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11+ Special Pariyon ki Kahani in Hindi with Images | परियों की कहानी

विश्व प्रख्यात Pariyon ki Kahani in Hindi आशा करते हैं, आपको आज की यह परियों की कहानी पसन्द आएंगी, और आप इन्हें पढ़कर एंटरटेन होंगे।

आज हम लेकर उपस्थित हैं, Pari ki Kahani in Hindi तो चलिए शुरू करते हैं।


pariyon ki kahani


Pariyon ki Kahani


” सिंड्रेला की कहानी “


pariyo ki kahaniya


बहुत समय पहले की बात है, एक शहर में एक व्यक्ति रहते थे।जब उनकी शादी हुई तो, उनकी पत्नी ने एक प्यारी सी परी जैसी बेटी को जन्म दिया।

जिसका नाम दोनो ने ही बड़े प्यार से सिंड्रेला रखा। सिंड्रेला के जन्म के 1-2 साल बाद ही उसकी मां का देहांत हो गया। अब उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली।

सिंड्रेला की सौतेली मां बहुत ही दुष्ट औरत थी। वह सिंड्रेला को बिल्कुल भी अच्छा नहीं मानती थी। उसकी दो बहनें और हुई।

थोड़े ही दिनों बाद उसके पिता का भी देहांत हो गया। सिंड्रेला के पास अपना कहने के लिए अब कोई भी नहीं था। बचपन से ही उसकी सौतेली मां उससे बहुत काम करवाया करती थी।

उसकी पढ़ाई लिखाई भी पूरी नहीं की गई। उसको घर का नौकर बना दिया।लेकिन सिंड्रेला ने कभी भी कुछ नहीं कहा, सब अपनी किस्मत समझकर स्वीकार कर लिया। अब वह बड़ी हो चुकी थी।

जितनी वह दिल की अच्छी थी, उसका रूप भी बड़े होने के साथ निखरता गया। वह उस नगर की सबसे सुंदर युवती बन गयी।

लेकिन उसकी मां ने इस कारण उसका नगर में घूमना ही बन्द करवा दिया। उसको फटे पुराने वस्त्र पहनने को दिए जाते ताकि वह बदसूरत दिखे , खाना भी उसको बचा कुचा दिया जाता था।

वह अपनी खिड़की से ही लोगों को इधर-उधर आते जाते देखा करती थी।

उसके दुःख अब कुछ ही दिनों के मेहमान थे।

एक दिन उस नगर के राजकुमार का जन्मदिन था। राजा ने घोषणा करवाई कि अपने पुत्र के जन्मदिन के शुभावसर पर वे एक बड़ा सा भोज रखेंगे। जिसमे राजकुमार के लिए लड़की भी देखी जयगी।

राजकुमार को जो भी लड़की पसन्द आएगी वह उससे ही शादी करेगा।

राजा के आदेश से दूत बनकर एक सैनिक सभी घरों में गया और जन्मदिन के भोज का निमंत्रण दे दिया। आखिर में वह सिंड्रेला के घर पहुंचा। उसने दरवाजा खटखटाया।

सिंड्रेला की सौतेली मां ने दरवाजा खोला, तब वह दूत बोला, ” माजी, राजकुमार के जन्मदिन का भोज है, आप सब आइएगा। खास कर युवतियों को आना है।

राजकुमार उन्हीं में से अपनी पत्नी चुनने वाले हैं।

यह सुनकर वह बहुत खुश हुई। सिंड्रेला ने  भी यह बात सुन ली। वह काम कर रही थी। वह अपनी मां के पास आई एयर बोली, ” मां मुझे भी जन्मदिन के भोज में जाना है,

” लेकिन यह सुनते ही उसकी सौतेली मां ने उसे बहुत मारा और वहां जाने से साफ मना कर दिया। वह चाहती थी कि उसकी दोनो बेटियों में से ही कोई राजकुमार के साथ विवाह करे।

लेकिन उसकी बेटियां तो सुंदर थी ही नहीं, अतः वह सिंड्रेला को नही देना चाहती थी। उसने सिंड्रेला को बहुत सारा काम दे दिया ताकि उसे जन्मदिन में जाने का मौका ही न मिले।

 जन्मदिन का दिन आ ही गया।

शाम को सभी को जाना था। सिंड्रेला की सौतेली मां ने सिंड्रेला को अपनी दोनो बेटियों के लिए ड्रेस बनाने के लिए दे दी। ताकि उसे अपने लिए कुछ करने का मौका ही न मिले।

सिंड्रेला ने दिनभर दोनो की ड्रेश बनाई। अब शाम होने वाली थी। उसके घर के सभी लोग तैयार होकर पार्टी में चले गए।

सिंड्रेला घर पर बैठे बैठे रो रही थी। वह अपनी मां को याद कर रही थी और सोच रही थी कि काश उसकी भी माँ जिंदा होती तो, आज वह भी सुंदर बन कर उस भोज में जा पाती।

   अचानक सिंड्रेला के कमरे में बहुत रोशनी हुई। हर बहुत सी धुंध के बीच एक परी प्रकट हुई। परी बिल्कुल सिंड्रेला की मां की तरह दिख रही थी।

अपनी मां को अपने सामने देख वह उसके गके से लग गयी। और बहुत रोने लगी। परी ने सिंड्रेला को चुप कराया और कहा, ” तुम राजकुमार की जन्मदिन के भोज में जाना चाहती हो न! मैं तुम्हें तैयार करूँगी।”

  सिंड्रेला ने कहा, ” मेरे पास तो अच्छे कपड़े ही नहीं है। मैं क्या पहनकर वहां जाऊँगी वहां तो सब बहुत ही सुंदर बनकर आए होंगे।”

परी ने झट से अपनी जादू की छड़ी घुमाई और सिंड्रेला एक राजकुमारी के रूप में परिवर्तित हो गयी। सुंदर तो वह थी ही, अब वह विश्व की सबसे सुंदर लड़की लग रही थीं।

उसकी सुंदर ड्रेस, जूतियां , सुनहरे बाल उसकव सबसे अलग बना रहे थे।

लेकिन परी ने उसे एक बात समझाई, ” मेरा यह जादू, रात के 12 बजे तक ही रहेगा। तुम उससे पहले ही वापस आ जाना।”सिंड्रेला मांन गयी।

