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30+ Special Shri Guru Nanak Dev Ji Quotes in Hindi | गुरु नानक विचार

सफलता पाने के लिए पढ़िये Guru Nanak Dev Ji Quotes. आशा करते हैं, गुरु नानक देव जी के यह अनमोल वचन आपको पसन्द आएंगे, और इनसे कुछ सींखने को मिलेगा।

आज हम लेकर उपस्थित हैं Guru Nanak Quotes in Hindi. जिसमे आपको गुरु नानक जी के विचार तथा उनका अर्थ भी जानने को मिलेगा, तो चलिए शुरू करते हैं।

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Guru Nanak Dev Ji Quotes


  ” मेहनत करके कमाए गए धन के कुछ भाग को जरूरतमंद व्यक्तियों को भी देना चाहिए।”


अर्थात : मेहनत कर के कमाया गया धन बहुत ही काम आता है, केवल अपने ही नहीं दूसरों के भी काम आता है, इसका सदुपयोग करना चाहिए, ताकि इसका उपयोग अच्छे कार्यों में हो सके।

धन को जितना सही दिशा में व्यय किया जाय वह उतना ही फलित होता है। विश्व मे जितने भी धर्म हैं वो भी हमे यही सिखाते हैं कि, हमे दुसरो की सहायता करनी चाहिए। वास्तव में किसी जरूरतमंद की सहायता करना ही सबसे बड़ा धर्म होता है।


  ” अपने परिवार और प्रियजनों के साथ शांति से निवास करने वाले व्यक्ति का कोई भी बैरी, बाल भी बांका नहीं कर सकता ।


अर्थात : व्यक्ति का परिवार उसकी सबसे बड़ी शक्ति होती है, परिवार का साथ उसको पूरे विश्व भर से लड़ सकने की शक्ति, सामर्थ्य और साहस प्रदान करता है।

लेकिन ऐसा तभी सम्भव है, जब उस व्यक्ति के मन मे अपने परिवार और प्रियजनों के लिए प्रेम हो। अन्यथा ऐसे व्यक्ति की कोई सहायता नहीं करना चाहेगा जो उनके साथ बैर भाव रखे।


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  ” घमण्ड, राग, द्वेष धरती के ऐसे विकास है जो कि मनुष्य को मनुष्य नहीं रहने देते। अतः सदा इन विकारों से दूर रहने का प्रयास करें। “


अर्थात : ” इतिहास गवाह है, कि जिस भी मनुष्य ने घमण्ड में आकर कोई भी कार्य किये हैं वे कभी भी सफल नहीं हो पाएं हैं। मनुष्यों को स्वयं को किसी भी विकार से दूर रखने की आवश्यकता है,

क्योंकि जब स्वयं मनुष्य ही इन विकारों से दूर रहेगा तो, ये विकार उसको छू भी नहीं सकते। अतः क्रोध, राग-द्वेष , घमण्ड जैसे विकारों को अपने आस-पास भी भटकने नहीं देना चाहिए । यही मनुष्य को उसके पतन से बचा सकता है।


  ” उस बड़े राजा, जिसके पास प्रेम और सदाचार नहीं है, से तो एक छोटी सी चिंटी महान है जिसके अंदर दूसरों के लिए प्रेम और ईश्वर के प्रति प्रेम और आस्था भरी है। “


अर्थात : वह बड़े से बड़ा इंसान जिसके पास बहुत अधिक धन है, लेकिन वह इसका उपयोग किसी अच्छे कार्य मे नहीं कर सकता, जिसके मन मे अपने से छोटे लोगों के प्रति प्रेम भाव और सद्भावना नहीं है,

अपबे से बड़ो को जो इज्जत नहीं दे सकता, वास्तव में वह मनुष्य  उस एक सबसे सूक्ष्म जीव, जो कि प्रेम, आदर-सत्कार, सम्मान देने की की भावनाओं से परिपूर्ण है से भी तुच्छ है ।


  ” आपके मन की निष्पक्ष भावना ही आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा का कारक है। “


अर्थात : समाज मे अपनी इज्जत बनाना, अपने आपको सम्मान दिला पाना बहुत ही महत्वपूर्ण बात होती है, इसको समाज मे कायम रखने के लिए मनुष्य को अच्छे – अच्छे कार्य करने पड़ते हैं।

