71+ Great Karma Quotes in Hindi | Karma and Revenge Quotes with Mean
पढ़े यह Karma Quotes in Hindi. इन को पढ़कर आपको निश्चित अच्छी सीख मिलेगी, तथा जिन्हें आप अपने जीवन मे निवेश करके सफलता प्राप्त कर पाएंगे।
आज का हमारा विषय है Karma Quotes in Hindi, तो चलिए जीवन को सफल बनाने के लिए पढ़ते हैं, यह कर्मा के अनमोल विचार. आशा है, आपको इनसे बहुत कुछ सिखने को मिलेगा.
Contents in this Post
Karma Quotes in Hindi 1-10:
” Karma Thoughts “
◆. ” कर्म ही धर्म है। “
व्याख्या :- हमें अपने कर्म निरन्तर करते जाना चाहिए। इस संसार में जितने लोग भी सफल हुए हैं वे अपने निरन्तर प्रयासों अर्थात कर्म करते रहने की वजह से हुए हैं।
◆. ” कर्म न करने वाला मनुष्य, श्रेष्ठ होते हुए भी पापी है। “
व्याख्या :- कर्म न करने वाला मनुष्य, चाहें जितना भी श्रेष्ठ क्यों न हो, वह अकर्मण्य है तो वह श्रेष्ठ होने के बाद भी श्रेष्ठ नहीं है। वह मनुष्य कभी भी जीवन में, सफल नहीं हो पाता और पाप का भागीदार बनता है।
◆. ” यदि कुछ महत्व रखता है, तो वह है कर्म और प्रेम। “
व्याख्या :- जीवन के उचित ढंग से व्यापन के लिए, सदा प्रयासरत रहना चाहिए। और यही प्रयास हमारा कर्म होता है, यदि हम उन प्रयासों को प्रेमभाव से करें तो वह पूर्ण और फलदायी होते है।
◆. ” किसी कार्य की अच्छी शुरुआत से ही ,आधा कार्य पूर्ण हो जाता है। “
व्याख्या :- माना जाता है कि, यदि किसी कार्य की शुरुआत अच्छी हुई है, और उस कार्य के सभी सह-कार्य अच्छे से हो रहे हैं तो निश्चित रूप से वह कार्य बिना किसी बाधा के पूर्ण हो जाता है।
कार्य का सफलतापूर्वक पूर्ण होने की संभावना, उस कार्य की सफलता पूर्वक शुरुआत से ही ज्ञात की जा सकती है।
◆. ” अच्छे कार्य को प्रारंभ करने के लिए सभी मुहूर्त शुभ होते हैं। “
व्याख्या :- सभी चीजें ईश्वर की बनाई हुई है, और यदि ईश्वर ने कुछ बनाया है तो वह शुभ ही होगा। अतः समय का हर क्षण शुभ होता है,
अच्छे और सच्चे मन से किये गए कार्य किसी भी समय शुरू करने पर वह फलदायी होते हैं। कार्यों को करते समय मुहूर्त या समय नहीं देखना चाहिए। शुभ कार्य के लिए हर मुहूर्त शुभ मुहूर्त है।
Also Read: Best Moral Stories Collection
◆. “अपने कार्य में सुंदरता तलाश कीजिए। यकीन मानिये इससे सुंदर कुछ हो नहीं सकता। “
व्याख्या :- सुंदरता चेहरों पर न होकर मन में होनी चाहिये। और यदि आप इसी सुंदरता को अपने कार्य में भी देख सकते हैं ,
आपको अपने किसी भी कार्य को करने में लज्जा नहीं आती और आप अपने सभी छोटे बड़े कार्य स्वयं कर खुद को संतुष्ट पाते हैं तो यही संसार का सबसे अमूल्य धन है आपके पास, और सुंदर भी।
◆. “जो कार्य अपना हो, उसे स्वंय ही करना चाहिए। “
व्याख्या :- जो कार्य आपका है और आपको भली प्रकार से आता भी है, उस कार्य को आपको स्वयं ही करना चाहिए। यदि कोई कार्य नहीं भी आता है तो उसे सीख कर फिर स्वयं करना चाहिए। अपने कार्य को करने मे कैसी शर्म!
