया। अब वे चारों साथ नहीं रहीं।

अब वे अलग अलग जगह जाकर घास चरती थी, अपना अपना कार्य भी स्वयं करने लगी थीं।

शेर ने उनका पीछा करना तो पहले से ही शुरू कर दिया था  लेकिन उसको कुछ दिनों बाद पता लगा कि अब उनमें फुट पड़ चुकी है।

    अब वह जब भी किसी गाय को अकेले में देखता उसे मार डालता।

ऐसा करते करते उसने अलग अलग देखकर सभी गायों को मार डाला और अपना पेट भर लिया।

 सभी गाएं मर गयीं।


Moral of this Cow and Lion story :- एकता में बहुत शक्ति होती है। सदा मिलजुलकर रहें। अगर गाय एकसाथ मिलजुलकर रहती तो शायद शेर उनपर कदापि हमला न करता।

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Conclusion:


आज आपने पढ़ी Cow and Tiger Story in Hindi. आशा करते हैं, आपको हमारी यह Lion and Cow Story कहानीयां पसन्द आयी होगी तथा, इनको पढ़कर कुछ नया सीखने को भी मिला होगा।

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