वे अच्छे कार्य मनुष्य के लिए ही लाभप्रद होते हैं। यदि मनुष्य अच्छे और सही मार्ग पर चलकर अपने सारे कर्तव्यों का पालन निष्ठापूर्वक करता है तो वही कार्य अच्छे बन जाते हैं। तथा समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त करने के लिए यही सबसे आवश्यक होते हैं।

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Guru Nanak Quotes


  ” ईश्वर हमारे साथ अन्य लोगो और सभी प्रकार के जीवों के भी संरक्षक हैं, अतः वे हम सभी के पिता समान हैं। इसलिए हमें सभी के साथ प्रेमपूर्ण व्यवहार बनाये रखना चाहिए।”


अर्थात | Guru Nanak Dev Ji Quotes : धरती के सभी प्राणियों में एक समान प्राण अथवा आत्मा होती हैं। वे केवल अपने पूर्व कर्मो के हिसाब से ही वर्तमान में एक निश्चित काया प्राप्त करते हैं ।

आत्मा के एक जैसे होने का अर्थ यह हुआ कि, हम सभी का निर्माण जिसने किया है, वह भी एक ही है, अर्थात ईश्वर। हम सभी जीव-जंतु ईश्वर की ही सन्तान हैं अतः हमें सभी के साथ प्रेमपूर्ण व्यवहार बनाए रखना चाहिए।


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  ” ईश्वर एक ही हैं, सब जगह , सभी वस्तुओं में विद्यमान हैं। वह बहुत उदार है और जरूरत पड़ने पर मनुष्यों के बीच मे मनुष्य रूप में जन्म भी लेते हैं।” – गुरु नानक


अर्थात | Guru Nanak Quotes in Hindi : ईश्वर अपनी बनाई हुई रचनाओं से बहुत प्रेम करते हैं, जिन्होंने हम को बनाया है, पूरी सृष्टि का निर्माण किया है, ऐसे ईश्वर सच मे महान है। इतना ही नहीं जिस प्रकार एक पिता अपनी संतानों से प्रेम करते हैं,

तथा अपनी संतानों के ऊपर थोड़ी सी भी विपत्ति आने पर वह विचलित हो जाते हैं, ठीक उसी प्रकार, ईश्वर भी अपनी संरचनाओं को थोड़ी सी भी परेशानी में देख कर विचलित हो जाते हैं इतना ही नही वे अपनी सन्तानों को कठिनाइयों से राहत दिलाने के लिए स्वयं धरती पर मनुष्य रूप में भी जन्म लेते हैं।


  ” ईश्वर का नाम सभी लेते हैं। सब अपनी तकलीफ़ों में ईश्वर का ही सुमिरन करते हैं। ईश्वर का रहस्य समझ पाना नामुमकिन है इसलिए यदि कोई ईश्वर को अपने हृदय में बसा लेना ही ईश्वर को पाने के समान हैं।”


अर्थात | Shri Guru Nanak Dev Ji Quotes : ईश्वर ने हमे बनाया है, हमारा निर्माण किया है। लेकिन कभी किसी ने यह नहीं सोचा कि ईश्वर को किसने बनाया! लेकिन यह तो केवल एक छोटा सा प्रश्न ही है।

वास्तव में ईश्वर को समझना बहुत ही कठिन है । ईश्वर को प्राप्त करना ही सबसे महत्वपूर्ण होता है। इसके लिए मानव को प्रतिदिन उनका सुमिरन कर के उनको हृदय में बसाने की आवश्यकता है।


  ” परमात्मा की दया और कृपा से ही यह संसार क्रियाशील है। ” – गुरु नानक


अर्थात | Guru Nanak Quotes : : ईश्वर हम पर दयावान हैं, जिसकी वजह से ही यह संसार क्रियाशील है और निरंतर चलता जा रहा है। यह क्रियाशीलता पूरे संसार को गतिमान रहने के लिए बहुत ही सहायक है। वर्तमान समय मे हम ईश्वर द्वारा हमे भेंट स्वरूप दी गयी पृथ्वी और प्रकृति का इतना दोहन कर रहे हैं,

कि, ईश्वर चाहे तो वे कभी भी विक्राल रूप धारण कर सृष्टि को सर्वदा के लिए समाप्त कर सकते हैं। लेकिन वे ऐसा नहीं करते। अतः हमें स्वयं भी जागरूक रहना होगा कि हमारी प्यारी प्रकृति के साथ कोई छेड़छाड़ न हो, नहीं तो हम अपनी मृत्यु का कारण एक दिन स्वयं ही बन जाएंगे।