◆. ” आप आज क्या कर रहे हैं, यह महत्वपूर्ण है। क्योंकि आप इसको करने में अपना पूरा एक दिन लगा रहे हैं। “
व्याख्या :- समय बहुत ही बलशाली कारक है, इसको जीतन हम सत्कार्यों में लगाएंगे उतना ही हमे भविष्य में इसका फल भी प्राप्त होगा। क्योंकि हमारे कार्य ही हमारे भविष्य की नीतियों को निर्धारित करती हैं। और नीतियां कार्य को नया रूप प्रदान करता है।
◆. “आपके मेहनत द्वारा किये गए प्रयास कभी विफ़ल नहीं जाते हैं। “
व्याख्या :- यदि आपने किसी कार्य को बड़ी ही मेहनत और लगन के साथ किया है तो निश्चित ही वह कार्य फलित होगा। कर्म करना हमारा प्रथम दायित्व है,
जिसको हमें निष्पक्ष भाव से करना चाहिए। फल की आशा कार्य को प्रायः बिगाड़ सकती है। अतः निरन्तर कर्म करते रहिए बिना फल की आशा के।
◆. ” अभाग्य से हमारा धन, नीचता से हमारा यश, मुसीबत से हमारा जोश, रोग से स्वास्थ्य, मृत्यु से हमारे मित्र छीने जा सकते हैं, परन्तु हमारे कर्म नहीं।”
Also Read: Tenali Ram Moral Stories
व्याख्या | Karma Quotes in Hindi :- अभाग्य हमसे हमारा धन छीन सकता है, कुख्याति हमसे हमारे यश को छीन सकती है। मुसीबत हमारे जोश को डगमगा सकती हैं, भिन्न भिन्न प्रकार की बीमारियों से हमारा स्वास्थ्य खराब हो सकता है,
मृत्यु हमसे हमारे सम्बन्धी, हमारे मित्र छीन सकती है। परंतु हमारे द्वारा जीवन में किये गए कर्मों को नहीं। हमारे कर्म हमारा मृत्यु के बाद भी पीछा करते रहते हैं।
Quotes on Karma in Hindi 11-15:
◆. ” अविद्या से संसार का जन्म होता है। संसार से घिरे प्राणी, विषयों में आशक्त रहते हैं। विषय की शक्ति के कारण कामना, और कर्म का दबाव निरन्तर बना रहता है। कर्म दो प्रकार के हो सकते हैं, ‘शुभ या अशुभ’ । दोनो प्रकार के कार्यों का फल हमें जरूर मिलता है।”
व्याख्या :- संसार में कोई भी स्वतः ज्ञानी जन्म नहीं लेता। संसार मे तो किसी भी प्राणी के जन्म के समय वह अबोध, निश्छल और पावन होते हैं। अपने जन्म के बाद वह प्राणी जो भी कार्य करता है,
तब से उसका भविष्य उन कर्मो की वजह से बनना प्रारंभ हो जाता है। उसके अच्छे या फिर शुभ कर्म उसे जहां संसार में अच्छी शिक्षा और सफलता का मार्ग प्रदर्शित कराते हैं वहीं उसके गलत कार्य उसे गर्त में धकेलते जाते हैं।
◆. ” उच्च कर्म, महान मस्तिष्क को इंगित करता है। “
व्याख्या | Revenge Quotes in Hindi :- स्वयं व्यस्त रहकर उच्च कोटि के कार्य करना ही मानव और सभी प्राणियों का कर्तव्य है। जो भी इस कर्तव्य को समझ कर उन ऊँचे कार्यों को करते है वे महान मन – मस्तिष्क के धनी होते हैं।
कोई इन कर्मो को पूर्ण करने में हमारी बाधा बन सकता है लेकिन उनसे यह महान मस्तिष्क कोई भी नहीं छीन सकता।