Pari ki Kahani Interesting Part- परी ने पास में पड़े हुए कद्दुओ से एक शाही बोगी का इंतजाम कर दिया। सिंड्रेला उसमे बैठकर राजमहल की ओर चल दी।

  वह जलसे में पहुंच चुकी थी। उसने जैसे ही राजमहल में प्रवेश लिया जबकि नजर उस पर ही टिक गई। बाहर से आए हुए मेहमान और राजकुमार भी सिंड्रेला को ही एकटक देखे जा रहे थे।

उसकी सौतेली मां और बहनों ने भी उसे नहीं पहचाना।

राजकुमार ने फैसला कर लिया कि अब तो वह उसी से विवाह करेगा।

 वह सिंड्रेला के पास गया और उसकव डांस के लिए अपना हाथ दिया। सिंड्रेला मान गयी। दोनों एक – दूसरे के साथ बहुत देर तक डांस करते रहे। सिंड्रेला को समय का पता ही नहीं चला।

12 बजने में कुछ ही पल शेष थे। अचानक उसकी नजर घड़ी पर गयी। उसने देखा कि मध्यरात्रि तो होने ही वाली है, उसे अब परी की बात याद आ गयी।

उसने राजकुमार का हाथ छोड़ दिया और वहां से भागने लगी। राजकुमार भी उसके पीछे-पीछे भागा। हड़बड़ी में सिंड्रेला की एक जूती वहीं महल में छूट गयी। सिंड्रेला तो जा चुकी थी।

Pariyon ki Kahani Moral Part-राजकुमार के हाथ उसका केवल एक सैंडल ही रह गया। राजकुमार को बहुत अफसोस हुआ कि वह उसका नाम भी न पूछ सका।

अगले दिन राजकुमार स्वयं जाकर नगर में उस जुती वाली लड़की को खोजने निकला। उसने घर घर जाकर लड़कियों को वह जूती पहनाई लेकिन किसी को भी वह जुती नहीं हुई।

किसी को वह छोटी पड़ जा रही थी औऱ किसी के लिए बड़ी। फिर राजकुमार अंत मे निराश होकर नगर के आखिरी घर, सिंड्रेला के घर पर पहुंचा।

सिंड्रेला की दोनो सौतेली बहनों ने उस जूती को पहनने की कोशिश की लेकिन कोई भिबुस जुती को बहुत कोशिशों के बाद भी अपने पर पर नहीं डाल सका।

तब राजकुमार की नजर पास में खड़ी एक सीधी साधी लड़की पर पड़ी। उसने उसको बुलाया। उससे भी आग्रह कीया की  आप इस जुती को पहने। सिंड्रेला की मां ने भी कुछ नहीं कहा,

उसने सोचा यह इसकी थोड़े ही है, अपने आप कोशिश करती है।

सिंड्रेला जूती के पास गई और जुती पहनी उसको जूती आ गयी। तभी वह भागकर अंदर गयी और दोनों जूतियों को पहन लाई। राजकुमार बहुत खुश हुआ। और उसको अपने साथ महल ले गया।

दोनो की शादी हुई और वे एकसाथ प्रेम से रहने लगे।

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परियों की कहानी


” राजकुमार और जलपरी ”


pariyon ki kahaniyan in hindi


 एक राज्य था किशनपुर वहां एक बहुत ही प्रतापी राजा का राज्य था। वे बहुत ही अच्छे और दयालु राजा थे। उनका एक पुत्र था।

जो कि किशनपुर राज्य का राजकुमार था। वह बहुत ही होशियार और बुध्दिमान था। उसे शिकार खेलने का बहुत शौक था।

  एक दिन वह शिकार खेलने के लिए घने जंगल की ओर जा रहा था। तब उसके पिता ने उसे कहा, ” राजकुमार आपको अभी उस जंगल के बारे में अधिक जानकारी नहीं है।

यदि आपको किसी कारणवश वहीं रुकना पड़े तो किसी के माध्यम से हमे सूचित कर दीजिएगा। नहीं तो हमे आपकी चिंता लगी रहेगी।”

  राजकुमार ने अपने पिता की बात मान ली और चल दिये जंगल की ओर।

   दिन में ही उन्हें एक अच्छा सा शिकार हिरन के रूप में दिख गया। राजकुमार ने हिरन का शिकार कर लिया। और सैनिकों को सौंप दिया। लेकिन आगे चलकर, राजकुमार का घोड़ा अचानक दौड़ पड़ा जिस कारण,

राजकुमार अपने सैनिकों के झुंड से अलग हो गए तथा अपना रास्ता भटक गए। रात हो चली और राजकुमार जंगल मे ही भटकते रहे।

तभी उन्हें जंगल से एक मधुर आवाज आई। मध्यरात्रि का समय था। राजकुमार आवाज की दिशा में आगे बढे तो वह एक तालाब के पास जा पहुंचे। वहां उन्होंने देखा कि एक सुंदर सी लड़की मछलियों से बातें कर रही है।

राजकुमार उस लड़की के पास गए और उसको अपने बारे में बताया फिर उससे, उसके बारे में पूछा।

  लड़की बोली, ” मैं जलपरी हूँ। पहले मैं भी इन मछलियों की तरह ही एक मछली थी। एक दिन जब मैं पानी मे तैर रही थी तो मेरे सामने एक परी प्रकट हुई जो कि मुझे देखकर बहुत प्रभावित हुई। और खुश होकर मुझे यह रूप दिया।”

   राजकुमार ने फिर अपना हाल बताया कि वह कैसे इस जंगल मे फंस गया। राजकुमार को भूख भी लगी थी। जलपरी ने बिन बोले ही उसके सामने अपने जादू से खाने के कई व्यंजन रख दिये। राजकुमार ने उन्हें खाया और उसका पेट भर गया।

फिर उन्होंने खूब सारी बातें की। सुबह होने ही वाली थी। जलपरी ने कहा, ” अब मुझे जाना होगा। तुम्हारे सैनिक भी तुम्हें ढूंढते हुए इधर आ रहे हैं। तुम यही उनका इंतजार करो।” इतना कहकर जलपरी चली गयी।

कुछ ही देर में वहां सैनिक भी आ पहुंचे। फिर राजकुमार अपने सैनिकों के साथ वापस महल चले गए।उन्होंने मन ही मन परी का धन्यवाद भी दिया।


