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13+ Great Short Inspirational Stories in Hindi | हिंदी प्रेरक कहानियाँ

जिंदगी बदल देने वाली Inspirational Stories in Hindi. आज हम लेकर उपस्थित हैं, कुछ चुनिंदा हिंदी प्रेरक कहानियाँ। जिन्हें पढ़कर आप सफलता की सीढ़ी चढ़ सकते हैं।

यह हैं सर्वश्रेष्ठ Short Inspirational Stories in Hindi. जिन्हें पढ़कर आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा, और आप उसे अपने जीवन मे निवेश करके सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

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Inspirational Stories in Hindi


” बातूनी कछुआ”


 एक बार एक जंगल के किनारे एक तालाब था, तालाब में, सारस कछुए , मछलियां और अन्य जीव रहते थे। सभी बड़े ही खुशी से और मिलजुलकर उस जलाशय में रहते थे।

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एक बार सभी जगहों में सूखा पड़ने वाला था। जानवरो को आने वाली विपत्ति का एहसास पहले से हो जाता है।

अतः सभी जानवर किसी बड़े पानी के स्रोत की तलाश में दूसरे जंगल जा रहे थे।

तालाब में एक कछुआ रहता था। उसके दो सारस दोस्त थे, सारसों ने पहले से दूसरे जंगल की एक नदी ढूंढ ली थी। सारस ने कछुए को इस बात के बारे में बताया। अब उस तालाब में पानी बहुत ही कम बच गया था।

  सारस पहले से ही, नए जलाशय में विहार करने लग गए थे। एक दिन वे कछुए के पास गए और कछुए से कहा,

” तुम यहाँ कब तक रहोगे हमने तो वहां नई जगह अपना बसेरा भी कर लिया है। वहां की सभी जगहें अब हमारी जानी पहचानी हो गयी हैं। तुम भी चलो हमारे साथ।”

फिर कछुआ बोला, ” तुम दोनों तो उड़ कर चले जाओगे, पर मैं बहुत धीरे धीरे चलता हूँ। मैं महीने भर तक भी वहां नहीं पहुँच पाऊंगा।”

तीनों अब सोच में पड़ गए। क्या किया जाय। तभी 1 सारस को कुछ ख्याल आया। वह कहीं से जाकर एक लकड़ी ले आया। उसने दूसरे सारस और कछुए को समझाया।

उसने कहा, ” मैं और दूसरा सारस इस लकड़ी को मुह में पकड़कर उडेंगे ,

तुम बीच मे से इस लकड़ी को मुह में पकड़ना हम दोनों तुम्हें लेकर उड़ जाएंगे और हम सब नए जलाशय में पहुँच जाएँगे। लेकिन हाँ एक शर्त है, तुम्हें उड़ते वक़्त कुछ नही बोलना होगा।

नहीं तो तुम नीचे गिर जाओगे और तुम्हारी मृत्यु भी हो सकती है। इस कार्य मे खतरा है, लेकिन सुविधा के दृष्टिकोण से यही मार्ग उचित है,

नहीं तो कछुए की चाल से चलने पर  हम सभी सूखा पड़ने के बाद भी नए जलाशय नहीं पहुंच पाएंगे।”

     सब कुछ युक्ति के हिसाब से ही हुआ। सारसों ने लकड़ी को किनारे से मुह से पकड़ लिया। कछुए ने लकड़ी को बीच मे से पकड़ा। सब चल दिये।

सब उड़ते जा रहे थे। कछुए के लिए यह एक नया अनुभव था। उसको बहुत ही अच्छा लग रहा था। लेकिन वह यह भूल चुका था कि सारस ने इसे समझाया था कि उड़ते वक़्त मुह से बोलना नहीं है।

वह बीच में सरसों से कुछ पूछना चाहता था। लेकिन जैसे ही, उसने पूछने के लिए मुँह खोला वह नीचे गिर गया।

उसकी नीचे गिरते ही मृत्यु हो गयी। सारस उसे देखते ही रह गए।


सीख | Inspirational Stories in Hindi : ” अपनी गलतियों के कारण हमें बहुत कुछ सहन करना पड़ता है।

लेकिन कोई भी गलती ऐसी नहीं करनी चाहिए जिससे कि जीवन से ही हाथ धोना पड़े। इसलिये सभी कार्यों को सोच समझकर और ध्यान से करना चाहिए।”


“नन्हीं बहादुर चिड़िया “


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 एक जंगल था। वह बहुत ही विशाल और घना था। जंगल घना होने की वजह से उस जंगल में बहुत से जीव-जंतु विहार करते थे।

   उस जंगल में अनेक लोग घूमने के लिए भी आते थे जो कि, अपना कूड़ा कचरा वहीं जंगल मे ही फेंक जाते थे।

एक बार एक पर्यटक आए और जंगल मे सुलगती हुई लकड़ियों को छोड़कर चले गए।

   उन सुलगती लकड़ियों से घास में आग लग गयी। घास चारों ओर फैली हुई थी तो, उस वजह से आग पेड़ों ने भी पकड़ ली। धीरे धीरे आग बहुत बड़े क्षेत्र में फैल गई।

    जानवर अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। सभी पक्षियों ने तो पहले ही उड़कर पलायन कर लिया। लगभग सभी जानवर भी आग बढ़ने से पहले उस जंगल को छोड़कर चले गए।

  उस जंगल मे ही एक छोटी सी चिड़िया रहती थी। वह आकार की छोटी थी किंतु वह बहुत ही अच्छी और बहादुर थी।

उसने सोचा, कि मैं जंगल को इस प्रकार जलते हुए नहीं देख सकती। मुझे जंगल को बचाने के प्रयास करने होंगे।

  पास में ही एक तालाब था। चिड़िया उड़कर तालाब के पास जाती, और अपनी चोंच मे पानी भर कर लाती , उस पानी को वह आग के ऊपर डाल देती।

उसने बार बार यही प्रक्रिया दोहराई। वह बिना थके ही इस प्रक्रिया को दोहरा रही थी।

  तभी एक बन्दर उधर से पलायन के लिए गुजर रहा था, उसने चिड़िया को देखा, उसको चिड़िया का कार्य बेवकूफी भरा लग रहा था। तब उसने चिड़िया से कहा,

” तुम यह क्या कर रही हो?

तुम्हारे ऐसा करने से आग थोड़े ही बुझ जाएगी?”