◆. ” संसार में कर्म करते हुए, 100 साल जीने की इच्छा रखिये। क्योंकि कर्म करने वाला मनुष्य ही जीवन का अधिकारी है। जो मनुष्य कर्मनिष्ठा को छोड़कर भोग की प्रवृत्ति रखता है, वह जीवन नहीं मृत्यु का अधिकारी है। “
व्याख्या :- जो व्यक्ति सदा अपने कर्म को प्राथमिकता देते हैं वे सदैव हृष्ट पुष्ट और स्वास्थ्य रहते हैं जिससे कि उनकी आयु बढ़ती है, और वे अधिक वर्षों तक संसार के जीवन चक्र में सम्मिलित होते हैं।
वही जो मनुष्य कर्तव्यों से भाग कर कर्मविहीन जीवन जी रहा होता है, वह सर्वप्रथम रोगों का शिकार हो जाता है, अनेक प्रकार की चिंताएं उसे घेर लेती हैं। उन्ही चिंताओ के कारण वह समय से पूर्व ही इस संसार से चले जाता है। वह इसका ही अधिकार रखता है।
◆. ” सम्भवतः इस संसार में कोई भी मनुष्य किसी के प्रति भी उदार , प्रिय या दुष्ट नहीं होता, वह अपने कर्मों के कारण ही गौरव अथवा पतन को प्राप्त करता है। “
Also Read: Thirsty Crow Moral Story
व्याख्या :- संसार में जो जैसे कर्म करता है उसको उन कर्मों के अनुरूप ही उसका फल मिलता है। जिस प्रकार जब हम धान की फसल को बोते हैं तो उससे यह उम्मीद नहीं करते कि इसमें से गेहूं भी उतपन्न हो जाए। उसी प्रकार कर्मों का चक्र भी है,
हम जिस प्रकार के कर्म करेंगे हमे परिणाम भी उसी के अनुरूप मिलेगा। यदि हमने अच्छे कर्म किये तो हमारा संसार में उत्थान होगा जिसे कोई भी नहीं रोक सकता। परन्तु जब हमने गलत कर्म कर अपना जीवन व्यतीत किया, तो हमारा पतन निश्चित है।
◆. ” ईमानदारी और बुद्धिमानी द्वारा किये गए कार्य हमेशा सफल होते हैं। “
व्याख्या | Karma Quotes in Hindi :- यदि हम पूरी कर्तव्यनिष्ठता से अपना कर्तव्य पूर्ण कर रहे हैं और सभी कार्यों को उचित रूप से सत्य के मार्ग पर चलकर कर रहे हैं तो निश्चित ही सफलता की सीढ़ी की ओर कदम बढ़ा रहे हैं जिसको करना थोड़ा मुश्किल तो है परन्तु, असम्भव नहीं।
और जो व्यक्ति भी इन सभी कठिनाइयों भरी सीढ़ियों को पार कर लेता है वह अवश्य सफल हो जाता है। उसके बुद्धिमान और ईमानदार होने की वजह से वह ये सफलता का पद प्राप्त कर सकता है।
Revenge Quotes in Hindi 16-20:
◆. ” बलहीन व्यक्ति हर कार्य को असम्भव समझते हैं जबकि वीर उसी कार्य को साधारण समझते हैं। “
व्याख्या | Ghatiya Log Quotes in Hindi :- किसी भी कार्य को करने के लिए बुद्धि के साथ साथ, योजना और बल की भी आवश्यकता होती है, जो कि हमारे अच्छे स्वास्थ्य और कार्य के प्रति कर्मठता से ही स्पष्ट हो जाता है,
कि किस के लिए यह कार्य करना आम बात है और किसके लिए यह असम्भव है! अतः वीर व्यक्ति अपना जीवन सदैव ऐसे कार्यों को सरल बनाकर उसे सफल करने के प्रयास में खो जाते हैं और बुद्धिहीन, बलहीन व्यक्ति उन सफल व्यकितयों को देखते रह जाते हैं।
