Best Short Donkey Stories in Hindi | Donkey Story- गधे की कहानी
नोरंजक और प्रेरणादायक Short Donkey Stories in Hindi. आशा करते हैं, आपको यह गधे की कहानी कहानी मनोरंजन के साथ साथ प्रेरक भी लगेगी। तो चलिए शुरू करते हैं।
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Donkey Stories in Hindi
मूर्ख गधा
बहुत समय पहले की बात एक एक गांव में एक धोबी रहा करता था। धोबी के पास एक गधा था। वह धोबी अपने गधे पर कपड़ों की गठरियों को लाने ले जाने का कार्य करता था।
बोझा ढोने के अलावा गधे का कोई काम नहीं होता था। अतः रात में धोबी गधे को बाहर खुला छोड़ देता था। धोबी उसे खाना भी नहीं देता था।
गधा खुद ही रात में इधर उधर घूमकर घास चरता था। गधा अपने इस दुखभरे जीवन से बहुत परेशान हो गया था।
एक दिन गधा अपने मालिक के घर के बाहर यूं ही रूखी सुखी घास खा रहा था। तो वहां से उस समय ही एक सियार गुजरा। वह गधे की हालत देखकर बहुत दुखी हुआ।
सियार से रहा नहीं गया और वह गधे के पास चला गया। गधे से उसने जान पहचान की और फिर कुछ ही देर की बातचीत से वे दोनों अच्छे मित्र बन गए। सियार बहुत मोटा तगड़ा था।
वहीं गधा बहुत ही कमजोर था। उसकी हड्डी पसलियां दिखाई दे रही थी।
उसकी हालत को देखकर सियार बोला, ” दोस्त तुम तो बहुत अच्छे घर मे रहते हो, मालिक के साथ। तुम्हें तो किसी चीज का भी कोई भय नहीं है। फिर तुम इतने दुबले पतले क्यो हो? मुझसे तो तुम्हारी यह हालत देखी नहीं जा रही।”
गधा भावुक हो गया। वह बोला, ” दोस्त मैं क्या करूँ! मैं मालिक के साथ तो रहता हूँ लेकिन मेरा मालिक मुझसे केवल अपना काम निकालना जानता है। मुझे खाने के नाम पर वह कुछ भी नहीं देता ,
अन्न का एक दाना तक नहीं । वह रात को मुझे बाहर छोड़ देता है।
तुम ही बताओ मैं क्या खाऊं? मैं अपने मालिक को छोड़कर कहीं दूर चले जाना चाहता हूं। लेकिन क्या करूँ बाहर की दुनिया मैं ने देखी ही नही है।”
सियार भी भावुक हो गया और उसे गधे पर बहुत तरस आया। वह बोला,” दोस्त अब तुम चिंता मत करो। मैं हूँ न! अब तुम्हें खाने की चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
मुझे एक खुफिया जगह पता है, वहां चलते हैं, मेरा वादा वहां चलकर तुम्हें बहुत खुशी होगी। यहां से अधिक दूर भी नहीं है, सुबह होने से पहले आ जाएंगे तुम्हारे मालिक को भी कुछ पता नहीं चलेगा।”
शियार की बात गधा मान गया औऱ उसके पीछे चल दिया। अब सियार उसे रस्ते में उस जगह के बारे में बताने लगा कि वहां बहुत सारे फल और सब्जियां लगी हुई है। मैं तो रोज वहां जाता हूँ खूब खाता हूं तभी तो इतना मोटा हूँ। अब तुम भी अच्छे हो जाओगे।
अब वे दोनों एक खेत मे पहुंच गए। वहां चारों ओर खूब फल और सब्जियां लगे हुए थे। गधा तो देखता ही रह गया। गधा खुशी के मारे कुछ बोलता इससे पहले सियार बोला,
” तुम हल्ला मत करना यहां बाहर रखवाले होते हैं। थोड़ी सी भी अगर आवाज हुई तो वे यहाँ आकर हमारा वो हाल करेंगे जो हम सोच भी नहीं सकते।”
Donkey Story in Hindi Interesting Part- गधे ने सियार की बात मान ली और वह सीधे खाने पर टूट पड़ा। कभी तरबूज कभी ककड़ी और कभी कुछ और।
उस दिन उसने खूब खाया और जब तक पेट भरा नही तब तक वह खाता ही गया।
सुबह होने वाली थी दोनों ने खूब खाया और वे फिर चुपचाप वापस भी आ गए। गधे को तो खूब मजा आ गया। उसने शियार का धन्यवाद दिया।
अब वे दोनों रात होने के बाद रोज उसी खेत मे जाने लगे। कुछ ही दिनों में वे खा पीकर खूब मोटे हो गए। गधे की हालत सुधर गयी।
फिर एक दिन, चांदनी रात थी। वे दोनो दोस्त रोज की ही तरह खेत मे भोजन करने के लिए गए हुए थे। गधे को उस दिन बहुत ही अच्छा लग रहा था।