तभी चिड़िया बोली,” मुझे पता है कि मेरे इस कार्य से कुछ नहीं होगा लेकिन मैं अपनी ओर से पूरा प्रयास करूंगी।”

बन्दर उसके विचारों से बहुत प्रभावित हुआ औऱ उसकी मदद करने लगा। थोड़ी ही देर में, जंगल में लगने वाली आग के धुएं से आकाश बादल बन गए और उन बादलों ,

और कुछ और बदलो की वजह से वर्षा होने लगी। दोनों बहुत खुश हुए। और भगवान का धन्यवाद ज्ञापित करने लगे।


सीख | Real Life Inspirational Stories in Hindi : ” ईश्वर भी उन्हीं की मदद करते हैं जो स्वयं की मदद करना जानते हैं, और कठिन परिस्थितियों में भागने की बजाए उनका सामना करना चाहिए।”

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Real Life Inspirational Stories in Hindi


”  ईश्वर की शिक्षा”


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    एक गांव में एक युवक रहता था। वह बहुत ही हृष्ट पुष्ट और सम्पन्न था। लेकिन जिनके पास सब कुछ होता है, उनमें कोई न कोई अवगुण जरूर होता है।

वह युवक बहुत ही लापरवाह था। उसके घर मे औऱ कोई भी नहीं था। बस कार्य करने के लिए नौकर और वह अकेला रहता था।

  उसको समझाने वाला कोई नहीं था , धीरे धीरे उसने अपने अंदर गलत आदतों को पाल लिया और कुछ समय बाद ही उसकी सारी धन सम्पत्ति बर्बाद हो गयी। वह सड़क पर आ गया।

उसके भूखों मरने की स्थिति उतपन्न हो गयी। वह कुछ करने की बजाय, प्रतिदिन ईश्वर से मरने की कामना करने लगा।

  अब वह एक भिखारी बन गया। वह बहुत पतला हो चुका था। उसकी हड्डियां और मांसपेशियाँ दिखने लगीं। खाना भी उससे खाया नहीं जाता था। परेशानी की बात तो यह थी,

कि, उसको मृत्यु भी नही आ रही थी।

   एक महिला थी, वह रोज उस भिखारी युवक को भीख मांगते हुए देखती थी। उसे भिखारी पर बहुत तरस आता था। वह रोज कुछ न कुछ भिखारी के कटोरे पर डाल जाती थी।

उससे भिखारी की हालत देखी नहीं जाती थी। उसने अपने मन को बहुत वश में किया लेकिन एक दिन उससे रहा नहीं गया और उस युवक से पूछने लगी,

” बेटा तुम्हारी इतनी दयनीय हालत कैसे हुई?

तुम्हारी सब हड्डी – पसलियां दिख रही है। तुम अपनी हालत को सुधारने का प्रयत्न क्यो नही करते हो? ऐसे जीवन से तो अच्छा होगा कि ईश्वर तुम्हें मोक्ष प्रदान करें।”

भिखारी बोला, ” माताजी! मैं भी पहले, अन्य लोगो की तरह ही खूब अच्छा था। मेरी भी धन सम्पत्ति थी, लेकिन अब वह सब नहीं है, मेरे गलतियों के कारण।

मैं ईश्वर से रोज अपनी मृत्यु की कामना करता हूँ लेकिन ईश्वर को भी मुझ पर तरस नहीं आता, या फिर वे मुझे मोक्ष इसलिये नहीं देना चाहते क्योंकि वे चाहते हैं,

कि अन्य लोग भी मेरी इस हालत को देखकर कुछ शिक्षा ग्रहण करें औऱ अपने जीवन में गलत कार्यों को करने से पहले कई बार सोचें।


सीख | Inspirational Stories of Famous People in Hindi : “अपना जीवन सार्थक बनाने के लिए जीवन मे अच्छे कार्य करने आवश्यक है।”

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“सांच को आंच नहीं”


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    एक बार एक गांव में एक दिनकर नाम का कपड़ो का व्यापारी रहता था। उसकी गांव में ही कपड़ों की एक छोटी सी दुकान थी। दिनकर बहुत ही मेहनती और ईमानदार व्यक्ति था।

वह स्वयं ही सूत कातकर सूती के वस्त्रों को बनाता था। सूती के कपड़ों का व्यापार उसका मुख्य व्यापार था। उसके कार्य में तिनके भर भी बेईमानी नहीं थी।

अतः सब उस पर खूब विश्वास करते थे। वह भी लोगों का विश्वास टूटने नहीं देता था।

   ,उस ही गांव में एक पुजारी रहता था।

कहने को तो वह पुजारी था,माथे पर हमेशा तिलक लगाए रहता था, धोती कुर्ता पहनता था।लेकिन वह बहुत ही लालची, कंजूस और बेईमान इंसान था।

पूजा के नाम पर लोगों को ठगता था।

   एक बार वह पुजारी दिनकर की दुकान में गया। उसे अपने लिए धोती, और कुछ कुर्ते लेने थे। दिनकर की दुकान पर जाकर उसने दिनकर से धोती और कुर्ते दिखाने को कहा,

दिनकर ने असली सूती की धोती, और कुर्ते उसके सामने रख दिये। पुजारी को दो कुर्ते और एक धोती पसन्द आ गयी। उसने कहा, ” इन सबको बांध दो।”

  दिनकर ने वस्त्रों को बांधकर उसे दे दिया। परन्तु इसके बदले में पुजारी ने उससे कहा, ” अभी मैं रुपये नहीं लाया हूँ। 2 दिन बाद आकर रुपये दे जाऊंगा तुम्हें!” दिनकर मान गया।

पुजारी कपड़ों को लेकर अपने घर चला गया।

   2 दिन पूरे हो गए, पुजारी आया ही नहीं रुपये देने। दिनकर तीसरे दिन स्वयं पुजारी के घर पर चला गया। पुजारी घर पर नहीं था। किसी ने बताया कि वह मन्दिर गया होगा, तो दिनकर मन्दिर की ओर चल पड़ा।

   मन्दिर में उसे पुजारी मिल गया। उसने पुजारी से अपने रुपये मांगे! तब पुजारी ने कहा, ” सुनो दिनकर! तुम्हारी दुकान से जब मैं कपड़े लाया था तब वह ठीक थे,

लेकिन पता नहीं कैसे वे मिट्टी के तेल से गीले हो गए और जब मैं घर मे दिया-बाती कर रहा था तो उनमें आग लग गयी। अब तुम्हीं बताओं मैं तुम्हें रुपये क्यो दूं?”

