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31+ Motivational Gautam Buddha Updesh in Hindi | Buddha Thoughts

आज हम आपके लिए लाए हैं Gautam Buddha Updesh in Hindi. जिन्हे पढ़कर आपको बहुत कुछ सिखने को मिलेगा, जिन्हे आप अपने जीवन में निवेश कर सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

सफलता प्राप्त करने लिए पढ़िए यह Gautam Buddha Updesh in Hindi. जिसमे महात्मा बुद्ध के महान विचारों साथ उनके अर्थ भी दिए गए हैं. तो चलिए शुरू करते हैं।

Gautam Buddha Updesh in Hindi


Gautam Buddha Updesh in Hindi :


Gautam Buddha Short Biography in Hindi


बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा गौतम बुद्ध,आज से लगभग ढाई हजार साल पूर्व  कपिलवस्तु के महाराजा शुद्‍धोदन के वहां जन्मे थे। उनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था।

जन्म के सात दिनों बाद ही उनकी माता मायादेवी का स्वर्गवास हो गया।

बचपन से ही वे अत्यंत गंभीर, शालीन व विलक्षण प्रतिभाओं के धनी थे, कहा जाता है कि जब वो पैदा हुए तो अनेक सी दिव्य घटनाएं भी हुईं।

ऋषि मुनियों और ज्योतिषियों ने पहले ही उनकी भविष्यवाणी कर कह दिया था कि या तो यह बालक एक बड़ा सम्राट बनेगा या फिर एक महान संत।

सिध्दार्थ का भी ध्यान बचपन से ही राज काज में न होकर साधु संतों में ही लगा रहत था।

उनको गृहस्थ करने के लिए उनका विवाह करा दिया गया, तांकि वे घर गृहस्थी में बंधे रहें।

विवाह के पश्चात उनका एक पुत्र भी हुआ , जिसका नाम राहुल था।


Mahatma Budh ki Shiksha:


लेकिन सत्य की खोज और ज्ञान प्राप्ति के लिए वे घर बार छोड़ वन की ओर निकल पड़े,

और गया नामक स्थान पर उनको एक पेड़ के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई तभी से उनका नाम सिद्धार्थ से गौतम बुद्ध पड़ गया।

और वे संत के रुप में ज्ञान का प्रवाह, समुचित संसार में करने लगे। उनके ज्ञान प्राप्ति के बाद बहुत सारे राजा ,महाराजा, डाकू आदि उनके अनुयायी बन गए।

संत बनने के बाद एक बार जब वे अपने घर गए तो उनकी पत्नी ने उनके बेटे राहुल को भिक्षा में प्रदान कर दिया।


Gautam Buddha Updesh 1-10

Gautam Buddha Quotes

गौतम बुद्ध के द्वारा कहे गए कुछ अनमोल वचन इस प्रकार हैं-


●  ” नफरत को नफरत से नहीं बल्कि प्रेम से खत्म किया जाता है।और यही सांसारिक सत्य है।”


अर्थात :-

गौतम बुद्ध ने जीवन भर, संसार को प्रेम, अहिंसा और सौहार्द का पाठ पढ़ाया। वे स्वयं सम्पूर्ण विश्व में प्रेम से रहने का संदेश देते रहे।


●  “अज्ञानता ही सबसे बड़ा अंधकार है।”


अर्थात :-

महात्मा बुद्ध के अनुसार अंधेरे से भी अधिक अंधकार अज्ञानता है क्योंकि अंधेरे को तो दीपक की रोशनी से कम किया जा सकता है,

परन्तु अज्ञानता रूपी अंधकार वह है जो कि किसी दीपक से प्रकाशित नहीं किया जा सकता इसे केवल ज्ञान रूपी प्रकाश ही रौशनी प्रदान कर सकता है।


●  ”किसी लक्ष्य तक पहुंचने से जरूरी उस लक्ष्य के पथ पर ठीक से यात्रा करना होता है।”