सीख : ” सदैव ही दूसरों की सहायता करने के लिए तत्पर रहना चाहिए।”

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Pari ki Kahani in Hindi


” जादुई चेहरा “


pari ki kahani


   बहुत समय पहले, एक शहर में एक व्यापारी रहता था। उसकी दो पत्नियां थीं। एक का नाम था, रोमा और दूसरी का नाम था मैरी। रोमा बहुत ही सीधी-सादी और पारिवारिक महिला थी।

जबकि मैरी बहुत ही घमण्डी थी। मैरी को अपनी सुंदरता पर बहुत घमण्ड था, जिस कारण वह स्वयं को रोमा से श्रेष्ठ समझती थी। मैरी के सुंदर होने के कारण उसका पति उसको अधिक प्रेम करता था।

रोमा को इस बात से कभी भी समस्या नहीं हुई।

   एक बार व्यापारी को शहर जाना था। उसने अपनी प्रिय पत्नी को अपने पास बुलाया और कहा, ” मैं 1 महीने के लिए घर से बाहर जा रहा हूँ। तुम उस रोमा को मत बताना यदि उसने मेरा रास्ता काट दिया तो,

मेरी पूरी यात्रा ही खराब हो जाएगी।” व्यापारी की इस बात पर दोनों हंसने लगे। जब रोमा पूजा से लौटी तबतक उसका पति जा चुका था। उसने ईश्वर से अपने पति के मंगल की कामना की।

एक दिन मैरी ने रोमा को उसके रंग रूप को लेकर बहुत सुनाया और दोनो का झगड़ा होने लगा। गुस्से मे आकर मैरी ने रोमा को घर से ही निकाल दिया।

  रोमा जंगल की ओर चल दी। वहां उसे सबसे पहले एक पेड़ दिखाई दिया, जिसके आस-पास बहुत ही कूड़ा कचरा था उसने वहां से वो सब साफ किया। वह थोड़ा आगे बढ़ी। उसे एक और पेड़ मिला,

वह पेड़ फलो के बोझ से एक तरफ को झुक गया था। महिला ने पेड़ को एक लकड़ी का सहारा दिया और वह पेड़ तन कर खड़ा हो गया।

जब वह थोड़ा आगे पहुँची तो एक सूखा वृक्ष उसके सामने आया। सामने पर ही तालाब था उसने तालाब से पानी लाकर पेड़ में डाला औऱ वह पेड़ फिर से हरियाली से खिल गया।

   वह आखिरी पेड़ कोई साधारण पेड़ नहीं था उसमें से एक परी प्रकट हुई। परी ने रोमा से कहा, ” तुमने जंगल मे जो- जो कार्य किये, मैंने सभी देखे मैं बहुत खुश हुई।

जाओ तुम उस तालाब में डुबकी लगाओ तुम्हारी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी।”

  रोमा तालाब में चली गयी। एक ही डुबकी के साथ उसकी पूरी काया ही पलट हो गयी। उसका रूप मैरी से भी सुंदर हो गया। और वह किसी महारानी की तरह लग रही थी।

Pariyon ki Kahani Last Interesting Part- वह वापस परी के पास आई, परी का धन्यवाद दिया। और वापस अपने घर चले गए। उसके मन में कोई खोट नहीं था,

अतः उसने घर जाकर यह बात मैरी को बता दी। मैरी ने भी सोचा,

यदि मैं उस तालाब में डुबकी लगाउंगी तो, मैं और अधिक सुंदर हो जाऊंगी। इस लोभ में आकर वह जंगल मे चली गयी। उसे भी वही सब पेड़ मिले लेकिन उसने किसी की भी सहायता नहीं की।

वह चलती गयी और तालाब में पहुंच गई। उसने परी की इजाजत के बिना ही तालाब में डुबकी लगा ली। लेकिन जब वह बाहर आई और पानी मे अपना चेहरा देखा,

तो वह पूर्ण रूप से कुरूप हो चुकी थी। उसका घमण्ड अब चकनाचूर हो गया। और उसको उसके लालच और पिछले कर्मो की सजा भी मिल गयी।

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Pari ki Kahani


” बारह राजकुमारियां “


   एक नगर था। वहां राजा और रानी रहते थे। ईश्वर की कृपा से उनकी बारह पुत्रियां हुई। और उन सभी को उनके माता पिता ने बहुत ही नाज़ो से पाला और बड़ा किया।

सभी राजकुमारियां अब विवाह के लायक हो गयीं थीं। राजकुमारियों को नृत्य करने का बहुत शौक था।

    एक दिन राजा रात को राजकुमारियों के कक्ष में गए। वहां एक भी राजकुमारी नहीं थी। राजा को बड़ी चिंता हुई।

उसने कुछ सैनिकों को राजकुमारियों को खोजने के लिए भेजा लेकिन राजकुमारियां कहीं भी नहीं थी। सब परेशान हो गए। राजा ने सुबह कार्यवाही करने की सोची।

लेकिन सुबह इससे पहले कि राजा कोई कार्यवाही करते राजकुमारियां अपने कमरे में सोई हुई मिली। राजा ने फिर कुछ नहीं किया।

  राजा के एक पहरेदार ने राजा को बताया कि, सभी राजकुमारियां रात को किसी खुफिया जगह नृत्य करने जाती है। लेकिन कहाँ यह कोई भी पता नही लगा पा रहा है।

तब राजा ने पूरे राज्य में घोषणा करवा दी कि जो युवक इस गुत्थी को सुलझाएगा और राजकुमारियों के नृत्य का राज खोलेगा वह अपनी पसंद की राजकुमारी से विवाह करने के लिये स्वतंत्र होगा।

   आस- पास के नगरों से कई राजकुमार आए। पर कोई भी राजकुमारियों के इस राज का पता नही लगा पाया। क्योंकि राजकुमारियां महल में आने वाले सभी राजकुमारों को नींद वाला शरबत पिला देती थी।

जिससे कि वे लोग रात को गहरी नींद में सो जाते थे। ऐसे बहुत समय बीत गया लेकिन राजकुमारियों के राज का पता नहीं चल पाया।

   जो जो राजकुमार दो दिन तक इस बात का पता नहीं लगा पाते थे, उनको कारागार में डाल दिया जाता था।

   फिर एक दिन दूसरे देश से एक सैनिक राजा की घोषणा औरयही खबर सुनकर राजा के महल आया। वह बहुत ही अच्छा और नेक युवक था। दुसरो की सहायता करता था और बड़ों का आदर भी।