 दिनकर बोला, ” असम्भव!मेरे बनाए हुए वस्त्र अच्छी सूती के हैं वे जल ही नहीं सकते। ऐसा करो मैं अपना कुर्ता तुम्हें देता हूं तुम उसे अभी मिट्टी के तेल से जलाकर दिखाओ।”

मन्दिर में भीड़ इकट्ठा हो गयी। पुजारी ने दिनकर के कुर्ते को जलाया। पूरा तेल जल गया लेकिन वह सूती का कुर्ता नहीं जला।

   पुजारी की चोरी पकड़ी गई और अब वह सबके सामने झूठा बन गया। पुजारी बहुत शर्मिंदा हुआ और दिनकर को उसके सारे रुपये दे दिए।


सीख | Inspirational Stories in Hindi : बेईमान लोग कितना ही झूठ क्यो न बोलें लेकिन उन लोगों की चोरी हमेशा पकड़ी जाती है।


Short Inspirational Stories in Hindi


” संतोष की संपत्ति “


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    महेशनगर राज्य के महंत जी अपनी पत्नी के साथ खुशी खुशी अपनी कुटिया में रहते थे। उनकी पत्नी एक जिम्मेदार, समझदार और बुध्दिमान स्त्री थी।

  एक दिन जब वह अपने छात्रों को शिक्षा दे रहे थे तो, उनकी पत्नी उनके पास गई और उनसे बोली, आज घर में अनाज खत्म हो गया है। उन्होंने कोई भी उत्तर नहीं दिया।

शाम हो गयी थी। वे अपनी पत्नी के साथ घर चले गए।

उनका पीछा, एक द्वारपाल ने किया। उसने देखा कि उस दिन महंत जी और उनकी पत्नी केवल पानी पी कर ही सो गए। द्वारपाल ने यह बात राजा को बताई।

राजा यह बात सुनकर बहुत दुःखी हुए। राजा ने सोचा की हमारे राज्य के महंत की ऐसी दुर्दशा कैसे हो सकती है।

अगले दिन महंत को महल बुलवाया। उसको राजा ने बहुत से धन देने का प्रयास किया, लेकिन महंत ने उस धन को लेने से साफ मना कर दिया।

 अगले दिन राजा खुद महंत के घर गए। इधर उधर की बहुत सारी बातें हुईं। राजा को महंत जी से सीधे उनकी आर्थिक स्थिति के बारे में पूछना अच्छा नहीं लग रहा था।

लेकिन फिर उन्होंने पूछ ही लिया। उन्होंने महंत जी से कहा, ” महंत जी आपको किसी चीज की कमी तो नहीं है?”

महंत जी बोले! “यह तो मेरी पत्नी ही आपको बता सकती है।”

राजा ने अब महंत जी की पत्नी से भी यही सवाल किया। अब उनकी पत्नी बोली,” महाराज जब तक मेरे तन पर वस्त्र हैं, मेरे दोनों हाथ कार्य करने के लिए सक्षम है,

मेरे घर की छत सही-सलामत है और सबसे बड़ी बात जब तक मेरे पति मेरे साथ हैं तब तक हमारे घर में कोई कमी नही हो सकती! हम अभी अपना जीवन उचित ढंग से व्यापन करने में सक्षम हैं।”

महंत की पत्नी के बोल सुनकर राजा भावविभोर हो गए। राजा ने महंत और उसकी पत्नी को प्रणाम किया और कहा, ” धन्य हैं आप दोनों! आज आप दोनों के वचनों ने मुझे बहुत प्रभावित किया है।”

राजा वहाँ धन देने आया था लेकिन, राजा वहाँ से सन्तोष का धन लेकर चला गया।


सीख | Real Life Inspirational Stories in Hindi : “आपके पास जितना है, उतने में ही सन्तुष्ट रहिये। संतुष्टि के धन से बड़ा कोई धन नहीं है।”

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” दरिद्रता ”


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    एक बार एक योगी पुरुष, अपनी साधना से लौट कर अपनी कुटिया में जा रहे थे। तभी उन्हें एक सोने का सिक्का रास्ते मे मिला। योगी बहुत ही अच्छे और वैरागी पुरुष थे,

उन्हें किसी चीज का कोई लालच नहीं था। तो उन्होने सोचा, कि यह सिक्का मेरे किसी काम का नहीं है, मैं इसे किसी दरिद्र व्यक्ति को दे दूंगा।

यह सोचकर योगी ने सिक्का अपने पास रख लिया।

   वे नित्य अपनी साधना के लिए बाहर जाते थे। किंतु उन्हें कई दिनों के बाद भी ऐसा दरिद्र व्यक्ति नहीं मिला जो कि दरिद्र हो, या उसको किसी चीज की कमी हो।

   एक बार एक राजा अपने सैनिकों के साथ युद्ध के लिए जा रहा था। वह राजा योगी जी को जनता था। अतः वह योगी जी के पास आया और बोला, ” प्रणाम गुरुदेव! मैं युद्ध के लिए जा रहा हूँ।

मुझे अपने राज्य का विस्तार करना है, पड़ोसी राज्य आर्थिक रूप से , मेरे राज्य से भी अधिक शक्तिशाली है। यदि मैं उस राजा को परास्त कर दूँगा तो वह राज्य भी मेरा हो जयेगा।

कृपया आप मुझे आशीर्वाद दें।”

  योगी जी ने कुछ देर सोचा और अपने पास से वही सोने का सिक्का निकाल कर उसे दे दिया। राजा अचंभित हुआ।

राजा के चौंक कर उस सिक्के को देखने के बाद योगी बोले! यह सिक्का मुझे रास्ते में मिला था , मुझे तो इसकी कोई जरूरत नहीं थी, लेकिन यह बार बार पैरों के नीचे आ रहा था,

तो मैंने इसे उठा लिया और अपने पास यह सोचकर रख लिया कि मैं इसे किसी दरिद्र को दे दूंगा, अभी तक मुझे इसका हक़दार मिला नहीं। परन्तु यहाँ सबसे अधिक तुम्हें ही इसकी जरूरत है।

अतः मैंने यह तुम्हें दे दिया।”

राजा को क्रोध आया, वह बोला, ” मुझे आप दरिद्र कह रहे हैं?”

फिर योगी बोले! ” तुम्हारे राज्य में सब कुछ होने के बाद भी तुम्हें दूसरों के राज्य को छीनने की लालसा है! तो तुम दरिद्र कैसे नहीं हुए!”