उसने खूब जमकर भोजन करा और जब उसका पेट भर गया तो उसने सियार से कहा, ” दोस्त मैं आज बहुत खुश हूं। ऊपर से चांदनी रात भी है, चन्द्रमा हमे ही निहार रहा हैं।
चारों ओर खुशनुमा माहौल है। मुझे तो गाना गाने का मन हो रहा है। अब मैं गाना गा रहा हूं।”
गधा बोला, ” पागल हो गए हो? गाना मत गाना ।
बाहर वो मुश्तण्डे लठ लेकर बैठे हुए हैं। यदि उन्हें भनक भी लग गयी कि हम यहां है तो वे हमारा जो हाल करेंगे तुम उसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते।”
इस पर गधा बोला, ” अरे तुम जानते नहीं हो! मैं बहुत सुरीला गाना गाता हूँ। मेरा गला बहुत ही सुरीला है। अगर वो रखवाले आ भी जाएंगे तो वे मुझे शाबाशी देंगे। तुम चिंता मत करो।”
सियार ने उसे बहुत समझाया लेकिन गधा माना ही नहीं। गधा बोला, ” मुझे लग रहा है तुम मुझसे जल रहे हो। क्योंकि मैं बहुत सुरीला गाना गाता हूँ।
मुझे नहीं लगा था कि तुम मेरे दोस्त होकर मुझसे ईर्ष्या करोगे। मैं तो गाऊंगा ही।”
सियार ने मन मे सोचा “इसे समझाने का कोई फायदा नहीं है। ये खुद तो पिटेगा ही और साथ मे मुझे भी पिटवाएगा। यहाँ से निकल जाने में ही भलाई है।”
यह सोचकर वह बोला, ” गधे दोस्त सुनो। जैसा तुम सोच रहे हो वैसी कोई बात नहीं है। भला मुझे तुमसे ईर्ष्या क्यो होगी। मुझे तो तुम पर गर्व है। और खुद पर भी। क्योंकि मैं इतने अच्छे गायक का दोस्त जो हूं।
अच्छा सुनो। मैं न बाहर जाकर पहरा देता हूं, कि कहीं कोई अंदर न आ पाए। ” शियार चालाकी से बाहर चले गया और वहां से दूर चले गया।
गधा तो अपनी तारीफ सुनकर बहुत खुश हो गया। और सियार के बाहर जाते ही वह अपनी गर्दन ऊपर कर जोर जोर से रेंक कर गाने लगा।
बाहर बैठे खेत के रखवालों ने गधे की बेसुरी आवाज सुन ली। गधे की आवाज सुनकर सभी रखवाले अंदर आ गए। उन्होंने गधे को चारों ओर से घेर लिया।
Donkey Story in Hindi Moral Part- गधे ने जब उनको देखा तो वह खुश हुआ ।वह सोच रहा था कि ये लोग मेरे गाने से बहुत खुश हुए हैं।
और मुझे यहाँ शाबाशी देने आए हैं।वह गाता गया।
तब उन रखवालों में कहा, ” अच्छा तो तू ही है वह जानवर जो रोज रोज आकर हमारे खेत से फल और सब्जियों को खा जाता था। हमे तो कई दिनों से तेरी तलाश थी। आखिर आज तू मिल ही गया। “
यह सुनकर गधे की बोलती बंद हो गयी।
अब रखवाली करने वाले उसे अपने बड़ी बड़ी लाठियों से पीटने लगे। गधा लाठियों की मार सहन न कर सका। वह गिर पड़ा और उसके मुंह से झाग निकलने लगा।
लेकिन रखवालो ने उसे मारना नहीं छोड़ा। गधा बेहोश हो गया। रखवालों ने उसे उठाकर बाहर फेंक दिया।
सुबह होने पर उसे होश आया। उसे बहुत दर्द हो रहा था। उसके पूरे शरीर पर लाठियों की मार के जख्म थे। वह खड़ा हुआ, उससे चला भी नहीं जा रहा था।
वह लंगड़ा कर चलने की कोशिश करने लगा और अपने मालिक के पास वापस जाने लगा। फिर उसने चलते चलते सोचा मुझे सियार की बात मान लेनी चाहिए थी।
यदि मैं जिद न करता तो मुसीबत में कभी नहीं फंसता। आज से मैं ऐसी गलती कभी नहीं करूंगा।
गधे को अपनी गलती पर बहुत पछतावा हुआ। अपनी गलती की वजह से उसने अपना इतना अच्छा मित्र भी खो दिया
सीख | Donkey Story in Hindi : ” मूर्ख दोस्तों का साथ स्वंय के लिए भी मुसीबत बन जाता है।”
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Conclusion | गधे की कहानी
आज आपने पढ़ी Donkey Stories in Hindi. आशा करते हैं, आपको आज की यह Donkey Short Stories in Hindi कहानी पसन्द आयी, और इससे कुछ नया सींखने को मिला। ऐसी ही रोचक कहानी और पढ़ने के लिए बने रहें के साथ।