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Special Real Ghost Stories in Hindi | Ghost Story with Images

असली घटनाओं पर आधारित Real Ghost Stories in Hindi. इस आर्टिकल में 4 प्रख्यात Ghost Story दी गयी हैं, आशा है आपको पसन्द आएंगी।

यह हैं Ghost Story in Hindi. जो रियल कहनी पर आधारित हैं, तब चलाये शुरू करते हैं।


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Ghost Stories in Hindi


” शापित गांव “


एक बार की बात है अरुन और उसका दोस्त प्रदीप ऑफिस से कुछ दिनों की छुट्टी लेकर ठण्ड के दिनों पहाड़ के गाँव घूमने निकले।

ठंड के दिनों पहाड़ी इलाकों में बर्फ़ गिरती है जो देखने मे बड़े ही अच्छा लगता है, ठण्ड के दिन वैसे तो बड़े ही सुहाने और प्रिय लगते हैं लेकिन अगर सड़क सुनी हो तो डर भी उतना ही लगता है।

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अरुण , प्रदीप के साथ अपनी गाड़ी लेकर चल पड़ा गाँव की ओर।

​गाँव कुछ दूरी पर ही था कि रास्ते मे अचानक जोर जोर से हवाएं चलने लगीं, और थोड़े ही देर में बारिश होना भी शुरू हो गयी। बारिश बहुत जोर जोर से होने लगी।

तभी उन्हें एक लड़की रास्ते मे मिली जो कि बारिश की वजह से पूरी गीली हो चुकी थी, वह बहुत ही सुंदर थी। लड़की ने उनसे कुछ दूर तक छोड़ देने का आग्रह किया।

अरुण को कुछ शक हुआ उस पर, लेकिन प्रदीप उसकी सुंदरता पर मोहित हो चुका था । प्रदीप ने अरुण से आग्रह किया कि इसे ले चलते है। अरुण भी राजी हो गया।

प्रदीप रास्ते भर उस लड़की से कुछ न कुछ बात करता लेकिन वो लड़की जवाब नही देती।

तभी अचानक उस लड़की ने बताया, – ” ऐसे ही 1 दिन मौसम खराब था ,बहुत जोर जोर से बारिश हो रही थी मैं ने किसी अजनबी से मुझे ले जाने का आग्रह किया लेकिन थोड़ी ही दूरी पर मेरा और उस गाड़ी में जो लोग थे उनकी ..”

इतने में अरुन को ये पूरी घटना अपने सामने होती दिखाई दी। अरुन की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया।

अरुण का सिर गाड़ी की स्टीयरिंग से जा टकराया और प्रदीप तो भूरी तरह से घायल हो गया और बेहोश हो गया।

अरुण ने पीछे देखा तो लड़की वहां से गायब हो चुकी थी।

अरुण जल्दी से गाड़ी से उतरा और प्रदीप को भी उतारा। दोनो बस स्टॉप की ओर चले गए।

बस स्टॉप पर पहुचंते ही वह कुछ गांव वालों को ये पूरी घटना बताई और प्रदीप की मरहम पट्टी करवायी।

गांववालों ने अरुण को बताया कि, हां यह सही बात है कुछ दिनों पहले यही गांव की एक लड़की दुर्घटना में मर गयी थी।

तब से उस गांव को शापित गांव कहा जाने लगा। हालांकि वो बेहद खूबसूरत है लेकिन अब वहां कोई घूमने नहीं जाता।

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” गला कटा प्रेत “

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​  एक बार कुछ दोस्त, रिया, टीना , मयंक और सुशील मिलकर जंगल में पिकनिक मनाने के लिए गये। दिन भर उन सब ने बहुत मस्ती की लेकिन समय कब बीत गया उन्हें पता ही नही चला।

रात वहीं जंगल में हो गयी। और जब वो सब वापस आने लगे तो जंगल में भटक गए। वो सब पहली बार उस जंगल मे गए थे और इतने आगे निकल गए थे अब उनको वहाँ से आना मुश्किल लग रहा था!

​सभी दोस्त बहुत डरे हुए थे,क्योकि उस जंगल के बारे में बहुत सी डरावनी कहानियां उन लोगो ने सुनी हुई थी। और  रिया ने तो उस जंगल को अपने सपने में कई बार देखा था

​वो सब साथ मे आगे को बढ़ ही रहे थे कि सुशील को एक चमकीली सी चीज दिखी और वो बिना दोस्तों को बताए  वहीं रुक गया देखने की आखिर ये चमक क्या रहा है!