  यह सुनकर राजा की बोलती बंद हो गयी। उसने योगी से माफी मांगी और युद्ध का विचार त्याग कर अपने महल चल दिया।


सीख | Inspirational Stories of Famous People in Hindi : ” जितना जिसके पास है, उसे उतने में ही सन्तुष्ट रहना चाहिए।”

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Motivational Stories in Hindi


” पशुओं की भविष्यवाणी”


    एक चरवाहा था, बलवंत। उसके पास भिन्न – भिन्न प्रकार के जानवर थे। वह उन्हें रोज चराने के लिए ले जाता था। सभी पशु अपनी अपनी भाषा में संवाद करते थे।

तो बलवंत को भी महसूस होता था कि वह कुछ कहना चाहते हैं, परन्तु वह उनकी बातों को सुनने में सदा ही असमर्थ रहता था। उसके मन मे इच्छा जागी,

कि वह भी उनके मन की बात और जो वे कह रहे हैं, वह सब सुन सकें।

   उसने बहुत उपाय करें , जिससे कि वह जानवरों की आवाज को सुन सके लेकिन वह सफल नहीं हुआ। तभी वह एक मन्दिर में गया, वह कोई ऐसा-वैसा मन्दिर नहीं था।

वह एक सिद्ध मन्दिर था, जहां सभी की मनोकामनाएँ पूर्ण होती थी। उसने वहां ईश्वर से मांगा की उसकी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएं और वह जानवरों के मन की बातों को सुन सके।

तभी उसके सामने एक महापुरुष आए, उन्होंने बलवंत से पूछा, “बेटा तुम्हारी क्या परेशानी है!”

तब बलवंत ने उन्हें सारी बातें बता दी। महापुरुष बोले, ” बस इतनी सी बात! मैं तुम्हें एक ऐसी विद्या देता हूँ, जिससे कि तुम जानवरों के मन की बात को सुन सको।

लेकिन उसका उपयोग तुम अपने हित के लिए करोगे तो तुम्हारे साथ अनिष्ट होगा।”

  यह कहकर महापुरुष ने विद्या बलवंत को देकर चले गए। बलवंत घर गया। उसने अपनी जानवरों की आवाज सुन पाने की शक्ति की परीक्षा लेनी चाही।

तभी वह अपने घर मे जा ही रह था कि, उसने सुना, घोड़ा 2 दिन बाद मरने वाला है, वह बाहर गया और उसने देखा कि यह और कोई नहीं बल्कि गधे आपस मे बात कर रहे थे।

अब उसको इस बात की खुशी हुई  कि वह जानवरों को सुन सकता है,लेकिन वह इस बात से बहुत दुखी हुए कि, उसका प्रिय घोड़ा मर जाएगा। उसने अगले ही दिन जाकर घोड़ा बाजार में बेच दिया।

उसे घोड़े के अच्छे रुपये मिल गए। फिर 3 दिन बाद किसी ने उसे बताया कि, उस ने जिस घोड़े को बेचा था, वह उसके दूसरे ही दिन चल बसा।

बलवंत को अब यह समझ आ गया कि, जानवर जो भी बोलते हैं सही बोलते हैं। अब उसने एक दिन कुत्तों को आपस में बोलते हुए सुना कि, मुर्गियां मरने वाली हैं।

अतः वह बाजार गया और मुर्गियों को भी बेच आया। जिसके भी उसे बहुत अच्छे रुपये मीले।

    अब उसको ऐसा करने की आदत सी हो गयी।

Moral Part of this Motivational stories in hindi- अब एक दिन कुछ यूं हुआ कि, सभी जानवर बहुत चिंतित थे। गधे आपस मे बोल रहे थे कि,

हमारा मालिक मरने वाला है। बलवन्त ने पहले इस बात पर ध्यान नहीं दिया।

  फिर उसने बकरियों को भी यही बात कहते सुनी की, अब हमारे मालिक मर जाएंगे।

  अब बलवंत बहुत ही डर गया। वह फिर से उस ही मंदिर में गया और भगवान को कोसने लगा। तभी वह महापुरुष बलवंत के सामने आए, उन्हें सब कुछ पहले से ही पता था वह मुस्कुराए और बोले,

मैंने तो तुम्हें पहले ही कहा था कि यदि तुम मेरी दी हुई विद्या का दुरूपयोग करोगे या इससे लाभान्वित होने का प्रयोग करोगे तो कुछ न कुछ अनिष्ट होगा जरूर। यह उसी का परिणाम है।

 यह कहकर महापुरुष चले गए और बलवंत वहीं अपने मरने का इंतजार करने लगा।


सीख | Inspirational Stories in Hindi : “मनुष्य को अपनी सभी विद्याओं का सदुपयोग करना चाहिए।”

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“कंजूस व्यापारी”


   एक बार एक व्यापारी अपना सामान बेचने के लिए दूसरे गांव जा रहा था। गर्मी बहुत हो रही थी, धूप भी बहुत तेज थी। अतः उसने रास्ते से नारियल पानी पीने की सोची।

व्यापारी थोड़ा कंजूस था। या कहें उसे एहसास था कि रुपये कमाने में मेहनत लगती है। तो वह हर चीज को लेने से पहले उसका मोल-भाव अवश्य किया करता था।

 वह नारियल लेने के लिए एक दुकान पर गया। उसने नारियल वाले से पूछा, ” भाई! नारियल कैसे दिए?”

तब नारियल वाला बोला, “20 रूपये का एक है।”

अब वह व्यापारी मोल-भाव करने लगा। तब नारियल वाला बोला, ” आप 1 किमी आगे वाली दुकान पर जाइए, वहां आपको 15 रुपये में नारियल मिल जाएगा।”

व्यापारी आगे गया। वहां जब उसने मोलभाव किया, तब वह दुकानदार फिर बोला, “आप 1 किमी आगे चले जाइए आपको वह 10 रुपये मे ही नारियल दे देगा।”

   इस प्रकार जैसे जैसे किमी में दूरी बढ़ती वैसे वैसे 5 रूपये कम हो जाते।

जब व्यापारी 5 रूपए में नारियल बेचने वाले के पास पहुंचा तो , तब उसने पूछा, ” भाई नारियल 5 रुपये का है ना? थोड़ा कम नहीं करोगे?”