वह पैदल ही अपने देश से यात्रा कर के राजा की नगरी में आ गया। रास्ते मे उसे एक बूढ़ी औरत मिली। उसके हाथों में बहुत ही सामान था। सैनिक झट से उसके पास गया,

और उसका सारा सामान स्वयं पकड़ लिया। रास्ते मे बातें करते करते समय का पता ही नहीं चला। जैसे ही वे दोनों बुढ़िया के घर पहुंचे, बुढ़िया एक परी में बदल गयी। युवक उसे देखकर हैरान रह गया।

Pari ki Kahaniyan Interesting Part- अब परी बोली, ” तुम बहुत ही अच्छे हो! तुमने मेरी सहायता की। मुझ पर एक श्राप था , वह श्राप तभी टूट सकता था,

जब कोई सच्चे हृदय से बिना लालच के मेरी मदद कर सके।

और देखो तुम्हारे कारण आज मैं उस श्राप से मुक्त भी हो गयी। तुम यहाँ राजकुमारियों का राज जानने के लिए आए हो न ?”

   युवक ने हामी भरी। तब परी बोली, ” उस राज का अभी तक किसी को भी पता नहीं चल पाया है। मैं तुम्हें राज तो नहीं बता सकती पर तुम्हारी सहायता अवश्य कर सकती हूं।

जब भी राजकुमारी तुम्हें खाने या पीने  की वस्तु दें तो तुम सतर्क हो जाना और उस वस्तु को मत खाना। मैं तुम्हें एक जादुई कपड़ा देती हूं उसको ओढ़कर तुम अदृश्य हो जाओगे,

फिर तुम राजकुमारियों का राज पता करने के लिए स्वतंत्र हो जाओगे और तुम्हें कोई भी नहीं देख पाएगा।”

   परी ने युवक को वह कपड़ा दिया और अदृश्य हो गयी।

अब युवक महल की ओर चल दिया। महल में उसकी तहकीकात हुई और उसको महल में 2 दिन रहने की इजाजत भी मिल गयी। युवक राजमहल में पहुंचने पर सतर्क हो गया।

राजकुमारियों के कक्ष के करीब ही युवक को एक कमरा रहने के लिए दिया गया। सबसे बड़ी राजकुमारी उस दिन शरबत लेकर युवक के पास आई।

Pariyon ki Kahani Moral Part-सभी राजकुमारियां बहुत सुंदर थीं लेक़िन सबसे बड़ी वाली बहनों में भी सबसे अधिक सुंदर थी.

युवक ने अब प्रण ले लिया कि वह राज पता करने के बाद इसी राजकुमारी से विवाह करेगा।

   रात हो गयी। अब युवक खिड़की द्वारा राजकुमारियों पर नजर बनाए हुए था। उसने देखा कि सभी राजकुमारियां अपने कक्ष में स्थित एक सुरँग की सहायता से गायब हो गयीं।

उनके पीछे पीछे युवक भी अपना जादुई कपड़ा ओढ़कर चल दिया। वह सब सुरँग से बाहर निकलने पर एक बहुत सुंदर जगह पर पहुंचे और नृत्य करने लगे। सुबह होने से ठीक पहले वे सब वापस आ गए,

और सुरँग को अच्छी तरह से ढक दिया। अब युवक को सारा राज मालूम हो गया। अगली सुबह होते ही राजकुमार ने यह बात राजा को बताई राजकुमारियों ने भी सच अपने पिता को बता दिया।

   राजा युवक से बहुत खुश हुए और उसका विवाह अपनी सबसे बड़ी पुत्री से करवा दिया।राजा ने राजकुमारियों के नृत्य के लिए एक अलग जगह भी बनवा दी।

अब सब एकसाथ महल में ही, खुशी से रहने लगे।


Pariyo ki Kahaniya


” राजकुमारी का संघर्ष “


Pariyon ki Kahani-​​ एक राज्य था। उसमें राजा-रानी के एक के बाद एक बारह पुत्र हुए। उन दोनों ने अपने बच्चों के नाम पर बारह स्तम्भो का निर्माण किया लेकिन तभी भविष्यवाणी हुई,

कि यदि रानी की तेरहवीं सन्तान भी लड़का नहीं,

बल्कि लड़की हुई तो, रानी के सभी बच्चे अपनी बहन के छूते ही बारह कौओं में बदल जाएंगे।

    रानी इस बात से बहुत दुःखी हुई। वह अपने बच्चों को यह बात नहीं बताना चाहती थी, लेकिन सब से छोटा वाला बच्चा, बहुत ही शैतान और जिद्दी था।

लेकिन वह अपने माता-पिता से बहुत प्यार करता था। उसको अपने महल के एक कमरे को देखकर बहुत आश्चर्य होता था। क्योंकि वह हमेशा ही बन्द रहता था।

राजा और रानी ने उस कमरे में ही स्तम्भो को अपने बच्चों से छिपा कर रखा था।

  एक दिन जिद करते करते छोटा राजकुमार अपनी मां को अपने पीछे पीछे दौड़ाते हुए उस कमरे तक ले आया। अब उसने जिद करी कि वह उसको इस कमरे में छिपा हुआ राज बताए।

बच्चा बहुत छोटा था। उसकी माँ उसे यह सब नही बताना चाहती थी। लेकिन बच्चे की जिद के आगे एक न चली। अब उसकी मां ने उसे सब बता दिया फिर उससे कहा,

” मेरे बच्चे तू बहुत बहादुर है। तू अपने सभी भाइयों को लेकर दूर जंगल मे चले जाना वहां से मैं तुम्हें इशारा करूँगी। अगर तुम्हारा भाई हुआ तो, महल में सफेद झंडा फहरेगा,

Pari ki Kahani Interesting Part- तुम सब फिर महल वापस आ जाना लेकिन यदि लाल झंडा फहरेगा तो तुम समझ जाना कि तुम्हारी छोटी बहिन हुई है।

और तुम सब वहां से भाग जाना।

    रानी की कोख से एक लड़की का जन्म हुआ। महल में लाल झंडा फहराया गया। सभी भाइयों को पता चल गया कि हमारी बहन हुई है जिसके छुते ही हम मर जाएंगे। वे सब अब घने जंगल की ओर चल पड़े।