​तीनों दोस्त आगे बढ़ गए और सुशील पीछे ही रह गया।

सुशील ने देखा कि किसी की चमकती हुई तलवार एक पेड़ में धंसी हुई है उसने उस तलवार को पेड़ से जैसे-तैसे निकाला और तलवार निकलते ही एक गला कटा हुआ प्रेत उसके सामने प्रकट हो गया,

सुशील की तो सिट्टी-पिट्टी गुम हो गयी वो बेहोश हो गया।

​असल मे वो तलवार एक अभिमन्त्रित तलवार थी जिसे बहुत समय पहले एक साधू ने उस प्रेत को नष्ट करने के लिए तैयार की थी और उस तलवार के सहारे गला कटा प्रेत को पेड़ से बांध रखा था।

​अब वो प्रेत आजाद हो गया था। वो पूरे जंगल मे घूमने लगा।

​सुशील उस पेड़ के नीचे अभी तक बेहोश ही पड़ा था!

​वहीं दूसरी ओर जब उसके दोस्तों को पता चला कि शुशील तो उनके साथ है ही नहीं तो वो सब उसको ढूंढने निकल पड़े।
​गहरी रात हो गयी, अब उन तीनो ने फैसला किया,

कि सब अलग अलग दिशाओं में जाकर सुशील को ढूंढेंगे।अभी तक उनको गला काट प्रेत के बारे में नही पता था।

​तीनो अलग हो गए।

अब कोई इधर कोई उधर जोर जोर से सुशील को पुकारने लगे, इतने में टीना का सामना उस प्रेत से हो गया।
​प्रेत उससे अपना कटा हुआ सर मांगने लगा पर टीना घबराकर भागने लगी ।

जैसे ही वो भाग रही थी गले कटे प्रेत ने उसे मार डाला। मयंक के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। अब टीना ओर मयंक की आत्माएँ गले कटे प्रेत के गुलाम बन गए थे,

दोनो रिया के पास गए व रिया को अपने बारे मे बताया और गला काट प्रेत के बारे में भी बताया। रिया बिल्कुल डरी हुई थी। तभी उसके सामने गला कटा प्रेत भी आ गया।

​रिया ने हिम्मत दिखाई और गला कटा प्रेत से पूछा कि कहाँ है तुम्हारा सिर गला काट प्रेत ने बताया-” इस जंगल मे एक बड़ा सा बरगद का पेड़ है जब मुझे मारा गया तो उसके आस पास ही सिर कहीं गिर गया,

अगर तुम वो सिर ढूंढ कर मेरे लिए ले दोगी तो मैं तुम्हें छोड़ दूंगा।”

Ghost Stories in Hindi Intrusing Part- रिया बिना कुछ सोचे समझे जंगल मे सिर ढूढने लगी तभी उसे याद आया कि ये जंगल तो मेरे सपने में आता है,

फिर उसे बरगद के पेड़ वाली जगह याद आयी और वो पेड़ वाली जगह पहुची। उसने देखा कि सुशील भी वही बेहोश पड़ा है।

​उसने सुशील को पहले होश दिलाया फिर पूरी कहानी बताई, और ये भी बताया कि कैसे गला कटा प्रेत ने उनके दोनो दोस्तो को भी मार डाला।

​दोनो अब उस प्रेत का सिर ढूंढने लगे।

पेड़ से थोड़ी ही दूर सूखे पत्तों को हटाने पर उन्हें प्रेत का सिर मिला और उसके साथ कुछ खजाना भी मिला ।

उस खजाने में कुछ वेद और मंत्रो से भरी 1 पुस्तक भी मिली जिसको रिया ने पढ़ा उसमे प्रेतों को नष्ट करने के तरीकों का और उस अभिमंत्रित तलावत का भी जिक्र था।

​सुशील और रिया दोनो ने मिलकर हिम्मत दिखाई और उस तलवार और सिर दोनो को लेकर गला काट प्रेत के पास ले गए।
​रिया ने जैसे ही गला कटा प्रेत को उसका सिर लौटाया,

वैसे ही सुशील ने पेड़ के सहारे उस प्रेत को तलवार से पेड़ के आर-पार कर दिया।

और गला कटा प्रेत वही कैद हो गया। टीना और मयंक की आत्मा को भी मुक्ति मिल गयी।

सुबह होने ही वाली थी और ​रिया और सुशील वापस अपने अपने घर चले गए।

​वो दोनों खजाना वही जंगल में ही छोड़कर आ गए क्योंकि ऐसी दौलत का कोई लाभ नहीं जिससे इतनी जाने गयीं। उन दोनों ने अपने दोस्तों को भी खो दिया।

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Real Ghost Stories in Hindi


” बुराई का अंत “

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​​Real Ghost Story in Hindi- बहुत समय पहले की बात है, सोनपुर गाँव से लगभग 20-30 मील दूर एक गुफा में एक तांत्रिक अपनी शक्तियों को बढ़ाने के लिए कुछ नयी सिद्धियों का प्रयोग कर रहा था ।