तब उस दुकानदार ने कहा, ” माफ करना भाई मैं तुम्हारे लिए मूल्य कम तो नहीं कर सकता लेकिन हां वो देखो सामने 1 किमी पर समुद्र तट है, वहां बहुत सारे नारियल के पेड़ हैं।

तुम जितने चाहे उतने नारियल वह से तोड़ कर पी सकते हो, इसके लिए तुम्हें उनकी कीमत भी अदा नहीं करनी पड़ेगी।”

Moral Part of this Motivational stories in hindi- व्यापारी ने सोचा, ”बात तो इनकी सही है 5 रुपये बहुत होते हैं जिनको कमाने के लिए मेहनत और समय लगता है,

चलो आज कसरत ही कर लेता हूँ।” वह पेड़ों के पास पहुँच गया।

उसने अपना सामान का गठरा नीचे जमीन पर रख दिया और खुद पेड़ पर चढ़ गया। वह नारियलों तक पहुँचने ही वाला था कि, उसका सन्तुलन बिगड़ गया।

वह पेड़ से फिसलता हुआ सीधा जमीन पर गिर गया।

अब  उसकी बहुत सी हड्डियां टूट गयी। जिनका इलाज में बहुत खर्चा होना था। 5 रुपये बचाने के चक्कर मे वह हजारों गवाँ बैठा।


सीख | Real Life Inspirational Stories in Hindi : ” अधिक लालच और कंजूसी कभी भी किसी के नहीं होते। इसके बदले में उन्हें कई गुना अधिक खोना पड़ता है।”

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Moral Stories in Hindi for Success


” फसल की नैतिकता “


   एक गांव में एक किसान रहता था। वह हर बार बड़ी ही मेहनत और पूरी ईमानदारी से अपना फसल बोने का कार्य करता था। लेकिन हर बार उसको निराशा ही मिलती थी।

उसकी फसल का लगभग एक तिहाई हिस्सा बर्बाद हो जाता था। इसकी वजह बाहर का मौसम था।

    कभी बहुत अधिक गर्मी हो जाती थी, कभी बहुत अधिक ठंडा । कभी सूखा पड़ जाता था तो कभी बाढ़ आ जाती थी, जिसकी वजह से यह अपने मन मुताबिक फसल नही पा सकता था।

 अब उसे भगवान से भी शिकायत रहने लगी कि वह किसान के साथ ही ऐसा व्यवहार क्यो करते हैं। एक बार च इस प्रश्न का उत्तर लेने के लिए मन्दिर पहुंच गया।

मन्दिर पहुंचते ही उसने भगवान के सामने अपनी नाराजगी के प्रश्नों की सूची खोल दी।

  भगवान भी इतनी शिकायतें सुनकर बहुत दुखी हुए। उन्हें आखिर उस इंसान के सामने प्रकट होना ही पड़ा।

किसान भगवान को देख बेहद खुश हुआ। और प्रणाम किया।

तब  भगवान बोले, ” क्या चाहते हो वत्स?”

किसान हाथ जोड़ कर बोला, ” भगवान जी मैं बहुत दुखी हूँ। मेरी फसल हर साल आपके सर्दी-गर्मी, बाढ़-सूखा आदि के करने से बर्बाद हो जाती हैं। मुझे इस बार अच्छी फसल चाहिए, अतः आप अपने इन चक्रों को रोक दें।”

भगवान के प्रति उसकी भक्ति सच्ची थी अतः भगवान जी ने तथास्तु कह ही दिया। लेकिन साथ मे उन्होंने ऐसा भी कहा कि तुम्हें यहाँ दुबारा आना पड़ेगा यह याद रखना।

  इस बात का आशय उस समय किसान को समझ नहीं आया। किसान खुशी-खुशी अपने घर पहुँचा।

पुरानी फसल काटी गई। अब किसान नई फसल बोने के लिए लालायित था। किसान ने फसल बोई और इस बार भगवान के कहे अनुसार कोई भी तबाही वाली घटना नहीं हुई।

वर्षा के समय उचित वर्ष हुई। धूप भी ठीक-ठाक ही थी और उस बार सूखा भी नहीं पड़ा। जिसकी वजह से किसान की फसल देखने मे बहुत ही सुंदर लगती थी।

समय बीतता गया। और अब फसल की कटाई का समय आ गया। किसान फसल काटने के लिये बहुत ही उत्सुक था। वह सोच रहा था कि भगवान ने इस बार उस पर कितनी दया की है।

वह अपना फसल काटने वाला उपकरण अपने साथ ले गया। परन्तु खेत मे जाकर उसकी खुशी मिट्टी में मिल गयी।

Moral part of this inspirational short stories in hindi- असल मे फसल तो बहुत अच्छी हुई थी दिखने में। लेकिन उन फसल के एक भी पैधे में अनाज का एक भी दाना नहीं था।

यह देखकर किसान को बहुत बड़ा झटका लगा,

और उसकी मेहनत और खुशी दोनों ही 1 पल में ही चकनाचूर हो गयी। अब वह भगवान से फिर से नाराज हो गया।

   वह शिकायत लेकर फिर से मन्दिर पहुंच गया। इससे पहले कि वह कुछ कहता, भगवान जी प्रकट हो गए और बोले, ” क्यों वत्स क्या हुआ? यहाँ आने का प्रयोजन क्या है? इस बार तो तुम्हारी फसल भी अच्छी हुई है।”

 तब किसान बोला , “भगवान !फसल में तो 1 भी दाना लगा ही नही है।”

तब भगवान मुस्कुराए और किसान को समझाया, ” फसल को भी मनुष्यों की ही भांति अपने जीवन मे परेशानियों का सामना करना पड़ता है और मेहनत करनी पड़ती है,

जिससे कि, वे प्रबल होते हैं और उनमें कठिन परिस्थितियों में जीने की ताकत मिलती है। तभी वे अपने ही जैसे हजारों की संख्या में बीज उतपन्न करते हैं।

इस बार तुमने उन्हें मेहनत ही नहीं करने दी। अतः वे बढ़ तो गए लेकिन परिपक्व नही हुए।”

यह सब सुनकर किसान को अपनी भूल समझ आ गयी। और उसने भगवान से माफी मांगने लगा। भगवान ने भी उसे क्षमा कर दिया और चमत्कार से उसकी फसल को सही भी कर दिया।


सीख | Inspirational Stories of Famous People in Hindi : ” जीवन में आई हर प्रकार की परिस्थितियों का डटकर मुकाबला करना चाहिए ये हमें मजबूत और दृढ़ता प्रदान करते हैं।”


” कौए और कबूतर की दोस्ती “


    एक गांव में एक मछुआरा रहता था, जो कि मछलियों को पहले नदी से पकड़कर लाता था, फिर उन्हें बाजार में बेच आता था।

  उसके घर मे हमेशा कुछ न कुछ मछलियां पड़ी ही रहती थीं। उसने कुछ कबुतर पाल रखे थे, वह बची कूची मछलियों को उनको खाने को दे देता था।

  एक बार एक कबूतर की नजर उस मछुआरे के घर पर पड़ी, उसे लगा कि यदि मैं भी यही रह जाऊंगा तो मुझे भी रोज खाने के लिए इधर उधर भटकना नहीं पड़ेगा।

Intrusting part of this inspirational stories in hindi for students- यह सोचकर वह अपना निवास स्थान मछुआरे के घर में ढूंढने लगा।

लेकिन जैसे ही कौए ने मछुआरे के घर मे प्रवेश किया तो उसने देखा कि 1 कबूतर वहां पहले से ही है।

कबूतर और कौओं का की मेल नहीं है। कबूतर दाना खाते थे और कौए कीड़े मकोड़े।

   कौआ अपने स्वार्थ के लिए कबूतर के पास गया और बोला, ” मैं तुमसे मित्रता करना चाहता हूँ। मुझे तुम बहुत पसंद हो, तुम्हारा रंग भी बहुत सुंदर है। क्या तुम मुझसे मित्रता करोगे?”