अर्थात :-

गौतम बुद्ध लक्ष्य को जितना महत्वपूर्ण मानते थे उतना ही महत्वपूर्ण वे उसके रास्ते को भी मानते हैं, क्योंकि एक बार रास्ते का सफर अच्छी तरह से पूरा हो गया तो मंजिल मिलना आसान हो जाता है।


●  “जैसा हम सोचते हैं, हमारी बुद्धि हमे वैसा ही बनाने का प्रयत्न करती है।’


अर्थात | Meaning of Gautam Buddha Updesh in Hindi :-

गौतम बुद्ध हमेशा से शालीन और गंभीर प्रकृति के व्यक्ति थे जो अपना मन साधु संतों के आचरण में ही लगाए रखते थे।

जिसके फलस्वरूप वे एक महात्मा कहलाए और पूरा जीवन उन्होंने उपदेश देने और सतसंगति में ही बिताया। कहने का तातपर्य यह है कि जैसा हम सोचते हैं वैसे ही हम बन जाते हैं।

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●  ”प्रति नये दिन हमारा एक नया जन्म होता है। अतः उस एक दिन के नए जीवन में हम क्या करते हैं यही सबसे ज्यादा मायने रखता है।”


अर्थात :-

महात्मा बुद्ध के विचार के अनुसार हर दिन एक नए अवसर, नयी उम्मीदों के साथ आता है और हमे उस नए दिन की शुरुआत चुनौतियों को पूर्ण करने के उद्देश्य से करनी चाहिए।

यदि हमने आज के उस दिन को सफल बना लिया तो निःसंदेह हमारा भविष्य भी स्वतः प्रकाशित हो जाएगा।

Gautam Buddha Thoughts


●  “यदि एक व्यक्ति अपने पवित्र मन से कोई कार्य करता है तो खुशियां उसके साथ सदैव, कभी साथ न छोड़ने वाली परछाई की तरह रहती हैं।”


अर्थात :-

बुद्ध के अनुसार यदि किसी मनुष्य का मन निश्छल है और वह अपने  अन्दर सदा पवित्र भावनाएं रखता है,

तो जब भी वह कुछ बोलता या फिर करता है तो वह कार्य हमेशा सफल होता है जिसकी वजह से वो सदा खुश रहता है। अर्थात जीवन में किसी कार्य को करने के लिए सदैव पवित्र मन और निश्छल हृदय की ही आवश्यकता होती है।


●  ”हम क्या हैं, हमारे पास क्या है! खुशियां इस बात पर निर्भर नहीं करती। खुशियां इस बात पर निर्भर करतीं हैं कि हम क्या सोचते हैं।”


अर्थात | Meaning of Gautam Buddha Updesh in Hindi :-

किसी व्यक्ति के प्रसन्न  रहने के लिए उसके आस पास का वातावरण भी प्रसन्न होना आवश्यक है।

और प्रन्नतापूर्ण वातावरण के लिए उस मनुष्य को ही प्रयास करने होंगे। जो कि उसकी सचने की क्षमता पर निर्भर करता है।

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●  “अगर आपको लगता है कि अपके क़दम सही दिशा की ओर हैं तो आपको कदम बढ़ाते रहना चाहिए।”


अर्थात | Gautam Buddha Updesh :

महात्मा बुद्ध के अनुसार किसी लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सही रास्ते की आवश्यकता होती है, और यदि हमको लगता है,

कि हम उस सही रास्ते में अपनी मंजिल को पाने के लिए चल रहे हैं तो हमें अपने कदम कभी पीछे नहीं करने चाहिए।


●  ”संसार में इतना अंधकार नहीं है जो कि एक जलती हुई मोमबत्ती के प्रकाश को छुपा सके।”


अर्थात :-

महात्मा बुद्ध ने सदैव ज्ञान रूपी प्रकाश को सम्पूर्ण जगत में प्रसारित किया। वे सदैव ज्ञान को सबसे अधिक महत्व देते थे।