गुरु नानक

  ” परमात्मा के बारे में बताने और उन तक पहुचाने में सबसे अधिक भूमिका गुरु की होती है। अतः गुरु का सदैव सम्मान और वंदन करें।” – गुरु नानक


अर्थात | Guru Nanak Dev ji Duotes in Punjabi : शिक्षक न केवल हमे किताबी ज्ञान देते हैं बल्कि हमें वास्तविक और प्रतियोगी संसार का भी बोध कराते हैं। इतना ही नहीं गुरु ही हमे हनरे सामने आई कठिनाइयों से लड़ना सिखाते हैं।

एक डरे हुए, सहमे हुए व्यक्ति को बहादुरी और निडर बनाते हैं। इसलिए ऐसे गुरुओं का सदैव वंदन करना चाहिए।

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Guru Nanak Quotes in Hindi


  ” जो लोग अपने मुख और जिह्वा को स्वच्छ और शुध्द रखते हैं, वे अपनी मधुरता से दूसरों को भी प्रभावित करते हैं। अपने सानिध्य से वे दूसरों को भी स्वच्छ और शुध्द कर देते हैं।”


अर्थात | Shri Guru Nanak Dev Ji Quotes : अच्छे लोग अच्छी संगति साथ रखते हैं। ऐसे व्यक्ति स्वयं तो सफलता के मार्ग को प्रशस्त कर सफलता प्राप्त कर लेते हैं, साथ ही अपने भाई- बंधुओं जो भी उनके साथ रहता है,

और अच्छी संगति करता है उनको भी अपने साथ सफलता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।


  ” किसी को भी, किसी का अधिकार छीनना नहीं चाहिए। “


अर्थात | Guru Nanak Quotes in Hindi : सभी अपने-अपने भाग्य में अपने अधिकार को निश्चित कर के लाए होते हैं। लेकिन इन अधिकारों को वास्तव में प्राप्त करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। जो इस संघर्ष में सफल हो जाता है,

वह ही अपने अधिकार वास्तव में भी प्राप्त कर पाता है, लेकिन जो संघर्ष जारी नही रखते उनके अधिकार उनसे छीन लिए जाते हैं।  जो जिसका होता है वह उसे प्राप्त होकर ही रहता है, अतः उस वस्तु को  छीनने का प्रयास नहीं करना चाहिए।


  ” धन के देवता, भी उस सूक्ष्म जीव की बराबर नहीं कर सकते जो कि ईश्वर के प्रेम में डूबी हो। ” – गुरु नानक


अर्थात | Guru Nanak Quotes : : ईश्वर के प्रेम में एक अलौकिक शक्ति , और सुख है। ईश्वर को प्रेम करना एक बहुत ही आनंद दायक अनुभूति होती है। अतः यदि कोई सूक्ष्म जीव जैसे कि चिंटी ईश्वर प्रेम मे लिप्त है,

वह उस घमण्डी बड़े राज्य के राजा अथवा धन के स्वामी से भी अधिक शक्तिशाली है।


  ” समाज मे केवल वही बोलना चाहिए, जो कि आपको समाज और लोगो के मध्य सम्मान दिलाए।”


अर्थात | Guru Nanak Jayanti Quotes: चार लोगों के बीच मे सम्मान पाना और उनके हृदय में अपनी अच्छी छवि बना पाना बहुत ही कठिन कार्य है। लेकिन सत्यता के मार्ग पर पूरी निष्ठा से चलने वालों के लिए यह कार्य भी आसान हो जाता है।

अतः सदैव सत्य का साथ देना चाहिए और कभी भी बुरी संगति में नहीं पड़ना चाहिए। क्योंकि सत्य जहाँ आपको सम्मान दिलाएगा, वहीं असत्य आपके पतन का कारण बनेगा।


  ” कोई भी ईश्वर और उनकी महिमा को कितने ही तर्कों के बाद भी नहीं समझ सकता। भले ही वह सहस्र युगों तक ही तर्क-वितर्क क्यो न करता रहे।”


अर्थात | Shri Guru Nanak Dev Ji Quotes :तर्क करने वाला मनुष्य भले ही ज्ञानी कहलाए , परन्तु जो मनुष्य ईश्वर के प्रति अलगाव प्रदर्शित करने के लिए तर्क करे वह कभी भी ईश्वर की महिमा को नहीं समझ सकता। तब क्यो न वो लाखो वर्षों तक ही तर्क क्यों न करता रहे।