  कबूतर ने कहा, ” मैं तो दाना चुगता हूँ और तुम कीड़े खाते हो हम दोस्ती कैसे कर सकते हैं। क्योंकि हम अपना अपना भोजन एक-दूसरे के साथ बांट भी नहीं सकते।”

कबूतर बोला, ” तो क्या हुआ! हम दोनों अपना भोजन बांट नहीं सकते लेकिन एक साथ अपने भोजन की व्यवस्था करने तो जा ही सकते हैं? फिर हम उस भोजन को एक साथ बैठकर खाएंगे! क्या कहते हो?”

   तब कबूतर बोला, “ठीक है। मैं तुम्हारे साथ मित्रता करने के लिए तैयार हूं। आ जाओ अबसे तुम मेरे ही साथ यहाँ मेरे घोंसले में रहोगे।मुझे कोई आपत्ति नहीं है।”

  मछुआरा कौए और कबूतर को देखता है, लेकिन वह इस बात को ध्यान से हटा देता है। और मछलियों को लाने नदी में चला जाता है।

खाने का समय होता है। अब कबूतर और कौआ दोनो ही अपने लिए खाना ढूंढ़ने चल देते हैं।

   ऐसा बहुत दिनों तक चलता रहता है।

फिर एक दिन कौआ मछुआरे को अपनी पत्नी से बात करते हुए सुनता है, मुछुआरा अपनी पत्नी से कह रहा होता है कि मेहमान आने वाले हैं मैं ने घर मे मछलियां रख दी हैं,

तुम उन्हें धो कर बना लेना। उसकी पत्नी मान जाती है।  अब सब अपने अपने कार्य मे  लग जाते हैं।

खाने का समय हो रहा होता है। कबूतर अब  कौए से कहता है, ” चलो भाई! आज खाने का विचार नहीं है क्या?”

Moral part of this inspirational short stories in hindi- घर में तो मछली है ही, कौआ आज उसे ही खाना चाहता था। वह स्वार्थी था इसलिए उसने कबूतर से झूठ कहा, ” मेरे पेट मे आज दर्द है, तुम खाना ढूंढने चले जाओ।

   कबूतर खाना ढूंढने चले जाता है। सब अपने अपने कार्य मे व्यस्त होते हैं कौआ मौका देख कर रसोई घर मे चला जाता है। वहीं टोकरी के नीचे छिपाकर मछलियां रखी होती हैं।

कौए को खुशबू आती है, वह प्रयत्न करके उन मछिलयों पर हाथ साफ कर लेता है।

   मछुआरे की पत्नी खाना बनाने रसोईघर में आई और कौए को मछली  खाते हुए देखा, उसको बहुत गुस्सा आया वह झट से रसोई के अंदर गयी और कौए को उठाया। उसने गुस्से में आकर कौए की गर्दन मरोड़ दी।

उसी समय कबूतर भी अपना खाना लेकर वापस आ गया। इसने अपने दोस्त की ऐसी हालत देखी अब उसको कबूतर की सारी कहानी समझ आ गयी।


सीख | Inspirational Stories in Hindi : “स्वार्थ और धोखाधड़ी कभी भी स्वयं के लिए लाभदायक नहीं होती है। अतः जो भी कार्य करना चाहिए वह हमेशा निस्वार्थ भाव से करना चाहिए।”


Inspirational Stories in Hindi for Students


” उच्च विचार”


   एक बार एक युवक नौकरी की तकाश में इधर उधर भटक रहा था। वह बहुत गरीब था। लेकिन वह धैर्यवान था।

   उसका परिवार एक गांव में रहता था, युवक शहर गया हुआ था नौकरी की तलाश में। अतः अपनी आर्थिक, पारिवारिक स्थिति के कारण अपने निवास स्थान पर कभी सब्जी बनाता था और कभी नहीं।

वह कुछ अन्य खाने की सामग्री कभी भी साथ नहीं रखता था। इधर – उधर जाना होता था तो वह अपने साथ कुछ रोटियां ले जाता था।

Intrusting part of this inspirational stories in hindi for students- एक बार वह रेलगाड़ी से सफ़र कर रहा था। सफर बहुत ही लम्बा था।

अतएव अपने साथ 4-5 रोटियां रखकर ले गया था।

रस्ते में उसे भूख लगी तो उसने अपनी रोटियों का डब्बा निकाला। औऱ खाने लगा।  वह रोटियों को कुछ अलग ढंग से खा रहा था। उसके पास रोटी के साथ खाने के लिए कुछ सब्जी नहीं थी,

लेकिन वह रोटी का एक निबाला तोड़ता और डब्बे के ढक्कन में डालता मानो सब्जी में अपनी रोटी का टुकड़ा डुबो रहा हो। और फिर वह उस निबाले को अपने मुह में डालता।

   बार बार वह इस कृत्य को दोहरा रहा था।

आस-पास के लोग युवक के इस प्रकार के खाने के ढंग से बहुत अचंभित हुए। उसके पास में बैठे एक व्यक्ति से अब सब्र नहीं हो रहा था, वह बहुत देर से युवक के कहने के अंदाज को देख रहा था।

Moral part of this inspirational short stories in hindi- अब उस व्यक्ति ने पूछ ही लिया, भाई तुम इतने विचित्र तरीके से भोजन क्यों खा रहे हो? तुम्हें पता है ना, कि तुम्हारे पास सब्जी नहीं है।

लेकिन तुम्हें दिखावा करने की जरूरत नहीं है। तो तुम ऐसा कर क्यो रहे हो?”