उनके अनुसार ज्ञान चाहें थोड़ा भी क्यों न हो अज्ञान रूपी अंधकार उसे कभी भी उस थोड़े से ज्ञान रूपी प्रकाश को छिपा नहीं सकता।


●  “एक छोटा सा क्षण पूरे दिन को बदलने की क्षमता रखता है, एक दिन पूरे जीवन को बदलने की क्षमता रखता है और एक जीवन सम्पूर्ण विश्व को बदलने की क्षमता रखता है।”


अर्थात | Meaning of Gautam Buddha Updesh in Hindi :-

अर्थात पूरे चक्र को देखा जाए तो एक अच्छा या फिर शुभ क्षण ही पूरे विश्व को बदलने की क्षमता रखता है। जब एक अच्छा क्षण एक दिन को परिवर्तित करता है,

तो बहुत से अच्छे दिन मिलकर एक नया और खुशहाल जीवन का निर्माण करते हैं और यदि संसार में सभी का जीवन ऐसा होगा तो स्वतः ही संसार स्वर्ग बन सकता है।

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Gautam Buddha Thoughts 10-20 :


●  ”जिस प्रकार एक ठोस और दृढ़ चट्टान वायु से प्रभावित नहीं होती, अर्थात हिलती नहीं है उसी प्रकार एक बुद्धिमान व्यक्ति भी आरोप-प्रत्यारोप, प्रशंसा और बुराइयों जैसे प्रभावों से परे हो जाता है।”


अर्थात | Gautam Buddha Updesh :

महात्मा बुद्ध चट्टानों जैसे दृढ़ थे उनको बचपन से ही घर बार, राज काज के कार्यों में  कोई दिलचस्पी नहीं थी अतः वे सब कुछ त्याग कर ज्ञान प्राप्ति के लिए चले गए।

उन्हें घर की मोह माया प्रभावित नहीं कर सकी। अतः हम सबको भी अपने कर्तव्यों और सपने लक्ष्य के प्रति चट्टानों जैसा अडिग होना चाहिए।


●  ”यदि किसी समस्या का हल निकाला जा सकता है तो, चिंता की क्या आवश्यकता? यदि समस्या का समाधान नहीं है तो चिंता करने से भी कोई लाभ नहीं मिल सकेगा।”


अर्थात :-

महात्मा गौतम बुद्ध के अनुसार यदि आपके जीवन में कोई समस्या आ रही हो और आपको चिंता हो रही है तो इसका कोई फायदा नहीं है, या तो चिंता करने से समस्या का हल निकलता!

चिंता करके हम स्वयं अपनी समस्या को और बढ़ाते हैं। जिससे समस्या और बड़ी लगने लगती है। हमें सारा ध्यान अपनी समस्या को सुलझाने में केंद्रित करना चाहिए न कि चिंता करने मे।


●  ” तन और मन की स्वस्थता के लिऐ स्वस्थ्य रहने का केवल यही रहस्य है कि जो बीत गया उसके बारे में सोचकर दुःखी न होवें, भविष्य में क्या होगा इसकी चिंता न करें,

और न ही किसी विपत्ति के बारे में सोचकर अपना समय नष्ट करें। वास्तविकता और वर्तमान में बुद्धिमत्ता और हर्ष के साथ जियें।”


अर्थात | Gautam Buddha Updesh Meaning in Hindi :-

महात्मा बुद्ध सदैव वर्तमान में जीने का उपदेश देते थे उनके अनुसार जो व्यक्ति ज्यादा सोचता है जिसको ज्यादी चिंता होती है वह कभी भी सुखी जीवन नहीं जी पाता।

उसको हमेशा आने वाले समय में क्या होगा इसकी ही चिंता सताती रहती है। वह अपने बारे में सोचकर दुःखी होता रहता है।

यह सब विचार न केवल मनुष्य का समय व्यर्थ करते हैं बल्कि उसके वर्तमान के सुख को भी निगल जाते हैं। अतः मौजुदा स्थिति में ही खुश रहना चाहिए।कल क्या होने वाला है यह किसी को नहीं पता।