जंगल मे उन्होंने अपने रहने के लिए एक छोटी सी झोपड़ी बनाई। सबसे छोटा भाई घर पर ही रहता था। बाकी भाई जंगल मे खाने पीने का सामान ढूंढने के लिए विचरण करते थे।

कुछ साल यूं ही बीत गए। सभी बड़े हो गए। राजकुमारी भी महल में अब बड़ी हो चुकी थी और बहुत सुंदर भी।

   एक दिन उसने भी 12 स्तम्भो वाला कमरा देखा और अपनी मां से उसका राज पूछा। रानी तो अब बूढ़ी होने लग गयी थी। उसने सोचा, क्या पता कल मैं रहूँ या न रहूं मुझे यह राज अपनी बेटी को बता देना चाहिए,

ताकि यह एक बार अपने भाइयों से मिल सके। तब रानी ने उसे बताया कि उसके 12 भाई और हैं। और इसके साथ ही उसने राजकुमारी को सारी बातें बता दी।

   राजकुमारी बिना कुछ सोचे समझे जंगल की ओर चल पड़ी। अपने भाइयों को ढूंढने के लिए। राजकुमारी घने जंगल की ओर चली गयी।

वहां उसे एक छोटी सी झोपड़ी मिली जब उसने अंदर देखा तो वहां एक लड़का काम कर रहा था। वह और कोई नहीं बल्कि उसका भाई ही था। लेकिन जैसे ही वह उससे मिली,

और उसको अपनी सारी कहानी बता ही रही थी कि उसके सारे भाई वहां पहुंच गए।

   सभी भाइयों ने उसकी बात सुनी और उसे यह बताया कि उसके होने के बाद से वे सब लड़कियों से नफरत करने लग गए थे, लेकिन आज अपनी बहन को देखकर उनकी सारी नफरत प्रेम में बदल गयी।

जैसे ही उन सभी ने अपनी बहन को स्पर्श करने के लिए हाथ बढ़ाया। उसके स्पर्श से सारे भाई कौओं में बदल गए। राजकुमारी को मां की बात याद आई। अब वह इन सबका दोष स्वयं को देने लगी।

तभी वहां एक सुंदर सी परी प्रकट हुई। उसने राजकुमारी से कहा,” उदास न हो। यदि तुम 5 साल बिना बोले रहो तो, तुम्हारे भाई वापस से इंसान बन सकते हैं।”

  तब राजकुमारी ने कहा, ” मैं अपने भाईयो के लिए कुछ भी कर सकती हूं।”  राजकुमारी ने प्रण लिया कि अब वह पांच सालों तक कुछ भी नहीं बोलेगी, मौन ही रहेगी।”

    वह जाकर एक पेड़ पर बैठ गयी। और पांच साल खत्म होने का इंतजार करने लगी। तभी वहां एक दिन यमन देश का राजकुमार गुजर रहा था। उसने राजकुमारी को देखा,

वह उसके मन को भा गयी। उसने राजकुमारी से विवाह करने का फ़ैसला कर लिया। लेकिन कुछ भी पूछने पर राजकुमारी ने कोई भी उत्तर नही दिया।

राजकुमार पेड़ पर गया औऱ वहां से राजकुमारी को पेड़ से उतार कर महल ले गया।

Pariyon ki Kahani Moral Part-दोनो का विवाह हो गया। राजकुमार की मां बहुत गंदी थी। उसने राजकुमारी के गूंगे और बहरे होने पर राजकुमार को बहुत भड़काया।

राजकुमार अपनी पत्नी से प्रेम करता था,

लेकिन अपनी मां के भड़काने पर वह भी क्रोधित हो गया। उसने राजकुमारी को मारने का फैसला किया। पांच वर्ष भी पूरे होने ही वाले थे।

एक बड़ी सी ज्वाला का प्रबंध किया गया। सैनिक राजकुमारी को ज्वाला में भस्म करने जा ही रहे थे कि, पांच साल का आखिरी क्षण भी खत्म हो गया।

उसके 12 भाई कौओं के रूप में उड़कर आए और जमीन को छूते ही, उनको अपना असली रूप वापस मिल गया। उन्होंने अपनी बहन को बचा लिया। सब बहुत ही खुश हए।

राजकुमार भी अपनी पत्नी को बोलते देख बहुत खुश हुआ , राजकुमारी ने उसे सारी बात बताई और राजकुमार ने फिर सभी से माफी भी मांगी।

  अब सब खुशी खुशी एक साथ रहने लगे ।


परियों की कहानी


” सात परियां और राजकुमारी “


Pariyon ki Kahani-​​ एक राजा था। दो साल बाद उनके घर मे एक राजकुमारी हुई। उसको आशीर्वाद देने के लिए सभी जगहों से बड़े-बड़े लोग आए।

उसे आशीर्वाद देने के लिए 7 बहुत ही सुंदर परियाँ भी आ पहुंची।

परियों के पीछे पीछे एक बुरी परी भी वहां आ पहुंची। वह वहां छिप गई और अपने कार्य को अंजाम देने के लिए, समय का इंतजार करने लगी।

​​   सभी ने इस छोटी सी गुड़िया को आशीर्वाद दिया। अब परियों की बारी थी। एक- एक करके सभी 6 परियों ने राजकुमारी को आशीर्वाद दिया,

लेकिन छठी परि के बाद  बुरी परी सामने आ गयी।। उसने राजा से कहा, “तुमने सभी को आमंत्रित किया लेकिन तुम मुझे बुलाना तो भूल ही गए। चलो कोई बात नहीं मैं खुद ही आ गयी।”

​​सभी उस बुरी परी को देखकर बहुत दुखी हुए। अब बुरी परी फिर बोली, ” मैं इस बच्ची को आशीर्वाद नहीं, श्राप देती हूँ कि यह अपने 18वें जन्मदिन पर केवल एक कांटा चुभने से मर जएगी।”

​​इतना कहकर बुरी परी वहां से चले गयी। राजकुमारी के माता पिता बहुत दुखी हुए और रोने लगे। तब सातवीं परी आगे आयी और बोली, ”राजा आप दुखी मत हों।

मैं बुरी परी के श्राप को पूरी तरह से खत्म तो नहीं कर सकती लेकिन मैं तुम्हारी बेटी को आशीर्वाद देती हूं कि जब इसे इसके 18वे जन्मदिन पर कांटा चुभेगा,