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Gurbani Quotes


  ” गुरु में ही पूर्ण शांति निहित है। गुरु ही तीनो लोकों में ज्ञान रूपी प्रकाश प्रसारित करने वाला प्रकाश पुंज हैं। गुरु का आदर और गुरु से प्रेम करने वाले व्यक्ति ही शांति प्राप्त करते हैं।” – गुरु नानक


अर्थात | Gurbani Quotes:- गुरु के बिना कोई भी मनुष्य अंधकार में डूबे हुए मृतक के समान ही है, वह गुरु है जो उस व्यक्ति को अपने ज्ञान के पुंज से प्रकाशित कर अंधकार से बाहर निकाल सकने का सामर्थ्य रखता है,

और उस अंधकार में डूबे हुए मृतक में फिर से प्राण डाल सकता है। अपबे गुरुओं का आदर करने वाले व्यक्ति ही सफलता के शिखर को छू पाते हैं।


  ” गुरु में ज्ञान का सागर निहित होता है, गुरु ज्ञान का सागर हैं। जिसका जल सदा ही शीतल और निर्मल होता है, जो मन को प्राप्त होने पर असीम शांति प्रदान करता है। इसके जल से ही मनुष्य के हृदय के सभी मैल धूल जाते हैं।”


अर्थात | Guru Nanak Dev Ji Quotes : गुरु में ज्ञान , एक सागर के रूप में निहित होता है, जो कि शिक्षा के माध्यम से गुरु हमे देते है। लेकिन यह भी सत्य है कि ज्ञान ही संसार मे ऐसी वस्तु है जो कि बांटने से और अधिक बढ़ती है।

और इसका प्रसार जितना अधिक होता है, यह उतना ही जग को अपने तेज से प्रकाशित करता है। लेकिन यह ज्ञान रूपी सागर गुरु ही हम तक पहुंचाते हैं। इसको प्राप्त करके जीवन की कुछ कठिनाइयां स्वंय ही समाप्त हो जाती हैं।


  ” हमारी आत्मा का न ही जन्म होता है और न ही मृत्यु होती है।”


अर्थात | Guru Nanak Quotes in Hindi : आत्मा  संसार का सात्विक सत्य है। हर प्रकार का नश्वर शरीर मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। परन्तु उसमें निहित आत्मा कभी समाप्त नहीं होती,

बल्कि एक शरीर के नष्ट हो जाने से आत्मा को उस पीड़ा से मुक्ति मिल जाती है, जो कि उसने जीवनकाल में सही थी।


  ” जब शरीर मैला हो जाता है तब उसे जल की मदद से धोया जा सकता है, जब कपड़े गंदे हो जाते हैं तब उसे भी साबुन से साफ किया जा सकता है, लेकिन जब मन मैला हो जाता है तो उसे केवल प्राश्चित से ही साफ किया जा सकता है। इसलिए जीवन में जो कुछ भी करें सोच समझकर और ईश्वर का ध्यान कर के करें।”


अर्थात | Guru Nanak Jayanti Quotes: जीवन मे गलत कार्यों को करने से पूर्व उनके प्रतिफल का भय होना अतिआवश्यक है अन्यथा धरती पर पाप का बोझ इतना बढ़ जाएगा जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते।

अतः जीवन मे जो कुछ भी करें सोच समझकर और ईश्वर को ध्यान में रखकर करें। क्योंकि ईश्वर ही गलत कार्यों को करने से हमें रोक सकते हैं।


  ” जिन्होंने अपना तन-मन-विचार सब झूठ में लिप्त कर रखा है, वे कभी शुध्द और पवित्र नहीं रह सकते।” – गुरु नानक


अर्थात | Shri Guru Nanak Dev Ji Quotes : जो निरन्तर कूटनीतियों से अपना और दूसरों का जीवन बर्बाद करने में लगे रहते हैं, जिन्होंने अपना मन और विचार सब झूठ से भर रखा है वे कभी भी सत्य के मार्ग पर नहीं चल सकते । और ऐसे व्यक्तियों का पतन निश्चित ही है।

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Shri Guru Nanak Dev ji Quotes