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●   “यदि आप किसी अन्य के लिए दीप प्रज्ज्वलित करते हैं तो वह निःसन्देह आपको भी प्रकाश प्रदान करता है।”


अर्थात :-

यदि हम कोई पुण्य का कार्य किसी अन्य के लिए कर रहे हैं तो दूसरों की केवल मदद होती है लेकिन पूरा पुण्य हमें ही प्राप्त होता है।

अर्थात हमने किसी की मदद बिना किसी छलावे के व बिना स्वार्थ के की तो हमें संतुष्टि होती है और उसी संतुष्टि की सहायता से आत्मतृप्ति भी मिलती है।


●   “संसार में एकमात्र असफलता, जिसे आप सर्वश्रेष्ठ मानते हैं उसका अनुसरण न करना ही है।”


अर्थात | Gautam Buddha Updesh :

जब हम किसी वस्तु अथवा व्यक्ति को अपना आदर्श मानते हैं और उसके जैसे बनने की कोशिश कर रहे हैं ,

तो आपको उसका अनुसरण भी करना होगा,  बिना उस आदर्श के अनुसरण के आप कभी उस जैसे श्रेष्ठ नहीं बन सकते।


●  ”आप तब तक उस मार्ग पर चलने के योग्य नही बन सकते जब तक कि आप वह मार्ग स्वयं को नहीं बना लेते।”


अर्थात | Gautam Buddha Updesh Meaning in Hindi :-

अपनी सफलता के लिए अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हमको एक कठिन व परिश्रमी मार्ग पर चलना होता है।

लेकिन जब तक हम स्वयं को उस संघर्ष के योग्य नहीं बना लेते तब तक हम कभी सफल नहीं हो सकते।


●   “अपने मन, अपने हृदय, अपनी पूंजी, व्यवहार आदि सब गुणों को अच्छे कार्यों को करने में लगाएं और इसे बार बार करें। आप प्रसन्नता से भर जाएंगे।”


अर्थात :-

हमें अपना जीवन अच्छे कार्यों को करने में लगाना चाहिये। अच्छे कार्य हमेशा फलदायी होते हैं और जीवन को खुशियों से भर देते हैं।


● ” जब आप प्राप्त सहायता को अस्वीकार कर देते हैं तो आप सभी कठिनाइयों से मुक्त हो जाते हैं।”


अर्थात | Gautam Buddha Updesh :

महात्मा बुद्ध के वचनों के अनुसार हम सभी मनुष्यों में अपने सभी कार्यों को करने की क्षमता उपस्थित होती है, लेकिन फिर भी हम सब एक दूसरे पर निर्भर रहते हैं

जिससे कि हमारी क्षमता समय के साथ कमजोर हिती जाती है। अपने कार्यों को हमेशा स्वयं ही करने का प्रयास सभी मनुष्यों को करना चाहिए। सभी को आत्मनिर्भर बनना चाहिए।


●  “हम जो कुछ भी आज हैं वो हमारी वैसी सोच का परिणाम है। यदि कोई व्यक्ति अपनी बुरी सोच के साथ कोई कार्य करता है तो उसे उतनी ही परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है।

यदि कोई अपनी अच्छे सोच व विचारों के साथ कोई कार्य करता है तो खुशियां सदैव उसके साथ रहती हैं।”


अर्थात | Gautam Buddha Updesh Meaning in Hindi :-

हमें सदैव अपना मन अच्छे कार्यों को करने में लगाना चाहिए।


●   “यदि आपसे कोई भूल हो जाती है तो कोशिश करें कि वह गलती दुबारा न हो, उसे दोहराएं नहीं और उसमें खुश रहने का प्रयास भी न करें। क्योंकि बुराई को बार बार दोहराना दुख को न्योता देना है।”