तो यह केवल बेहोश होगी और पूरे नगर में नींद की आंधी आएगी। पूरा महल भी गहरी नींद में  सो जयगा। महल का समय थम जाएगा। जब तक एक नेक दिल राजकुमार आकर आपकी बेटी को नहीं छुएगा तब तक समय थमा ही रहेगा।”

​​  इतना कहकर वह अपनी अन्य परी साथियों के साथ वापस चले गई। समय बीता। धीरे धीरे राजकुमारी बड़े होने लगी। उसका एक के बाद एक जन्मदिन बीतता चला गया और अब 18वाँ जन्मदिन आ गया।

जन्मदिन की शुभकामनाएं देने सभी लोग आए। और एक महिला भी आई वह अपने साथ बहुत सारे गुलाब के फूलों को लाई थी। उसने सारे गुलाबों को जाकर राजकुमारी को दे दिया।

Pariyon ki Kahani ​Interesting Part-राजकुमारी को गुलाब बहुत पसंद थे। जैसे ही राजकुमारी ने गुलाब पकड़े गुलाब का एक कांटा राजकुमारी के हाथों में चुभ गया।

राजकुमारी उसी समय बेहोश हो गयी।

साथ ही पूरा महल भी अब गहरी नींद सोने लगा।

​​   असल मे वो गुलाब देने वाली महिला और कोई नहीं बल्कि बुरी परी थी। उसने अपना असली रुप धारण किया ।उसको सातवीं परी के आशीर्वाद के बारे में नहीं पता था,

और वह बुरी परी राजकुमारी को मरा हुआ समझकर वहां से चले गई।

​सातों परियाँ भी राजकुमारी के 18वें जन्मदिन पर महल में आई थी। लेकिन वे सभी बुरी परी के सामने छिपी हुई थी। जैसे ही बुरी परी गयी ,

वैसे ही अच्छी परियाँ बाहर आईं और राजकुमारी को उसके कक्ष में ले गयी। उसको अच्छी तरह से तैयार किया और उसके पलंग पर उसे सुला दिया। सभी परियाँ वहां से चली गयी।

​​  बहुत साल बीत गए और वह महल विरान हो गया।

​​सौ साल बीत गए लेकिन वहां कोई भी नहीं आया।

Pariyon ki Kahani ​Interesting Part- लेकिन सौ साल बाद एक राजकुमार अपनी रियासत में शिकार से बाद लौट रहा था, तब वह सीधे रास्ते से न होकर एक बड़े रास्ते से मजे लेते हुए गुजर रहा था।

तभी उसकी नजर एक बड़े ही सुंदर महल पर पड़ी।

उसने मन मे सोचा कि, इतना समय हो गया मुझे सफर करते करते, लेकिन आज तक मैं इस महल के बारे में नहीं जान सक़ा और न ही किसी ने मुझे इस महल के बारे में बताया।

चलो महल चलकर देखते हैं।

​​यह सोचकर उसने अपने घोड़े का रुख महल की ओर मोड़ दिया। घोड़े को बाहर खड़ा करके वह अंदर जाने लगा। उसने देखा कि, सारे पहरेदार दिन में ही खर्राटे मारकर सो रहे हैं।

उसे बहुत ही आश्चर्य हुआ। वह महल के अंदर की ओर गया। जब वह राजसभा में पहुँचा तो उसने देखा कि, वहां के रानी और राजा भी सो रहे हैं। राजकुमार को महल में कुछ गड़बड़ लगी।

वह इस बात की तह तक जब के लिए  महल की तलाशी लेने लगा। तलाशी के लिए, वह इधर-उधर भटक रहा था। उसने सभी कक्षों में देखा लेकिन उसको कुछ भी नहीं मिला।

फिर वह एक महल के आखिरी कक्ष में गया। उसने देखा कि कक्ष बाहर से बहुत ही सुंदर तरीके से सजा हुआ है। और उसके मार्ग में फूल बिछे हुए हैं। राजकुमार आगे गया।

और कक्ष का दरवाजा खोलकर अंदर गया। अंदर जाकर उसने देखा कि एक बहुत ही सुंदर राजकुमारी अपने पलंग पर सो रही है। राजकुमारी ने उसका मन मोह लिया,

Pariyon ki Kahani Moral Part- राजकुमार से रुका नहीं जा रहा था। वह राजकुमारी के पास गया औऱ उसे स्पर्श किया। जजीसे ही राजकुमार ने राजकुमारी को स्पर्श किया,

वैसे ही, राजकुमारी की अचेतन अवस्था टूट गयी और वह उठ गई ।

राजकुमारी को पूरी बात समझ मे आ गयी। राजकुमारी के जगते ही, पूरे महल में जादू की लहर दौड़ी औऱ सभी अपनी अपनी नींद से जाग गए।

​   राजकुमारी ने, राजकुमार को सारी बातें बता दीं।अब राजकुमार ने राजकुमारी के सामने शादी का प्रस्ताव रखा। राजकुमारी ने उसको अपने माता पिता से मिलवाया और उससे शादी करने के बारे में कहा।

राजा और रानी मान गए। और राजकुमार के घरवालों से मिलकर दोनों का विवाह करवा दिया। अब दोनों ही खुशी खुशी एक साथ रहने लगे।


Pari ki Kahani


” परी और डाकू “


   एक परी रोज पृथ्वी लोक में घूमने के लिए आया करती थी। इसे परीलोक से सुंदर पृथ्वीलोक लगता था। परि बहुत ही सुंदर थी। उसके सुनहरे पंख और लंबे बाल उसकी खूबसूरती में चार चांद लगा देते थे।

   एक दिन जब वह परी शाम को पृथ्वी पर आई तो वह एक बगीचे में गयी। उसे वहां के फूल बहुत पसंद आए तो वह उन फूलों के साथ खेलने लगी। बगीचे में कुछ डाकू अपना भेष बदल कर आए थे।

जो कि वहां पर मौजूद अमीर लोगों को लूटना चाहते थे।

जब परी फूलों के पास थी तो, एक डाकू की नजर उस परी पर गयी। उसने अपने दोनों साथियों  को भी परी को दिखाया। सब उस परी को देखकर हैरान रह गए। पहले तो कोई भी विश्वास नहीं कर रहा था कि वह असली परी है,