  ” जो व्यक्ति किसी भी प्रकार के अंधविश्वास से परे हैं, उन्हें किसी भी वस्तु के कारण मृत्यु का भय , भयभीत नहीं कर सकता।”


अर्थात | Guru Nanak Quotes : अंधविश्वास को मानना गलत है, जब तक कि उसके पीछे का कोई ठोस वैज्ञानिक आधार न हो। जो व्यक्ति बहुत अधिक अंधविश्वासी होते हैं वे सदा ही भयभीत रहते हैं।

लेकिन जिनमें तनिक भी अंधविश्वास नहीं होता वही अपनी जीवन की नैया को पार लगा सकते हैं।


  ” प्रेम और भक्ति से युक्त सत्पुरुष के सानिध्य में रहना, और उनके दर्शन से न केवल मन स्थिर होता है, बल्कि साथ ही सारे बन्धनों से मुक्ति भी मिल जाती है।” – गुरु नानक


अर्थात | Guru Nanak Jayanti Quotes: प्रेम के प्रचार प्रसार औऱ ईश्वर की भक्ति में जैसा सुख है, वैसा और कहीं नहीं। ईश्वर में मन लगाने से मन सदा ही स्थिर रहता है। ईश्वर हमारे जीवन काल में हमसे हर क्षण जुड़े हुए होते हैं। अतः इस जीवन को सफल बनाने में, हमारे प्रत्येक अच्छे कार्य मे केवल वही हमारी सहायता कर सकते है।


  ” जिसे स्वयं पर विश्वास न हो वह दुसरो पर तथा ईश्वर पर कभी विश्वास नहीं कर सकता।”


अर्थात | Shri Guru Nanak Dev Ji Quotes : जब तक स्वयं पर विश्वास न हो व्यक्ति कोई भी कार्य नहीं कर सकता। और कहा भी जाता है कि, जो स्वयं की साहयता करता है ईश्वर भी उसी की सहायता करते हैं।


  ” जो व्यक्ति स्वयं को सर्वेसर्वा समझता है, लेकिन दूसरों के टुकड़ों पर निर्भर रहता है, ऐसे मनुष्यों के आगे कभी भी नदमस्तक नहीं होना चाहिए। जो स्वयं परिश्रम करने में विश्वास रखता हो, अपने सभी कार्य स्वयं करता हो, साथ ही दूसरों की भी मदद करता है, वही असल मायने में सही मार्गदर्शन कर सकता है।” – गुरु नानक


अर्थात | Gurbani Quotes:-कुछ लोग होते हैं, जो स्वयं कप तो महान समझते हैं लेकिन स्वयं वह दूसरों पर आश्रित होते हैं। ऐसे व्यक्ति कभी भी दूसरों का मार्गदर्शन नहीं कर सकते।

जो व्यक्ति स्वयं की सहायता स्वयं ही करने में विश्वास रखते हैं, वे ही दूसरों की सहायता करने के लिए भी सर्वदा तत्पर रहते हैं। और सही मायनों में ऐसे व्यक्ति ही अच्छे मार्गदर्शक बन पाते हैं।


  ” जो असत्य बोलता है, और स्वयं पर सत्य चीजों तथा अच्छे आचरणों को अपने ऊपर लागू नहीं करते उन्हें दूसरों को उपदेश देने का कोई अधिकार नहीं है। जब वे सत्यता को खुद पर लागू करेंगे तभी वे अन्यों से भी उसको अपने जीवन मे लागू करने के बारे में उपदेश दे सकते हैं।”


अर्थात | Shri Guru Nanak Dev Ji Quotes : दिखावा करना तो जैसे मनुष्य के रुधिर में ही है, मनुष्य हमेशा दिखावा करके स्वयं को सर्वश्रेष्ठ साबित करने में लगा रहता है। वह स्वयं तो सर्वदा असत्य के मार्ग पर चलता है, लेकिन दूसरों को सत्य के मार्ग पर चलने की शिक्षा प्रदान करता है। लेकिन जो आचरण व्यक्ति खुद नहीं कर सकता,

वही आचरण वह दूसरों को करने के लिए कैसे कह सकता है! बिना स्वयं की सत्यता के कोई भी कार्य किया जाता है तो वह प्रभावी नहीं होता। अतः पहले मनुष्य को स्वयं में परिवर्तन की आवश्यकता है तभी वह संसार को भी परिवर्तित कर सकता है।