उसने बहुत प्रयास किये पर कुछ अच्छा सा हो नही पा रहा था, तभी कुछ सोचकर उसने अपनी तंत्र विद्या से दो कठपुतलियओं का निर्माण किया।

​वो कोई सामान्य कठपुतलियां नही थी बल्कि मायावी कठपुतलियां थीं । उनके पास शक्तियां होने के कारण वो बोल सकती थीं, चल सकती थीं । लेकिन उनकी शक्तियां केवल रात में असरदार होती थीं।

कुछ दिनों बाद, जब कठपुतलियां कुछ काम नहीं आ रही थी तो, तांत्रिक ने उन्हें उठाकर सोनपुर गांव के एक मंदिर के पीपल के पेड़ के नीचे छोड़ दिया। लेकिन वो उनसे शक्तियों को अलग करना भूल गया।

​कुछ दिन बीते और एक दिन अचानक गांव के एक आदमी जिसका नाम बिरजू था, की नजर उन कठपुतलियों पर पड़ी।

 उसने देखा कि दो सुंदर कठपुतलियों का जोड़ा पेड़ के नीचे पड़ा है। वो जल्दी से पेड़ के पास गया और मंदिर में आए अन्य लोगो की नजर से बचते हुए उन कठपुतलियों को वहाँ से उठाकर घर ले गया।

घर में आकर उसने सोचा कि मेरे पास कोई काम धंधा तो है नहीं तो क्यों ना मैं दूसरे गांव जाकर इनके जरिए पैसे कमाऊँ ।

Ghost Stories in Hindi-Real ghost stories in hindi बिरजू अगले ही दिन उन कठपुतलियों को लेकर पास के गांव चला गया। पूरे गांव ने चर्चा होने लगी कि एक कठपुतली वाला आया है,

तो सभी उसकी कठपुतलियों का खेल देखने उस जगह पर इकट्ठे हुए।

बिरजू अपनी उंगलियों के सहारे कठपुतलियों को नचाने लगा। सब बड़े ही खुश हुए और बिरजू को उपहार देने लगे।

​कठपुतलियों का खेल देखने के बाद सभी अपने अपने घर चले गए। रात हुई और बिरजू सो गया।

​लेकिन यह क्या कठपुतलियां तो रात होते ही जग गयीं। उनकी शक्तियां भी अब रात के साथ बढ़ गयी। मंदिर के पीपल के पेड़ में रहने की वजह से उनकी शक्तियां कमजोर हो गयी थी।

कठपुतलियां उठी और पूरे गांव में बातें करते हुए घूमे लगी।

​पहले तक वे तांत्रिक के आदेश पर ही कुछ कम करती थी लेकिन अभी इनको आदेश देने वाला कोई भी नहीं था।
​गर्मी के दिन थे,

तो मोहन अपनी खटिया को आंगन में लगाकर सोया था। कठपुतलियों की नजर मोहन पर पड़ी और वो उड़कर उसके पास चले गयीं

​उन्होंने आपस मे बात की कि, क्यो न अपनी शक्तियों से इसे भी कठपुतली बना दिया जाय।

​उन दोनो ने उसका गला काटकर कठपुतली का सिर लगा दिया । उन्हें बहुत खुशी हुई और वो दोनों वापस अपने मालिक बिरजू के पिटारे में वापस आ गए।

अगले दिन पूरे गांव में शोर होने लगा कि मोहन कठपुतली बन गया है। गांववालों को लगा कि यह सब बिरजू की वजह से ही हुआ है। गांववालों ने बिरजू को गांव से धक्के मार कर बाहर निकाल दिया।

​बिरजू अपनी किस्मत आजमाने दूसरे गांव गया तो वहाँ भी कुछ ऐसी ही घटना हुई और बिरजू को उसकी कठपुतलियों सहित फिर दूसरे गांव जाना पड़ा।

दो दिन बाद ​उस गांव में सरपंच के बेटे का जन्मदिन था।

​किसी ने बिरजू को बताया कि अगर वो दो दिन तक उस गांव में रहेगा तो उसकी अच्छी कमाई हो जाएगी। बिरजू वहीं रुक गया । लेकिन रात को उन कठपुतलियों ने फिर से गांव के सात-आठ लोगो को मार दिया।

Ghost Stories in Hindi Intrusing Part- अगली सुबह गांव के लोग इकट्ठा हुए और सरपंच के पास गए। सरपंच ने ये घटना आस पास के गांव के लोगो से भी सुनी थी ,