लेकिन जब वह उड़ी तब उन्हें विश्वास हो गया कि यह असली परी है। अब उन्होंने एक योजना बनाई कि यदि हम इस परी को ले जाकर बाजार में बेच आएंगे तो, हमे करोड़पति बनने से कोई भी नहीं रोक सकता।

   सभी डाकू बहुत खुश हुए। लेकिन जब तक वह परी को पकड़ने के लिए जाते, तब तक वह परी उड़ चुकी थी। डाकुओं ने आस पास बहुत देखा लेकिन कहीं पर भी उन्हें परी नहीं दिखी।

तब उन्होंने योजना बनाई की जब वह परी कल आएगी, तो वे उसको अपना बन्दी बना लेंगे।

Pariyon ki Kahani Last Seen- अब अगले दिन, डाकू अपनी तैयारी कर के परी का इंतजार कर रहे थे। तभी एक नौजवान युवक वहां आया, उसने डाकुओं को देखा,

उसे उन लोगों के इरादे कुछ ठीक नही लगे अतः वह अब उन डाकुओं को छिपकर देखने लगा।

  तभी परी वहां उड़ते हुए आ गयी। डाकुओं ने पीछे से आकर जाल परी पर फेंक दिया और परी को बन्दी बना लिया। अब परी असहाय हो गयी।

    युवक तो छिपकर यह सब देख रहा था। वह झट से आगे आया औऱ एक डंडे की सहायता से सभी डाकुओ को मारने लगा। तभी परी भी किसी तरह से जाल से छूट गयी।

अब परी ने अपने जादू से सभी डाकुओं को जाल में बांध दिया।

 परी ने युवक का धन्यवाद दिया। वह युवक को कुछ उपहार देकर वहां से चली गयी।


सीख | Pariyon ki Kahani : ” किसी असहाय व्यक्ति का फायदा कभी भी नहीं उठाना चाहिए।”


” काली परी “


Pariyon ki Kahani- एक बार परीलोक में एक परी थी जिसका नाम था, रीमा। रीमा मन की बहुत ही अच्छी थी। लेकिन उसका रंग बहुत ही सांवला था। वह एक दिन परीलोक से पृथ्वी लोक पर आई थी।

वह एक साधारण लड़की बनकर शहर में घूम रही थी।

   तभी उसे एक मोहित नाम का लड़का दिखाई दिया। मोहित ने उसे रास्ता बताया। रीमा को मोहित बहुत अच्छा लगा और रीमा ने मोहित से बिना परी मां की इजाजत के मोहित से विवाह कर लिया।

  जब यह बात बताने के लिए रीमा परीलोक गयी तो, उसे परीलोक से बाहर निकाल दिया गया। और उसकी सभी शक्तियों को भी छीन लिया गया। अब रीमा एक साधारण लड़की बनकर धरती पर मोहित के साथ रहने लगी।

Pari ki Kahani Interesting Part- वहां मोहित की मां रीमा को उसके काले होने की वजह से बिल्कुल भी पसन्द नहीं करती थी। वह केवल अपनी छोटी बहू से ही प्यार करती थी, क्योंकि वह सुंदर थी।

रीमा घर का सारा काम करती थी और उसकी देवरानी उसको फिर भी नीचा दिखाने का 1 भी मौका नहीं छोड़ती थी।

   रीमा की सास भी जब उससे बातचीत करती तो, उसको उसके रूप के बारे में ताने कसने लग जाती थी।

   रीमा सब कुछ चुपचाप सहन कर रही थी। वह इस बारे में मोहित को भी नहीं बता सकती थी। क्योंकि, मोहित अपनी मां का अंधा भक्त था।

   एक दिन छोटी बहू रीमा के पास गई रसोई में। रीमा अपना कार्य कर रही थी। छोटी बहुत ने रीमा से उसके लिए पकवान बनाने के लिए कहा,  तब रीमा ने थोड़ी देर में बना देने के लिए कहा।

इतने में छोटी बहू रो रोकर सास के पास गयी। और उसके बारे में सास को खूब भड़का दिया। रीमा की सास गुस्से से आग बबूला हो गयी। और गुस्से में आकर रीमा को घर से बाहर निकल जाने को कहा।

   रीमा रो रोकर घर छोड़कर एक तालाब के किनारे चली गयी। वह बहुत ही दुखी थी और रोए ही जा रही थी। दो-तीन दिन गुजर गए और वह भूखी प्यासी वहीं बैठी रही।

   तब एक दिन अचानक उसके सामने एक परी प्रकट हुई। परी ने रीमा को देखा, वह उसे देखते ही समझ गयी, कि यह तो परीलोक की रीमा परी है। उसने अपने जादू से रीमा के सारे दुख दूर कर दिए।

और रीमा को परी बनाकर वापस परीलोक भेज दिया।


सीख | Pari ki Kahaniyan : “दुःखों का अंत एक न एक दिन जरूर हो जाता है।”


Pariyo ki Kahaniyan


” नटखट परी “


  एक गांव में सोहन नामक व्यक्ति रहता था। वह बहुत ही ईमानदार और सभ्य व्यक्ति था। उसे लोगों की मदद करने में आनन्द प्राप्त होता था। लेकिन किसी कारणवश उसको दो शादियां करनी पड़ी।

   उसकी एक पत्नी बहुत ही सुंदर थी, लेकिन दूसरी पत्नी का एक पैर नहीं था। सुंदर पत्नी को अपनी सुंदरता पर बहुत ही घमण्ड था। वह अपने आपको दुनिया की सबसे सुंदर महिला समझती थी।

और अपनी बहन समान सोहन की दूसरी पत्नी का एक पैर न होने की वजह से बहुत ही निरादर करती थी।

   एक पैर न होने के बावजूद भी वह सोहन की सेवा में आगे रहती थी। घर के सभी काम काज करती थी और, पूजा पाठ में भी मन लगाती थी। सोहन कि तरह ही उसे भी दुसरों की सहायता करना पसंद था।

लेकिन उसको बाहर जाने का कभी मौका ही नहीं मिलता था।

   सुंदर पत्नी तो दिन भर आईने के सामने बैठकर स्वंय को निहारती रहती थी। उसे केवल अपनी सुंदरता से ही प्रेम था।