◆. ” कर्म करना बहुत ही उत्तम होता है। जो कि विचारों से आता है। इसलिए सभी को अपना मस्तिष्क उच्च विचारों और आदर्शों से परिपूर्ण कर लेना चाहिए। “
व्याख्या | Buddha Quotes on Karma in Hindi :- यह बात तो सिद्ध हो ही चुकी है कि कर्म का हमारे जीवन में क्या स्थान है। परन्तु अच्छे और उच्च कोटि के कार्यों को परिणित होने के लिए हमारे मस्तिष्क को अच्छे विचारों का विकास करना होगा।
ऐसे में मस्तिष्क का स्वस्थ और स्वच्छ होना अतिआवश्यक है। जिसमे हम निर्मल विचारों और आदर्शों को सम्मिलित कर अपने मस्तिष्क का सदुपयोग कर सकते हैं। अन्यथा मस्तिष्क में भूसा ही भरा रह जाएगा और उन्नति भी नहीं हो पाएगी।
◆. ” कर्म को करने के पश्चात उसका फल प्राप्त करने के लिए एक लम्बी समय यात्रा को तय करना पड़ता है। फल प्राप्ति के लिए प्रतीक्षा धैर्यपूर्वक करनी पडती है।”
व्याख्या | Quotes on Karma in Hindi :- जिस प्रकार किसी फल के वृक्ष को विशाल बनाने से पहले इसका पौधा रोपण पड़ता है, वह उसी समय से फल नहीं देने लगता, किसी पहलवान को उखाड़े में उतारने से उसे पहलवानी नहीं आ सकती, किसी विद्यालय में प्रवेश पाते ही कोई ज्ञानी नहीं बन जाता।
इन सभी कार्यों के सम्पन्न होने में कुछ समय लगता है, और यह समय असल में आपकी तपस्या का समय होता है, जिसे आप सभी को धैर्यपूर्ण तरीके से संवहन करना होता है। और इन सभी परीक्षाओं में सफल होकर ही परिणाम और फल प्राप्ति सुलभ हो पाती है, कर्मक्षेत्र चाहें जो भी होवे।
◆. ” सच्चे मनुष्यों के कर्म ही मधुर सुगन्ध देते हैं और मृदा में मिलने पर भी खिल उठते हैं। “
व्याख्या | Revenge Quotes in Hindi :- कोई मनुष्य यदि सच्ची निष्ठा से अपने कर्मों को निरन्तर करता जा रहा है, और यदि कोई उसके कार्यों को बिगाड़ने की कोशिश भी कर रहा है तो, ऐसा कभी नहीं होता कि वह कार्य असफल हो जाए।
या कभी भाग्यवश वह कार्य असफल भी हो जाता है तो उसका कुछ न कुछ लाभ उस सच्चे व्यक्ति को अवश्य मिलता है, और कुछ नहीं तो उस कार्य का अनुभव ही उस व्यक्ति के लिए पर्याप्त होता है।
◆. “कर्म का मूल्य बाह्य रूपों से फलित होने में इतना नहीं है जितना कि आंतरिक विकास और हमारे भीतर की दिव्यता की वृद्धि में है।”
व्याख्या | Karma Quotes in Hindi :- यदि कोई मनुष्य अपनी प्रतिभाओं को निखारने कर लिए निरन्तर प्रयास करता जा रहा है और उसका प्रत्यक्ष रूप से कोई परिणाम नजर नहीं आ रहा है तो निराश होने की जरूरत नहीं है,
क्योंकि मकान तो शीघ्रता से बन जाते हैं किंतु महल बनाने में समय लगता है। अर्थात यह वही समय है जो कि आपकी सकारात्मक ऊर्जा और दिव्यता को निखारने के प्रयास कर रहा है और आपके आंतरिक विकास में भी आपकी सहायता कर रहा है।
Quotes of Revenge in Hindi 21-25:
