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Great Elephant and Mouse Story in Hindi | Hathi aur Chuha- चुहा और हाथी

प्रेरणादायक Elephant and Mouse Story in Hindi. आशा करते हैं, आपको यह चुहा और हाथी कहानी मनोरंजन के साथ साथ प्रेरक भी लगेगी। तो चलिए शुरू करते हैं।

elephant and mouse story in Hindi


Elephant and Mouse Story in Hindi


चूहा और हाथी


   बहुत समय पहले की बात है। एक घना जंगल था। उसमें बहुत सारे हाथियों का झुंड रहता था। पूरे जंगल मे उन्हीं का राज था। उस झुंड के राजा, राजाहाथी थे।

सभी उन्हें गजराज कहकर संबोधित किया करते थे।

     वहीं दूसरी ओर, उस ही जंगल के समीप एक और जंगल था। उसमें बहुत सारे चूहे रहते थे। चूहों के समूह का राजा एक बुजुर्ग चूहा था। सब सभी मूषकराज कहकर सम्बोधित करते थे।

    हाथियों के जंगल मे किसी चीज की भी कोई कमी नहीं थी। वे सभी खुशी खुशी अपने जंगल मे निवास कर रहे थे। फिर एक दिन अचानक उस जंगल में सूखा पड़ गया। सभी पेड़ पौधे सूखने लगे।

सभी जलाशयों, नदियों आदि में पानी सूखने लगा । सभी हाथी पानी पीने तक के लिए तरसने लगे। हाथियों के राजा को इस बात की बहुत चिंता होने लगी।

Hathi aur Chuha-चुहा और हाथी

पानी के बिना हाथी कैसे जीवित रहते! अतः गजराज ने एक सभा बुलवाई। सभी हाथी उस सभा मे उपस्थित हुए।

   सभा शुरू हुई। गजराज बोले, ” जैसा कि आप सभी जानते हैं, हमारे जंगल की स्थिति आज बहुत ही दयनीय हो चुकी है। हम में से बहुतों ने तो अन्न और जल को कई दिनों से देखा तक नहीं है।

ऐसे में इस जंगल मे रहना उचित न होगा।

मानते हैं कि यह हमारी जन्मभूमि है, हमारी बहुत सी पीढ़ियों ने यहाँ जन्म लिया है। परंतु जब खाने के लिए ही नही होगा तो हम सब इस जंगल मे क्या करेंगे! ऐसे तो हम भी अपने प्राणों को बलि करने के लिए विवश हो जाएंगे।”

    गजराज की इस बात से वैसे तो सभी सहमत थे। लेकिन एक हाथी था जो कि अपनी जन्मभूमि को छोड़कर नही जाना चाहता था। गजराज के सामने बोलने की उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी।

लेकिन जब गजराज ने इस विषय पर सभी की राय मांगी तो हिम्मत कर के वह उठा और पूरी सभा को सम्बोधित कर के बोला, ” मुझे अपनी मातृभूमि से बहुत लगाव है।

मैं अपनी इस मातृभूमि के लिये अपने प्राणों की आहुति देने के लिए भी तैयार हूं। लेकिन मैं इस जंगल को छोड़कर कही भी नहीं जाना चाहता। गजराज कृपया कर मेरी बातों को समझने का प्रयास करिए।”

     गजराज अब मुसीबत में पड़ गए। उन्हें तो सबको एकसाथ लेकर चलना था। ऐसे में एक सदस्य की नामंजूरी उनके लिए कठिन साबित हो रही थी।

 इसी प्रकार बहुत से विचार विमर्श करने के बाद एक हल निकल पाया। जिससे सभी संतुष्ट हुए।वह यह था कि सभी हाथी एक साथ, दिन भर अन्य जंगलों में जानकर भरपूर भोजन करेंगे।

तथा रात होते ही अपने जंगल मे आ जाएंगे।

यह बहुत ही अच्छी योजना थी और इससे किसी की भावनाओं को भी नुकसान नहीं पहुंच रहा था। लेकिन गजराज ने सभी हाथियों को चेताया कि, वे सभी अपनी अपनी रक्षा के लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे। और सतर्क होकर ही अपना विचरण अन्य जंगल मे करेंगे।

 सभी हाथी मान गए।

अब अगले दिन वे सभी भोजन की तलाश में दूसरे जंगल के लिए निकल गए। वह सभी जाकर उन चूहों के जंगल मे रुके। चूहों ने अपने जंगल में जमीन के नीचे घर बनाए हुए थे।

हाथियों के भारी भरकम पैरों की वजह से कई चूहों के घर टूट गए और कई चूहे घायल हो गए।

सभी चूहे अपनी जान बचाकर भाग रहे थे। लेकिन हाथियों को चूहे दिखे ही नहीं वे तो अपनी ही धुन में चलते गए। अपना भोजन करने के बाद सभी हाथी अपने जंगल की ओर लौट गए।

    अभी चूहों के घायल होने की खबर मूषकराज को नहीं थी।

Hathi aur Chuha Interesting Part- हाथियों को अच्छा भोजन और पानी मिल गया था। इसलिए अगले दिन भी वे सब उस ही जंगल मे आए और वहीं से अपना भोजन करना शुरू किया।