अर्थात :-

कोई व्यक्ति अगर अपनी गलतियों को दोहराता है तो उसको गलतियां करने की आदत हो जाती है, और ऐसे व्यक्तियों का पतन निश्चित है।

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Gautam Buddha Quotes 20-30 :


●  ” भूतकाल पर ध्यान न दें, भविष्य के बारे में भी न सोचें। अपना मन वर्तमान में केंद्रित करें ।”


अर्थात :-

बीते हुए समय का विचार व भविष्य की चिंता आपके आज को बिगाड़ रही हैं। कोशिश करें अपने आज को बेहतर बनाने की।


●  ” जिस प्रकार बिना आग के मोमबत्तियां प्रकाशित नहीं हो सकती, ठीक उसी प्रकार आध्यात्म के बिना मनुष्य का जीवन निर्रथक है।”


अर्थात | Gautam Buddha Updesh Meaning in Hindi :-

अर्थात ज्ञान और आध्यात्म से जुड़ा हुआ मनुष्य ही सांसारिकता अच्छी तरह से निभा सकता है। बिना आध्यात्मिक ज्ञान के मनुष्य केवल   बोल सकने वाले पशुओं के समान है।


●   “जब भी कभी हम किसी कठिन परिस्थिति में, किसी विवाद में फंसकर क्रोधित होते हैं तो हम तभी सच का मार्ग अनजाने में छोड़ चुके होते हैं। “


अर्थात :-

क्रोध केवल विनाश ही लाता है। क्रोध से मनुष्य अपने आपको तो कष्ट पहुंचता ही है और साथ ही साथ दुसरो को भी दुःखी कर देता है।


●   “किसी खूंखार जानवर से अधिक एक कपटी और  दुष्ट मित्र से डरना चाहिए। क्योंकि जानवर केवल आपको शारीरिक कष्ट देता है जो कि समय के साथ ठीक हो जाता है। लेकिन कपटी और दुष्ट मित्र आपकी बुद्धि को नुकसान पहुंचाता है।”


अर्थात :-

हमेशा अच्छे मित्रों की संगति करनी चाहिए। कहा भी जाता है, एक अच्छी पुस्तक अच्छी मित्र होती है लेकिन एक अच्छा मित्र पूरे पुस्तकालय के बराबर होता है।


●   “आपके पास जो कुछ भी है उसे बढ़ा चढ़ाकर मत बताइए, न ही दूसरों को देखकर जलन कीजिए। जो दूसरों से जलन करते हैं उनको मन की शान्ति कभी नहीं मिल पाती।”


अर्थात :-

महात्मा बुद्ध ने अपने जीवन में किसी चीज का भी लोभ नही किया। यह तक कि वे अपना राज पाठ, पत्नी-पुत्र सबको छोड़कर ज्ञान प्राप्त करने निकल पड़े।

कहने का अर्थ यह है कि हर मनुष्य को लोभ से दूर ही रहना चाहिए वरना लोभ उसे जीने नहीं देता।


●   “हर वस्तु पर संदेह करो! अपना दीपक स्वयं बनो, स्वयं अपना प्रकाश ढूंढो।”


अर्थात | Gautam Buddha Updesh Meaning in Hindi :-

स्वयं को ढूंढने के मतलब खुद को पहचानने से है। यदि आपने स्वयं को पहचान लिया तो आपके जीवन में आपको क्या करना है, आपको अपना लक्ष्य और आपकी सफलता का बोध अपने आपको पहचान कर ही होगा।


●   “संदेह की आदत से भयंकर विनाशकारी कुछ भी नहीं है, संदेह दो लोगों के बीच मतभेद का कारण होता है। यह ऐसा विष है जो मित्रता को खत्म कर देता है,

अच्छे रिश्तों को तोड़ सकता है। यब एक तलवार के समान  है जो कि मृत्यु तक करवाने में सक्षम है।”


अर्थात :-

हम सभी को शक के इस विनाशकारी खतरे से स्वयं को दूर ही रखना चाहिये। शक के कीड़े  के लाखों घर तबाह कर दिए। शक जहां कहीं  ही पनपता है उस जगह को बर्बाद होने से नहीं रोक सकते।