◆. ” कर्म की परिसमाप्ति ज्ञान में होती है, और कर्म का मूल, भक्ति अथवा आत्म समर्पण में है।”
व्याख्या | Ghatiya Log Quotes in Hindi :- :-कर्म को पूर्ण करने वाला कारक और कोई नहीं बल्कि उस कर्म को करने के दौरान प्राप्त किया गया ज्ञान ही है। जो कि बडी ही मेहनत और लगन के बाद अर्जित हुआ होता है। कर्म को क्रियान्वित करना किसी भी मनुष्य के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है।
ज्ञान के बिना मनुष्य बिन पूंछ वाले जानवर के समान ही होता है। कर्म द्वारा अर्जित ज्ञान से हम भक्ति अथवा ईश्वर को समझ पाते हैं अर्थात ज्ञान हमारे और परमात्मा के मध्य ,हमको जोड़ने वाले पुल की भांति कार्य करता है।
◆. “कर्म हमे हमारा स्वरूप दिखाने वाला दर्पण है। “
व्याख्या | Ghatiya Log Quotes in Hindi :- जिस प्रकार आईना हमें हमारा प्रतिरूप दिखता है, उसी प्रकार, कर्म भी हमारे विचार, व्यवहार, हमारी मानसिकता का दर्पण है। यदि स्वरूप में कोई भी गड़बड़ी हुई हो तो हम उसे आईने में देख स्वयं ठीक कर सकते हैं।
उसी प्रकार हमारे कर्मों के क्रियान्वयन से हम अपने पूरे जीवन को बुराई से बचा सकते हैं और अपना एक उज्ज्वल भविष्य बना सकते हैं। अतः हमें कर्म का अहसानमंद होना चाहिए।
◆. ” कर्म सदैव सुख नहीं ला सकता, परन्तु यह भी सत्य है कि कर्म के बिना भी सुख नहीं मिलता। “
व्याख्या | Revenge Quotes Hindi :-कर्म कोई वस्तु नहीं है जो कि अपना कार्य करेगा और सुख मिल जाएगा। कर्म उस अनमोल रत्न के समान है, जिसका होना घर की सुख- समृद्धि के लिए अत्यंत आवश्यक है। कर्म किये बगैर सुख की अपेक्षा करना बुद्धिहीनता है।
जिससे केवल घर में राग-द्वेष ही उतपन्न होते हैं। लेकिन कर्म करने के साथ ही खुशियों और सुखों की पहली शुरुआत हो जाती है। जिसके बाद उस घर या फिर समाज में कठिनाईयां थोड़ी सी कम होने लगती हैं।
◆. ” कर्म ही पूजा है और कर्तव्यपालन भक्ति। “
व्याख्या :- कर्म को सदा पूजा की संज्ञा दी जाती है। वास्तव में अपना कर्म करना पूजा करने के ही समान है। जिस प्रकार पूजा निस्वार्थ भाव से की जाती है, जिसमे सभी की भलाई और सुख समृद्धि की कामना की जाती है,
ठीक उसी प्रकार निस्वार्थ भाव से किया गया कर्म भी पूजा ही है। निःस्वार्थ भाव से किये गये कर्म का उद्देश्य भी दूसरों की भलाई और सुख का विकास कराना होता है। परिणामस्वरूप कर्तव्यों का पालन करना वास्तव में भक्ति होती है।
◆. ” मानव के जीवन को कर्म ही अहिंसक और पवित्र बना सकता है। “
व्याख्या | Quotes on Karma in Hindi :-मनुष्य जीवन यापन के लिए क्या कुछ नहीं करता। यहां तक कि उसको कभी कभी पूरे संसार से हिंसक व्यवहार भी करना पड़ता है, यह सब वह केवल और केवल अपने परिवार के लिए करता है।