   युवक बोला ,” मेरे पास सब्जी नहीं है। ना ही कुछ ऐसा है जिसको मैं रोटी के साथ खा सकूं। अतः मैं कल्पना कर रहा हूँ कि मेरे डब्बे के ढक्कन में आचार है,

अतः मैं उसको ही रोटी में लगाकर कहा रहा हूँ। मुझे इसका स्वाद भी आ रहा है और मैं इससे सन्तुष्ट हूँ।”

तभी वह व्यक्ति बोला,” आचार? यदि तुम्हें कल्पना से ही स्वाद आ रहा है तो तुम किसी अच्छी सब्जी अथवा अच्छे पकवान की भी तो कल्पना कर सकते थे? उसका स्वाद तुम्हें अधिक सन्तुष्टि पहुँचाता।

यह बात सुनकर युवक सोचता रहा गया। क्योंकि उसकी कल्पना की सीमा केवल आचार तक ही सीमित थी।


सीख | Real Life Inspirational Stories in Hindi : ” जितना बड़ा सोचोगे, आपको उसी के अनुसार वस्तुओं की प्राप्ति होगी। अतः अपनी कल्पनाओं के दायरे को सीमित न रख स्वतन्त्र छोड़ दीजिए।”


“आत्मविश्वास”


एक बार राजा अकबर अपने बाग में टहल रहे थे, तभी उन्होंने एक सिपाही को अपना भाला साफ करते हुए देख रहे थे। तभी उनके मन मे ख्याल आया कि हथियार तो बहुत सारे होते हैं,

लेकिन सबसे अधिक असरदार और शक्तिशाली हथियार कौन सा होगा!

 तभी उन्हें बीरबल का ख्याल आया, उन्होंने सोचा बीरबल इस प्रश्न का हल अवश्य कर सकते हैं।

  उन्होंने एक सिपाही से कहकर एक बीरबल को बगीचे में बुलवाया और बीरबल से सवाल किया, ” सबसे अधिक शक्तिशाली हथियार कौन सा है? “

Intrusting part of this inspirational stories in hindi for students- बीरबल बहुत ही होशियार थे उनके पास सभी प्रश्नों के उत्तर होते थे।

बीरबल ने उत्तर दिया, ” महाराज! सबसे ज्यादा ताकतवर हथियार होता है, आत्मविश्वास।”

इतना कहकर बीरबल वहां से चले गए।

   बादशाह अकबर को संतुष्टि नहीं हुई। अकबर को बीरबल की परीक्षाएं लेना बहुत पसंद था, और वे एक भी मौका नहीं छोड़ते थे बीरबल की परीक्षा लेने का।

इस बार भी उन्होंने सोचा कि बीरबल की परीक्षा ली जाए। उन्होंने कुछ समय बाद बीरबल की परीक्षा लेने की सोची। फिर वह अपने कार्य मे व्यस्त हो गए।

  एक दिन अकबर को महावत दिखा, उसको देखकर ही अकबर को बीरबल की परीक्षा लेने की बात याद आ गयी। अकबर महावत के पास गए और अकबर ने एक महावत से कहा,

” हमारी सेना का जो हाथी पागल हो गया है, जिसको हमने जंजीरों से बांध रखा है, जब भी बीरबल आपको दिखें तब वह हाथी बीरबल के ऊपर छोड़ देना।”

  महावत मान गया।

बीरबल रास्ते से गुजर रहे थे, वे अपनी ही धुन में चले आए रहे थे। उनको राजा अकबर की किसी भी योजना या परीक्षा का कोई अंदाजा नहीं था।

    बीरबल को चला आ रहा देख, महावत ने पागल हाथी को खोल देने का सोचा। महावत ने जल्द ही हाथी की सभी जंजीरों को खोल दिया, और उसको बीरबल की दिशा की ओर मुह करके खड़ा कर दिया।

पागल हाथी जोर से चिंघाड़ते हुए बाहर आया और बीरबल की ओर दौड़ने लगा। बीरबल को अचानक ही वह हाथी दिखा।

अब बिरबल समझ गए कि महाराज ने उसकी बुध्दिमानी और आत्मविश्वास की परीक्षा लेने के लिए इस हाथी को खुलवाया है।

  बीरबल जी डरे नहीं। बल्कि समाधान ढूंढने लगे। उन्हें एक कुत्ता दिखाई दिया, जल्द ही उन्हें उस कुत्ते को देखकर कुछ सूझा और उन्होंने कुत्ते हो पीछे की टांगों जी तरफ से पकड़ लिया।

अब हाथी दौड़ता हुआ बीरबल के बहुत करीब आ चुका था।

Moral Part of this inspirational stories of success in hindi-  बीरबल ने कुत्ते को जितनी जोर से हो सकता था उतनी जोर से हाथी की ओर फेंक दिया।

कुत्ते ने घबराहट में अजीब सी आवाज निकालना शुरू जर दिया।

आवाज बहुत जोर की थी। उसकी आवाज को सुनकर हाथी डर गया। उसे पता ही नहीं चला कि हो क्या रहा है! वह डर के मारे अब आगे को आने की बजाय पीछे को चला गया।

इस प्रकार बीरबल ने अपने प्राणों की रक्षा की।

जब यह बात बादशाह अकबर को पता चली तो, वे बहुत खुश हुए और बिरबल की इस बार की बुद्धिमत्ता लिये पिछली बार की तरह ही इनाम दिए।


सीख | Inspirational Stories of Success in Hindi : ” आत्मविश्वास हमारा सबसे शक्तिशाली हथियार होता है, जो कि कठिन समय आने पर ढाल की तरह हमारी रक्षा करता है।”


Motivational Stories for Success


” महात्मा की साधना”


     एक आश्रम में एक योगी पुरुष साधना करते थे। वे इस आश्रम के सबसे उच्च शिक्षाविद थे। वे सुबह शाम ध्यान करने के लिए बैठ जाते थे। और अपनी साधना के खत्म न होने तक वहीं पर बैठे रहते थे।

   एक बार एक खरगोश का बच्चा इनके आश्रम में आ गया। वह अपनी मां से बिछड़ गया था। अब योगी जी ने उसे अपने आश्रम में ही रहने के लिए रख दिया।

आश्रम में रहने की वजह से वह महात्मा से अच्छी तरह घुल-मिल गया। वह महात्मा से बहुत प्रेम करता था।

  अब वह बड़ा होने लग गया। उसके बड़े होने के साथ साथ उसकी शैतानियां और चंचलता भी बढ़ती गयी। जब महात्मा अपनी साधना के लिए बैठते तो वह खरगोश उनकी गोद मे आ जाता,

कभी वह उनकी पीठ पर चढ़ जाता, तो कभी उनके सर के ऊपर जाकर हुड़दंग मचाता था। महात्मा भी उस खरगोश से बहुत खुश रहते थे ,

लेकिन खरगोश की इस हरकतों की वजह से महात्मा को साधना करने में बहुत परेशानी होती थी।