आज तो कई चूहे उनके आने से भागने की वजह से हाथियों के पैर के नीचे आने की वजह से मर गए। शाम हो गयी। अब हाथी जंगल से जा चुके थे।

    पूरा जंगल चूहों के खून से लहूलुहान हो गया। शाम होते ही किसी चूहे ने जाकर यह खबर मूषकराज को दी। उसने पूरी बात मूषकराज को बताई।

उन सभी के लिए यह बहुत ही बड़ी समस्या थी। एक तो हाथी उतने विशालकाय जीव थे उनसे युद्ध भी नहीं किया जा सकता था।

   मूषकराज ने इस समस्या के निवारण के लिए आपातकालिक सभा बुलवाई। सभा मे घायल चूहों के अलावा अभी चूहे मौजूद थे।

मूषकराज ने चूहों से कहा, ” हाथी बहुत बड़े बड़े जीव हैं उनसे लड़ना सम्भव नहीं है। अतः हमें कोई अन्य मार्ग निकालना होगा, जिससे कि युद्ध भी न हों और वे हाथी हमारे जंगल मे भी न आ पाए।

कृपया आप सभी इस समस्या के समाधान के लिए कोई युक्ति सुझाइए।”

  तब सभी चूहों ने अपनी अपनी राय देनी शुरू कर दी। लेकिन कोई उचित हल नहीं निकल सका। तब किसी बुद्धिमान चूहे ने कहा कि हाथियो के राजा बहुत दयालु हैं। यदि मूषकराज उनसे जाकर इस बारे में बात करें तो बात बन सकती है।

  सभी इस बात पर राजी हो गए।

  अगले दिन सुबह होते ही मूषकराज हाथियों के जंगल चल दिये। मूषकराज तो छोटे से थे। गजराज को मूषकराज ने बहुत आवाज लगाई पर उन्होंने सुनी ही नहीं। तब मूषकराज सोचने लगे, चूहा तो कह रहा था,

की गजराज दयालु हैं लेकिन यह तो मुझे देख तक नहीं रहे। मेरी बात क्या सुनेंगे। तब वह अपने जंगल वापस जाने लगे। अब अचानक से मूषकराज पर गजराज की नजर पड़ गयी।

उन्होंने पीछे से मूषकराज को आवाज दी और उन्हें अपने पास बुलाया। तब मूषकराज ने कहा, ” प्रणाम गजराज! मैं बगल के जंगल से आया हूँ। मैं वहां रहने वाले चूहों का राजा हूं। “

मूषकराज को देखकर गजराज बहुत खुश हुए। और उन्होंने अपने जंगल मे उनका स्वागत किया। तब मूषकराज ने खुलकर अपनी बात को गजराज के सामने रख दिया।

   गजराज को बहुत बुरा लगा कि उनकी और उनके झुंड की वजह से बहुत सारे चूहे मर गए। उन्होंने मूषकराज को आश्वासन दिया कि आज के बाद वे कभी भी उस जंगल मे नहीं आएंगे। ताकि चूहों को कोई परेशानी न हो।

   अब चूहों के राजा प्रसन्न हो गए। उन्होंने भी गजराज से कहा कि आपको कभी भी हमारी सहायता की आवश्यकता होगी तो जरुर बताइएगा। फिर वह खुशी खुशी अपने जंगल चले गए।

   अब चूहे चैन से अपने जंगल मे रहने लगे।

Hathi aur Chuha Moral Part- बहुत दिन बीत गए। एक बार हाथियों का झुंड किसी अन्य जंगल मे भोजन के लिए गए हुए थे। वहां किसी शिकारी ने जाल बिछाया हुआ था। सभी हाथी इस बात से अनजान थे।

अचानक गजराज का पैर उस बिछे हुए जाल में पड़ गया और वे जाल में फंस गए। तब सभी हाथियों ने बहुत कोशिश की लेकिन गजराज को जाल से बाहर नहीं निकाल पाए।

अब किसी को समझ नहीं आ रहा था कि वे करें तो करे क्या!

 तब गजराज को चूहों की याद आई और उन्होंने अपने साथी हाथी से कहा कि पास के जंगल मे चूहों के राजा रहते हैं वे मेरे अच्छे मित्र हैं। जो और उन्हें बुला लाओ।

   हाथी दौड़ कर उस जंगल मे गया और मूषकराज को सारी बात बताई। मूषकराज ने फटाफट अपने और चूहों को बुलाया और सभी हाथी के साथ चल पड़े। शीघ्र ही वे उस जंगल मे पहुँच गए।

   सभी चूहों और मूषकराज ने मिलकर उस जाल को कुछ क्षणों में ही कुतर दिया और गजराज को  आजाद करवाया।

  हाथियों ने चूहों को धन्यवाद दिया और सभी अब खुशी खुशी अपने जंगल चल दिये।


सीख | Elephant and Mouse Story in Hindi : ” कठिन परिस्थितियों में जो साथ खड़ा होता है वही सच्चा मित्र होता है। यही मित्रता है।”

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Conclusion | चुहा और हाथी


आज आपने पढ़ी Hathi aur Chuha आशा करते हैं, आपको आज की यह कहानी पसन्द आयी, और इससे कुछ नया सींखने को मिला। Elephant and Mouse Story in Hindi, ऐसी ही रोचक कहानी और पढ़ने के लिए बने रहें के साथ।

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