परन्तु यदि वह अपने कर्म को उचित ढंग से करे, संसार को न देख केवल अपने कार्य और कर्म पर बल दे तो वह एक अहिंसक जीवन जी सकता है, और ऐसा करके वह स्वयं व अपने परिवार को भी पवित्र करता है। अहिंसक और पवित्र मन ही सफलता का ताला खोल सकते हैं।
Karma Thoughts 25-28:
◆. ” कर्मठ व्यक्ति समाज, परिसर आदि को देख कर कर्म नहीं करता बल्कि वह तो केवल क्रियारत रहता है। “
व्याख्या | Revenge Quotes in Hindi :- यदि कोई व्यक्ति कर्मठ है तो वह न ही कार्य का प्रकार देखेगा, न ही कार्य करने का स्थान और न ही समाज को कि उस कार्य को करने से समाज क्या प्रतिक्रिया दे रहा है। वह तो केवल कर्म करना जानता है, कोई भी कार्य बड़ा या छोटा नहीं होता,
बल्कि हमारी सोच उसे ऐसा बनाती है। यदि कोई कर्मठ व्यक्ति है तो वह संसार की बातों को नजरअंदाज कर केवल कार्य करेगा, अपना कार्य, और आगे बढ़ेगा। जिससे कि वह स्वयं को आत्मसंतुष्टि पहुंचा सके। यह भावना सभी में नहीं होती।
अधिकतर लोग समाज और अपना वर्चस्व लोगों पर बनाने के लिये एक ऊंची पदवी हांसिल करना चाहते हैं चाहें वे इसके लायक हो अथवा न हों। सच्चा कर्मठ व्यक्ति वही है जो अपने कार्य को पूरी आदर्शता के साथ करे और उस कार्य को , अपनी लगन से ही ऊंचा अथवा श्रेष्ठ बना दे।
◆. ” एक कर्मयोगी कभी अपने लिए कुछ नहीं करता, वह कभी अपनी इच्छाओं को प्रकट नहीं करता और कभी भी कुछ भी वह स्वयं के लिए नहीं मांगता। इसलिए उसमें कामनाओं का नाश शीघ्रता से हो जाता है। “
व्याख्या | Karma Quotes in Hindi :- एक सच्चा कर्मयोगी कभी स्वयं के बारे मे नहीं सोचता। वह कभी भी अपनी इच्छाओं को प्रकट नहीं करता उसे केवल अपने कर्म से ही लगाव होता है, और वह ये कर्म भी अपने प्रियजनों अपने परिवार के लिए करता है,
ऐसा बहुत समय तक करने से उसमें इच्छाएं समाप्त हो जाती हैं वह केवल दूसरों की इच्छाओं की पूर्ति लिए अपना कार्य, अपना कर्म करता जाता है। उसकी आदत के अनुसार वह अपनी इच्छाओं को मारने और कामनाओ को नष्ट करने में भी सफल हो जाता है।
◆. “कर्मशील लोग शायद ही कभी उदास रहते हों , क्योंकि कर्मशीलता और उदासी दोनों साथ साथ नहीं रहते। “
व्याख्या | Quotes on Karm in Hindi :- कर्मशील व्यक्ति सदा अपने कार्य में व्यस्त ही रहता है। उसे खुश अथवा उदास होने का समय भी नहीं मिल पाता। कर्मशीलता उदासी को दूर कर देती है। कर्मशीलता और उदासी का कोई मेल नहीं।
Also Read- 45+ Another Great Thoughts
Conclusion:
आज आपने पढ़े Great Karma Quotes in Hindi. आशा करते हैं, आपको आज के हमारे यह Revenge Quotes in Hindi पसन्द आये, और अगर आप इन्हें अपने जीवन मे अपनाएंगे तो निश्चित ही सफलता प्राप्त कर पाएंगे।
ऐसी और इंफोर्मेटिव पोस्ट पढ़ने के लिए चेकआउट कीजिये, हमारी प्लेलिस्ट को। और बने रहिये sarkaariexam library के साथ।