●   “सच्चाई के रास्ते पर चलते हुए कोई दो ही गलतियां कर सकता है, या तो उस मार्ग को आधे में ही छोड़ देना या फिर उस मार्ग पर चलने की शुरूआत ही न करना।”


अर्थात :-

सत्य का मार्ग कठिन होता है, लेकिन इस पर चलना सम्भव है। सभी को सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए लेकिन उस पर चलकर उसे आधे मार्ग पर छोड़ देना मूर्खता होगी।


●   “आप अपने क्रोध के लिए दण्डित नहीं होते बल्कि अपने क्रोध द्वारा दंडित होते हो।”


अर्थात | Meaning of this Gautam Buddha Updesh :-

आपका क्रोध आपकी सफलता के मार्ग में एक सबसे बड़ी चुनौती होती है। यदि कभी आपके मार्ग में अड़चनें आ रही हैं तो समझ लीजिए कि क्रोध भी आपकी एक अड़चन है,

जो कि बहुत ही हानिकारक सिद्ध हो सकता है।


●   “किसी भी प्रकार की बुराइयों से दूर रहने के लिए आपको अपने अंदर अच्छाइयों का विकास करना होगा और अपने मन में सदैव अच्छे विचार ही रखने होंगे।”


अर्थात :-

बुद्ध हमसे केवल यही कहना चाहते हैं कि अपने अंदर सदैव अच्छे विचार ही पलिये जो कि भविष्य में आपका साथ दें और सदा पूण्य के तौर पर आपके साथ रहें।


Gautam Buddha ke Updesh in Hindi 30-32:


●    “संसार में सभी को मृत्यु से डर लगता है, और कोई भी दंड से बचना चाहता है। अन्य जीवों को भी अपने जैसा ही समझें । किसी की निर्मम हत्या न करें और न ही करने दें।”


अर्थात | Gautam Buddha Quotes :- :-

संसार में सभी रचनाएँ प्रकृति की हमें अमूल्य भेंट है। यह हमें ईश्वर द्वारा उपहार स्वरूप मिला है। लेकिन जब हम इन चीजों को कष्ट पहुचाते हैं या फिर इनका दोहन करते हैं,

तब प्रकृति तो रुष्ठ होती ही है साथ साथ हम पाप के भागी भी बन जाते हैं।


●   “कोई भी व्यक्ति ज्यादा बोलने से कुछ नही सीख पाता।समझदार वही कहलाता है जो धीरज वाला हो, क्रोध न करता हो और निडर हो।”


अर्थात | Meaning of  this Gautam Buddha Updesh :-

कम बोलिये, ज्यादा सोचिये, ज्यादा समझिए और जीवन की कठिनाइयों का बुद्धिमत्ता से सामना कीजिये।


 Inspirational Story of Mahatma Buddha :


      एक बड़ा सा राज्य था मगध। मगध राज्य के एक गांव में जिसका नाम सोनपुर था, वहां के लोग सुबह होने से पहले था शाम होते ही घर के बाहर नहीं निकलते थे।

कारण सभ्यता नहीं थी, कारण था डाकू अंगुलिमाल।

डाकू अंगुलिमाल मगध का एक शक्तिशाली डाकू था। वह लोगों से उनका समान लूटकर उन की अंगुलियां काट देता था और उनकी अंगुलियों से माला बनाकर गले में पहनता था,

जिस कारण उसका नाम अंगुलिमाल पड़ा। वह अपने को बहूत शक्तिशाली समझता था। लेकिन गांव के लोग उससे बहुत डरते थे और उससे बहुत परेशान थे।

  एक बार महात्मा गौतम बुद्ध उस गांव में आए। गांव के सभी लोग बहुत खुश हुए और उनकी आव भगत में लग गए। लेकिन महात्मा बुद्ध ने उन गांव वालों की परेशानी भांप ली ,

और गांववालों से पूछा कि बात क्या है आप सभी इतने सहमे हुए से क्यो हो! गांव वाले बुद्ध को बहुत मानते थे तो उहोंने गांववालों को डाकू अंगुलिमाल के बारे में सब बता दिया।

फिर गौतम बुद्ध ने कुछ सोचकर गांववालों से पूछा, ” कहा रहता है वह?”