  एक दिन सोहन घर पर नहीं था। सुंदर पत्नी दूसरी पत्नी पर अपनी सेवा के लिए आदेश पर आदेश देती जा रही थी। तभी किसी बात पर सुंदर महिला ने सोहन की दूसरी पत्नी से झगड़ा कर लिया।

वह बहुत ही असहाय हो गयी। अब सुंदर महिला ने गुस्से में आकर उसे घर से ही बाहर निकाल दिया।

Pariyon ki Kahani Last Seen-दूसरी पत्नी रोते रोते, गांव के मंदिर में चली गयी। और वही बैठ कर रो के लगी। तभी रात को अचानक वहाँ एक परी प्रकट हुई। सोहन की पत्नी सोई हुई थी। उसे परी ने जगाया। उसने सोहन की पत्नी से कहा, ” डरो नहीं।

मैं नटखट परी हूँ। मुझे तुम्हारे भगवान ने भेजा है। वे तुमसे बहुत प्रसन्न हैं। अब तुम्हारे दुख भरे दिन बीत गए हैं।”

  इतना कहकर परी ने उसे एक सुंदर रूप दिया। और उसे एक बिंदी भी दी। परी ने बिंदी देते हुए से कहा, ” यदि यह बिंदी तुम्हारे सिवा कोई और छुएगा तो वह कुरूप हो जाएगा। ” परी वहाँ से चली गयी।

   सोहन की पत्नी ने जैसे ही बिंदी लगाई उसका पैर भी वापस आ गया।वह बहुत खुश हुई ओर वापस घर चली गयी। इसने यह सब बात घर जाकर सोहन को बताई। सोहन भी बहुत खुश हुआ।

लेकिन सुंदर पत्नी ने उसकी आधी ही बात सुनी।

जब उसने वह बिंदी छुई तो, वह उस ही समय कुरूप हो गयी। और सोहन ने उसे कोई भिखारी महिला समझ कर घर से बाहर निकाल दिया।


सीख | Pariyon ki Kahani : ” किसी के साथ दुर्व्यवहार करने का अंजाम भी बुरा ही होता है।”


” मोटी परी “


   एक बार परीलोक में एक परी का जन्म हुआ नाम था उसका बुलबुल। वह बचपन से ही सभी परियों की लाडली थी। सब उससे बहुत प्यार करते थे,

और जब भी उससे मिलने के लिए आते थे तो उसके लिए ढेर सारा शहद लेकर आते थे क्योंकि बुलबुल को शहद खाना बहुत ही अच्छा लगता था। धीरे धीरे वह परी बड़ी हो रही थी। साथ ही उसकी साथ कि कुछ अन्य परियाँ भी बड़ी हो रही थी।

बुलबुल सुंदर तो थी लेकिन शहद खाने की वजह से इसका वजन और मोटापा बढ़ता ही जा रहा था।

   उसके साथ कि सभी परियाँ सुंदर तो थी ही साथ मे बहुत ही अच्छी और आकर्षक भी थी। जब भी उन सभी को कुछ सीखने के लिए कक्षा में बुलाया जाता तो सभी परियाँ मिलकर बुलबुल को उसके मोटापे के लिए उसे चिढ़ाती रहती थीं।

बुलबुल को बहुत बुरा लगता था। लेकिन वह बहुत अच्छी थी, अपने संस्कारो की वजह से किसी से कुछ भी नहीं कहती थी। और कक्षा में भी सबसे अलग बैठा करती थी।

  एक दिन सभी परियों को पृथ्वी लोक घुमाने लाया गया।

बुलबुल भी सभी के साथ पृथ्वी पर आई। अब जंगल मे घूम रहे थे। बुलबुल का तो कोई मित्र नहीं था इसलिए वह अकेले ही जंगल मे घूम रही थी। तभी वह एक तालाब के पास पहुंच गई।

उसने देखा कि एक सुंदर सा राजकुमार वहां पर पानी भर रहा है। बुलबुल राजकुमार को देखकर उस पर मोहित हो गयी और उससे अपने मन की बात कहने के लिए उसके सामने गयी।

  राजकुमार अपने सामने एक परी को देखकर चकित रह गया। परी ने आपमें मन की बात राजकुमार को बता दी।

लेकिन राजकुमार ने कहा, ” यह क्या कह रही हो तुम? अपना शरीर देखा है कभी? कितनी मोटी हो तुम! और मैं तो सुंदर हूँ। मुझे तुमसे दोस्ती नहीं करनी है।”

Pariyon ki Kahani Last Seen- यह कहकर राजकुमार चला गया। लेकिन राजकुमार की बात का बुलबुल परी को बहुत बुरा लगा। उसने अब आत्महत्या करने का फ़ैसला ले लिया।

वह तालाब में कूदने ही जा रही थी कि तालाब के बाहर एक सुंदर परी प्रकट हुई।

उसने बुलबुल से कहा, ” मैं जानती हूं तुम अपने मोटे होने की वजह से आत्महत्या कर रही हो न? लेकिन मैं तुम्हें ऐसा नही करने दूँगी।”

  परी ने बुलबुल को भी अपने जादू से सुंदर बना दिया। अब वह परीलोक की सबसे सुंदर परी बन गयी। वह अब थोड़ा आगे गयी। उसे वही राजकुमार मिला,

राजकुमार अपने सामने सुंदर परी को देख अपनी भावनाओं को रोक नहीं सका वह उसके पास गया और उससे दोस्ती करने का प्रस्ताव रखा।

तब बुलबुल बोली, ” मैं वही परी हूँ जिसका प्रस्ताव तुमने अभी ठुकराया था। मुझे ऐसे व्यक्ति बिल्कुल भी पसन्द नहीं है जो केवल बाहरी सुन्दता पर मोहित हो जाते हैं।” इतना कहकर वह उड़कर अपने समूह में वापस लौट गई।

  राजकुमार को बहुत बुरा लगा और उसे अपनी भूल का एहसास भी हो गया।


सीख | Pariyon ki Kahani : ” किसी के रूप रँग से उसके व्यक्तित्व का पता नहीं लगाया जा सकता।”


Conclusion | Pari Story


आज आपने पढ़ी Pariyon ki Kahani. आशा करते हैं, आपको आज की हमारी यह Pari ki Kahani पसन्द आईं, और इनसे कुछ नया सींखने को मिला,

परियों की कहानी ऐसी ही और रोचक कहानियां पढ़ने के लिए बने रहे sarkaariexam.com साथ।

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