गुरु नानक अनमोल विचार


  ” जो लोग, प्रेम और भक्ति में डूबे रहते हैं, ईश्वर भी उन्हीं को प्राप्त होते हैं।”


अर्थात | Guru Nanak Quotes in Hindi : जो व्यक्ति सच्ची आस्था और भक्ति से ईश्वर के नाम का सुमिरन करते हैं, वही लोग ईश्वर के सम्मुख अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर अपने लिए मोक्ष का द्वार खोल पाते हैं।

मोक्ष प्राप्त करना किसी भी आत्मा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, नहीं तो माना जाता है कि, आत्मा इस जीवन चक्र में उलझती ही जाती है। ईश्वर को प्राप्त करने के लिए ईश्वर में खोना बहुत आवश्यक है, यही हमें परमपिता परमेश्वर से जोड़ने में अत्यंत आवश्यक है।


  ” जो किसी अपवित्र शरीर मे भी देवता का निवास करवा सकता है, वह गुरु है। “


अर्थात | Gurbani Quotes:- गुरु की महिमा का वर्णन करना किसी के भी बस की बात नहीं हैं। गुरु तो वे होते हैं, जो कि एक अज्ञानी जीव में ज्ञान रूपी प्रकाश को अपनी कौशलता के बल पर प्रसारित करते हैं। गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए कितने ही कवियों ने अपनी अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की हैं। जो कि गुरु की महिमा को बतलाते हैं। गुरु ही वह कड़ी है जो हमको बाह्य समाज से जोड़ती है। बिना गुरु के संसार मे 1 कदम भी स्वयं से चलना बहुत कठिन है। अतः अपने गुरुओं का सदैव आदर करना चाहिए।


  ” संसार मे किसी को भी इस भरम में नहीं रहना चाहिए कि वह स्वयं  खुद से हर कार्य कर सकता है, क्योंकि तूफानों में बिन गुरु के किसी की नैया इक पार से दूसरी पार नहीं जा सकती। “


अर्थात | Guru Nanak Dev Ji Quotes : जब कोई भी मनुष्य अपने गुरुओं द्वारा ज्ञान अर्जित कर लेता है तो वह खुद को गुरुओं से श्रेष्ठ समझने लगता है, लेकिन ऐसा होना मानवीय प्रकृति ही है, मनुष्य स्वयं ही अपने मन मे कुछ न कुछ सोचता ही रहता है, जिसकी वजह से आज वर्तमान में हम जटिल सी पृथ्वी के बहुत से गहरे राजों को जान पाए हैं और समझ पाए हैं। लेकिन फिर भी

मनुष्य को यह कभी नही भूलना चाहिए कि यह सब उसके गुरु की प्रेरणा की वजह से ही सम्भव हो पाया है।


  ” यदि हम सभी को मृत्यु का सत्य पता होता, और यह भी पता होता कि मरा कैसे जाता है तो निश्चय ही हम मृत्यु को बुरा भला कभी नहीं कहते। “


अर्थात | Gurbani Quotes:- मनुष्य स्वयं को बहुत बड़ा ज्ञानी समझता है लेकिन यह केवल उसका भरम है, क्योंकि वह अभी तक मृत्यु के रहस्य को नहीं सुलझा पाया है। मृत्यु दुनिया का सबसे बड़ा सत्य है, जो संसार में जन्म है,

उसे इस संसार की सभी रीतें निभानी पड़ती हैं और उन ही रीतों मे से एक है, मृत्यु की रीत, जो एक न एक दिन सभी मनुष्यों को आनी है। यदि मनुष्य इस रहस्य को सुलझा लेता है। तो वह असल मे संसार का सबसे ज्ञानी जीव कहलाएगा।


  ” बीज को बोए जाने के बाद, प्राप्त फसल को उचित मौसम में ही काटना चाहिए।  यदि आप इन्हें ध्यान से देखेंगे तब आपको महसूस होगा कि बीज के गुण ही उस पौधे में भी आए हैं और बीज से पौधे के बाहर आने में मददगार साबित हुए हैं।”


अर्थात | Guru Nanak Quotes in Hindi : जब हम किसी अच्छी फसल को प्राप्त करने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले बीजो का चुनाव करते हैं, तब उन बीजों का प्रयोग कर थोड़े समय बाद ही हमे पता लग जाता है कि फसल कैसी होने वाली है, क्योकि बीज ही उससे बनने वाले पौधों को जमीन से बाहर निकालने में सहायक होते हैं। और यदि बीज अच्छे हों तो उनकी अच्छाई,