गांववालों ने बताया कि मगध की सभी गुफाएँ उसका अड्डा हैं।

बस इतना सुनकर महात्मा बुद्ध निकल पड़े बिना किसी को साथ लिए,अकेले।

कुछ आगे जाने पर ही उन्हें डाकू अंगुलिमाल दिख गया। लेकिन उन्होंने पलट कर नहीं देखा वे चलते गए। डाकू अंगुलिमाल भी उनके पीछे भाग चला उन्हें पकड़ने के लिए। उसके हाथ में तलवार भी थी।

लकिन बुद्ध के तेज की वजह से वो उन्हें पकड़ ही नहीं पा रहा था तो थक हार कर उसने आवाज लगाई,

“रुको”….

   महात्मा बुद्ध रुक गए, और बोले-“कहिये क्या काम है!”

डाकू ने कहा,मैं एक डाकू हूँ। यहाँ का सबसे शक्तिशाली इंसान। क्या तुम्हें मुझसे डर नहीं लग रहा?”

महात्मा बुद्ध ने फिर कहा,” मैं क्यो डरूँ तुमसे। और तुम यह कैसे कह सकते हो कि तुम ही मगध के सबसे शक्तिशाली इंसान हो?”
मुझे सबूत चाहिए।

  डाकू ने फिर कुछ सोचकर कहा,” कहिये मैं कैसे साबित करूँ”

  फिर महात्मा बुद्ध ने उससे पेड़ पर लगी दो पत्तियां तोड़ लाने को कहा। इस पर डाकू ने जवाब दिया-” बस इतनी सी बात, मैं तो पूरा पेड़ उखाड़ कर ला सकता हूँ।”

वो जाकर पेड़ से दस पत्तियां ले आया और बुद्ध के सामने रख दीं।

इसके बाद  बुद्ध ने कहा,- “अब तुम इन पत्तियों को वापस पेड़ पर लगा कर आओ।”

डाकू ने कहा,” यह कैसे सम्भव है?”

फिर बुद्ध ने कहा,-” यदि तुम सर्वशक्तिशाली हो तो तुम यह भी तो कर सकते होगे?’

डाकू अब निरुत्तर हो गया।

फिर बुद्ध बोले, “जब तुम इतनी छोटी सी चीज नहीं कर सकते तो तुम अपने को शक्तिशाली कैसे कह सकते हो? “

“यदि तुम किसी चीज को जोड़ नहीं सकते तो तुम्हें उसे तोड़ ने का भी कोई अधिकार नहीं है। तुम यदि किसी को जीवन नही  दे सकते तो कम से कम मृत्यु भी तो मत दो!”

यह सुनकर अंगुलिमाल को बहुत पछतावा हुआ। अब उसे अपनी गलती का एहसास हो गया था।

इस घटना के बाद अब उसने डाकू का कार्य छोड़ दिया। वह बुद्ध का शिष्य बन गया, और गांव के लोगों की सेवा में लग गया।

   आगे चलकर वह बहुत बड़ा सन्त बना, जिसे लोग अहिंसका के नाम से जानते हैं।

   महात्मा बुद्ध ने अपने ज्ञान और विचारों के बल पर अपने जीवन में ऐसे अनेक चमत्कार किये।


Conclusion :


आज आपने पढ़ी Gautam Buddha Updesh in Hindi. आशा करते हैं, कि आपको आज की हमारी यह पोस्ट पसंद आई होगी।

ऐसी ही वेलनेस बातें जानने के लिए बने रहिये, sarkaariexam.com के साथ।

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