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दो घडे़ हिंदी कहानी | Story of Two Pots in Hindi | दो घडे़

आज आप पढ़ेंगे दो घडे़ हिंदी कहानी। उम्मीद है, आपको इस Story of Two Pots in Hindi कहानी से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।


दो घड़े


दो घडे़ हिंदी कहानी


एक गाऊं में एक किसान रहता था, वह बहुत गरीब था, खेती किसानी करकर वह अपनी जिंदगी जी रहा था।

किसान पानी भरने के लिये बहुत दूर एक नदी से पानी लाता था, पानी लाने के लिए किसान दो घड़ों का उप्योग करता था।

उनमें से एक घड़ा ठीक था, लेकिन एक घड़ा नीचे से थोड़ा फूट रखा था।

फूटा हुआ घड़ा हमेशा अपनी निंदा किसान से करता रहता था, की तुम मुझमें नदी से पूरा पानी भरकर लाते हो, लेकिन में घर आने तक उसमें से आधा पानी गिरा देता हूँ। मुझे माफ़ कर देना।

इस पर किसान हस्ते हुए कहता है, तुम मेरे लिए अच्छे घड़े से भी कीमती हो, तुम्हारे उस छेद से तुम नदी से लेकर यह तक के फूलों को पानी डालकर आते हो।

वह फूल तुम्हारी ही वजह से इतना ज्यादा खिलखिला रहे हैं। और तुम अपने आप को कोस रहे हो।

मुझे तो तुमको इस बात के लिए धन्यवाद कहना चाहिए। तुम चाहें जैसे भी हो, बहुत अच्छे हो, और तुम अमूल्य हो।

यह बात सुनकर घड़ा मुस्कुराने लगा, और उसके लिए उसका आत्मसम्मान भी बढ़ गया।


सीख | दो घडे़ – कभी भी अपने आप को कोसना नहीं चाहिए, भगवान ने सभी को कुछ न कुछ विशिष्ट गुण देकर ही धरती पर भेज रखा है।

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आज अपने पढ़ी दो घडे़ हिंदी कहानी। आशा करते है, यह Story of Two Pots in Hindi कहानी आपको पसन्द आयी।

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