अच्छी फसल होने के माध्यम से ही दिख जाती है। ठीक उसी प्रकार से मनुष्य के कर्मों का हिसाब-किताब भी है। मनुष्य जैसे कर्म करेगा वह वैसा ही फल पाएगा। वर्तमान के कर्मो का अंदेशा हम ऐसे ही नहीं लगा सकते, इसका परिणाम भी हमे फसल की ही तरह थोड़े समय बाद मिलता है।


Shri Guru Nanak Dev Ji Biography


   गुरु नानक, का जन्म रावी नदी के किनारे स्थित तलवंडी (वर्तमान में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत ) में कार्तिक पूर्णिमा के दिन  हुआ था। गुरु नानक खत्री वंश में जन्मे थे।

इनके पिता का नाम श्री मेहता कालूचंद खत्री था, तथा माता का नाम श्रीमती तृप्ता देवी था।

      भविष्य में तलवंडी नामक गुरु नानक जी का जन्म स्थान, गुरु नानक जी के ही नाम पर ननकाना हो गया है। गुरु नानक बचपन से ही, विलक्षण प्रतिभा के धनी थे।

उन्होंने बचपन से ही, स्वयं को और सांसारिक सम्बन्धों को मोह-माया में नहीं बांधा। बचपन से ही वे ज्ञान अर्जित करने में अधिक रुचि रखते थे। जब वे केवल 7-8 साल के थे तब ही उनका विद्यालय छूट गया।

क्योंकि वे अध्यापकों के बताने से पहले ही उन प्रश्नों का उत्तर जानते थे, और अपने गुरुओं से बहुत सारे प्रश्न किया करते थे। जिस कारण उनके अध्यापक उन्हें स्वयं घर पर छोड़ने के लिए आए और उनके माता पिता से कहा,

कि इसको विद्यालयी अध्धयन की कोई आवश्यकता नहीं है। अतः वे संसारिकता के सम्बंध में सदैव उदासीन रहे। जब वे केवल 16 वर्ष के थे उनका विवाह करवा दिया गया। उनकी पत्नी का नाम सुलक्खनी था।

   उनके कुछ गांव वाले और उनकी बहन उनके प्रति बाल्यावस्था से ही श्रद्धावान थे, ऐसा उनके व्यक्तित्व की वजह से था। जब वे 32 वर्ष के थे तब उनका प्रथम पुत्र हुआ।

इसके कुछ वर्ष बाद उनके घर दूसरे पुत्र ने भी जन्म लिया। औऱ अपने दोनों पुत्र के जन्म के कुछ ही समय बाद वह अपने कुछ साथियों के साथ तीर्थ पर चले गए।

धर्म को प्रसारित करने के लिए और अपने वचनों को लोगों तक पहुँचाने के लिए, वह चारों ओर उपदेश देने लगे।

    गुरु नानक सिक्खों के प्रथम धर्म गुरु माने जाते हैं। अतः सिक्ख लोग इन गुरु नानक द्वारा की गई यात्राओं को उदासियाँ कहकर पुकारते हैं। अथवा पंजाबी में इन यात्राओं को उदासियाँ कहा जाता है।

इनके यात्राचक्र में भारत , अफगानिस्तान, फारस और अरब की यात्रा प्रमुख हैं। उन्होंने ज्ञान के प्रचार प्रसार, उपदेश देने और सत्कार्यों में ही अपना पूरा जीवन व्यतीत किया।

उनके विचारों ने पूरे जगत को एक नई राह दिखाई और सभी को सच्चाई और सच्चाई का पाठ पढ़ाया। उनके कुछ अनमोल विचार इस प्रकार हैं,

जो कि निश्चित रूप से सभी के जीवन मे काम आएंगे और नए मार्ग को ढूंढने पर और उसमें चलने पर सबका मार्ग भी प्रशस्त करेंगे।


Conclusion | Guru Nanak Quotes


आज आपने पढ़े Shri Guru Nanak Dev Ji Quotes. आशा है आपको गुरु नानक देव जी के यह विचार पसंद आये होंगे, Guru Nanak Quotes in Hindi ऐसे ही अन्य प्रेरणादायक विचार पढ़ने के लिए बने रहिये, sarkariexam के साथ।

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