तो उसने गांववालों से कहा -“तुम सभी उस कठपुतली वाले को गांव के मैदान में बुलाओ और मैं तुम सभी को वही मिलूंगा”।

यह सुनकर गांववाले बिरजू को बहला कर गांव के मैदान में ले गए। ​सरपंच भी वहाँ आया लेकिन अकेले नहीं वो अपने साथ एक तांत्रिक को लेकर आया।

​ये वही तांत्रिक था जिसने कठपुतलियों को बनाया था, ​​कठपुतली वाला खेल दिखा ही रहा था कि तांत्रिक ने अपनी कठपुतलियां पहचान ली।

तांत्रिक अपने मंत्रोच्चारण करने लगा जिसे सुनकर कठपुतलियां जग गयी और बेचैन होने लगी। सब गांववाले ये सब देख कर आश्चर्य चकित रह गए कि कठपुतलियां ऐसा कैसे कर सकती हैं!

​तांत्रिक के मंत्रोच्चारण के कुछ देर बाद ही कठपुतलियां जलकर भस्म हो गईं और पूरे गांव को एवं बिरजू को उन मायावी कठपुतलियों से छुटकारा मिला।

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Horror Stories with Images


” चुड़ैल माँ “


​​Real Ghost Stories in Hindi-  बिट्टू अपनी मां और बाबूजी के साथ गांव में खुशहाली भरा जीवन व्यतीत कर रहा था। बिट्टू की मां भी उसे बहुत प्यार करती थी।

उनके पड़ोस में एक महिला रहती थी,

उसका इस दुनिया मे कोई नही था और न ही कोई बच्चा था।

वह महिला बिट्टू से बहुत प्यार करती थी बिल्कुल अपने बेटे की तरह और बिट्टू भी उस महिला को रेखा मां कहकर पुकारता था।

एक बार बिट्टू को गांव में कुछ बड़ा काम था, जिसकी वजह से वो अपनी रेखा माँ को समय नही दे पा रहा था।

रेखा की सहेली एक दिन रेखा के घर आई तो उसने रेखा से पूछा, ” कहाँ है तुम्हारा बेटा बिट्टू? रेखा ने कहा,- “बहुत दिनों से नही आया वो मेरे पास, उसे कुछ काम होगा”

बस इतना कहने की देर थी कि सहेली ने रेखा को भड़काने शुरू कर दिया।

और रेखा को भी लगने लगा कि बिट्टू उसे पसंद नहीं करता। रेखा आवेश में आकर गांव छोड़कर जाने लगी और रास्ते मे एक दुर्घटना में उसकी मृत्यु हो गयी।

रेखा को मोक्ष नहीं मिला क्योंकि वो अभी भी बिट्टू के प्यार में बंधी थी।

अब वो चुड़ैल बनकर रोज बिट्टू के सपने में आती और कहती कि बिट्टू तुम मुझसे प्यार नही करते।

धीरे धीरे उसने बिट्टू के परिवार के साथ  पूरे गांव को डराना शुरू कर दिया। बिट्टू इन सब से परेशान होकर एक बाबा के पास गया और उन्हें इस पूरे घटना के बारे में बताया तो बाबाजी ने कहा,-

Ghost Stories in Hindi Intrusing Part- “रेखा तुमसे बहुत प्यार करती थी और उसे ऐसा लगता है कि तुम उससे प्यार नहीं करते”।

बिट्टू ने कहा,- ” नही गुरुदेव ऐसा नहीं है मैं अपनी रेखा माँ से बहुत प्यार करता हूँ। मुझे उनके जाने का बहुत दुख है। इसका कोई समाधान बताएं।”

बाबा ने कहा कि तुम अपने बगीचे में जाकर उस चुड़ैल को पुकारना और उसे सब सच बता देना।

बिट्टू घर जाकर रात को ऐसा ही करता है। चुड़ैल सामने आती है और वो उसको बताता है कि वो उससे कितना ज्यादा प्यार करता था।
यह सब सुनकर रेखा बहुत भावुक हो जाती है, और बिट्टू को बहुत सारा आशीर्वाद और प्यार देती है।

और थोड़ी ही देर में वो गायब हो जाती है। इस तरह चुड़ैल माँ को मुक्ति मिल जाती है।

अब सभी गांववाले रेखा को एक देवी की तरह मानते है। और चुड़ैल माँ देवी मां बन जाती है।

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Conclusion


आज आपने पढ़ी Ghost Stories in Hindi जो रियल कहानी पर आधारित थी। उम्मीद करते हैं, आपको हमारी आज की यह Ghost Story in Hindi पसन्द आयी होंगी। ऐसी और कहानियां पढने के लिए बाहर रहिये sarkaariexam के साथ।

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