Intrusting part of this inspirational stories in hindi for students- उन्होंने अपने शिष्यों से कहा कि एक बड़े से पिंजरे का इंतजाम करें।

अपने गुरुदेव की आज्ञा का पालन करने के लिए शिष्य कहीं से एक बड़ा सा पिंजरा ले आए।

अब वे सब मिलकर महात्मा की साधना के समय उस खरगोश को पिंजरे में बंद कर दिया करते थे। पहले पहले तो यह सबको बहुत अजीब लगा क्योंकि महात्मा को भी खरगोश की शैतानियों की आदत पड़ गयी थी।

लेकिन बाद में सब सामान्य हो गया।

   लेकिन अब एक दिन ऐसा आया कि महात्मा जी की मृत्यु हो गयी। उनकी जगह एक अन्य योगी महात्मा बने और महात्मा की उपाधि ग्रहण की। अब भी  उस खरगोश को पिंजरे में रखा जाता था।

    फिर एक दिन ऐसा आया कि वह खरगोश भी मर गया। लेकिन जो योगी उस समय महात्मा के पद पर था, उसे बिना खरगोश के साधना करने का मन नहीं करता था।

उसको खरगोश से बहुत ही लगाव था। अब खरगोश की समस्या उतपन्न हुई। शिष्य कहीं से जाकर 1 खरगोश ले आए। तब जाकर उस योगी ने अपनी साधना फिर शुरू की।

अब कितने ही योगी महात्मा के पद से बदल गए और कितने ही खरगोश भी मर गए, लेकिन महात्मा के पड़ पर बैठे योगी की साधना के लिए एक खरगोश का पिंजरे में होना आवश्यक हो गया। यह एक प्रथा सी बन गयी।

Moral Part of this inspirational stories of success in hindi-  फिर एक दिन एक बहुत ही अच्छे गुरु वहां आए। वे अपनी तीर्थ यात्रा से उस जगह आए हुए थे।

जब उन्होंने वहां की प्रथा देखी तो वे बड़े ही आश्चर्य चकित रह गए।

  फिर उन्होंने पूरे आश्रम को समझाया कि किसी भी निर्दोष जानवर को कैद में रखना कितना बड़ा पाप है। यदि तुम सब किसी जानवर की पीड़ा नहीं समझ सकते तो तुम लोगो का इस आश्रम में होने से कोई लाभ नहीं।

    गुरुदेव की इस बात का सभी शिष्यों और वहाँ के उस वर्तमान महात्मा पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। फिर उन्हें समझ आया कि हमसे पहले वाले योगियों ने खरगोश को पाला था न कि पिंजरे में बंद करके रखा था।

अब उन सबने उस खरगोश को पिंजरे की कैद से आजाद कर दिया।


सीख | Motivational stories in hindi- : ” सबको अपनी-अपनी स्वतंत्रता बहुत प्रिय होती है। इसे किसी से भी नहीं छीनना चाहिए और किसी भी गलत कार्य को बार बार दोहराने से उसको प्रथा नहीं बनने देना चाहिए ।

इससे समाज मे और आने वाली पीढ़ियों में गलत सन्देश पहुंचता है।”


“दृष्टिकोण”


   एक गांव में एक महेश नामक बूड़ा व्यक्ति रहता था। वह बहुत ही होशियार और ज्ञानी था। उसने दुनिया देख रखी थी। सब गांववाले उससे  परामर्श लेने आते थे।

  एक बार इस गांव में एक व्यक्ति आया। उसने महेश से पूछा कि, यहां कैसे लोग रहते हैं? जहाँ से मैं आया हूं वहां तो बहुत ही गंदे लोग रहते थे। तभी वहां से मैं यहां आया हूं।

Intrusting part of this inspirational stories in hindi for students- तब महेश ने कहा, ” यहां भी वैसे ही लोग रहते हैं, जैसे परिवेश से तुम आए हो!” फिर वह व्यक्ति वहाँ से चल दिया।

इसके कुछ ही क्षण बाद एक और व्यक्ति आया उसने महेश को पहले सादर प्रणाम किया और फिर, पुछा,” श्रीमान आप बता सकते हैं कि यहां किस प्रकार के व्यक्ति रहते हैं?

मैं यहां काम के सिलसिले में आया हूँ। और अब यहीं बसना चाहता हूं। आप बड़े हैं इसलिए मैं आपसे पूछ रहा हूँ।”

तब महेश बोला, ” आप जहाँ से आए हैं वहाँ के लोग कौसे थे?”

व्यक्ति बोला, ” वहां का परिवेश बहुत ही अच्छा था, और वहां के लोग भी बहुत अच्छे थे, मेरा वहाँ से कहीं जाने का मन ही नहीं था। अगर काम न होता तो मैं कभी भी वहां से नहीं आता।”

Moral Part of this inspirational stories of success in hindi- महेश उसकी बातों से बहुत प्रभावित हुआ,

फिर, महेश बोला, “यहाँ भी अच्छे लोग ही रहते हैं। तुम निश्चिंत होकर यहां अपना बसेरा कर सकते हो।”

व्यक्ति,महेश का धन्यवाद कर वहां से चले गया।

पास में खड़ा महेश का पोता यह सब देख रहा था, तभी उसने अपने दादाजी से पूछा, ” दादाजी दोनों ही व्यक्ति आपसे एक ही प्रश्न कर रहे थे, लेकिन आपने दोनों को ही अलग अलग उत्तर दिये, ऐसा क्यों?”

महेश बोला, ” बेटा यह सब दृष्टिकोण पर निर्भर करता है। जो पहला व्यक्ति था, उसे यहां भी वैसे ही लोग मिलते जैसे कि उसका दृष्टिकोण था।

और नए व्यक्ति को भी तभी मैं ने वही बताया जो कि वह सुनना चाहता था।”

अब उसका पोता यह बात समझ गया। और उसे जीवन का एक नया सबक भी मिला।

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सीख | Inspirational Stories of Famous People in Hindi : “जैसा दृष्टिकोण होगा, दुनिया भी हमारे लिए वैसी ही बन जाती है। इसलिए अच्छा सोचें।”


Conclusion


आज आपने पढ़ी Inspirational Stories in Hindi. आशा करते हैं आपको हमारी यह Real Life Inspirational Stories in Hindi पसन्द आई होंगी।

Inspirational Stories of Famous People in Hindi जैसी ही अन्य रोचक कहानियाँ पढने के लिए चेक कीजिये हमारी प्लेलिस्ट को। और बने रहिये sarkaariexam के साथ।

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