Growing ArticlesMoral StoriesSE Original

17+ New Short Moral Stories in Hindi for Class 1 | हिंदी नैतिक कहानियाँ

यह हैं, 17+ Best Short Moral Stories in Hindi for Class 1. जिनसे आपको एंटरटेनमेंट के साथ बहुत कुछ (Moral) सीखने को भी मिलेगा। तब चलिए शुरू करते हैं, Moral Stories in Hindi for Class 1-


short moral stories in hindi for class 1


Short Moral Stories in Hindi for Class 1:


” शाकाहारी शेर “


बहुत समय पहले एक घने जंगल में सभी जानवर बड़े ही प्रेमपूर्वक रहते थे। लेकिन जहाँ मित्रता और प्रेम होता है, वहाँ घृणा अपने पैर पसारने चले ही आती है।


short stories in hindi for class 1


उसी जंगल में एक शेर भी रहता था जो कि काफी समय से जानवरो का शिकार कर अपनी भूख मिटाता था। समय बीता और शेर बूढ़ा हो गया।

शेर अपने बुढ़ापे की वजह से कमजोर हो गया और वह जंगल की सैर करके शिकार ढूंढने में असमर्थ हो गया। वह बहुत चालक था, उसने एक युक्ति बनाई,

जिससे कि उसको शिकार ढूँढने में आसानी हो सके।

शेर ने पूरे जंगल में ये खबर फैला दी कि अब वह जंगल के सभी जानवरों से दोस्ती करेगा और अब केवल शाकाहारी भोजन , घास  और फल खाएगा।

  जानवरों ने ये सुना और आपस में चर्चा की कि, आज तक तो किसी शेर को ऐसे नही देखा यह जरूर कोई महान संत है, क्यो न इसके दर्शन के लिए चलें। थोड़े थोड़े करके जानवर रोज संत शेर की गुफा में जाते रहे।

लेकिन यह सब तो शेर की चाल थी शिकार, फसाने की। जैसे ही कोई जानवर उसकी गुफा में आता शेर उसको अपना भोजन बना लेता। संत शेर की कहानी एक लोमड़ी ने सुनी लेकिन उसको कुछ विश्वास जैसा हुआ नहीं।

वो यह माजरा समझने के लिए गुफा की ओर चल पड़ी।

लेकिन यह क्या जैसे ही वो गुफा के द्वार पर पहुंची तो उसने देखा की जानवरो की हड्डियां नाखून वगैरह आस पास पड़े हुए हैं।
लोमड़ी चालक थी वह सारा संत शेर का खेल समझ गयी। औऱ गुफा के अंदर नहीं गयी।

उसने वापस जाकर सभी जानवरो को इस सच्चाई से परिचित करवाया।

फिर सभी जानवरों ने एकजुट होकर उस गुफा को एक बड़े से पत्थर से बंद कर दिया।

शेर तो बुढ़ा था ही । थोड़े ही दिनों में भूख की वजह से वो भी मर गया। और सभी जानवरों को उस पाखण्डी संत शेर से छुटकारा मिला।


सीख | Short Moral Stories in Hindi for Class 1 – “भ्रांतियों पर आंख बंद करके विश्वास नहीं करना चाहिए,

और हमेशा अपनी बुद्धि का प्रयोग कर किसी काम को करना चाहिए “।

Also Check : Hasya Kahanioyan


” बदसूरत पेड़ “


  एक घने जंगल में बहुत सारे पेड़ थे। सभी पेड़ लंबे सीधे और घने थे। लेकिन वहीं एक पेड़ था, जो टेढ़े-मेढे आकार का था। वह टेढ़ा-मेढ़ा पेड़ अपने आप को बहुत ही बदसूरत मानता था।

और मन ही मन सोचता था कि सभी पेड़ कितने सुंदर हैं, बस एक मैं ही ऐसा हूँ गन्दा, बदसूरत। वह खुद को हर समय कोसता रहता।

एक लकडहारा था। जो अपना जीवन व्यापन अनेक जंगलों से लकड़ियां बाजार में बेचकर करता था।

एक दिन वो लकड़हारा उस जंगल में लकड़ी लेने चला गया।

लकडहारा चलते चलते ठीक उसी जगह पहुंच गया जहाँ वो टेढ़ा पेड़ था! लकड़हारे ने उस टेढ़े पेड़ को देखकर अपने मन में कुछ सोचा और कहा कि यह पेड़ तो कितना उलझा हुआ है,

और इसकी लकड़ियां मेरे किसी काम की नहीं। तो उसने उस पेड़ को छोड़ दिया लेकिन अन्य पेड़ों को काटकर जमीन पर गिर दिया। फिर वह लकड़ियां लेकर वापस चला गया।

  यह सब टेढ़ा मेंढ़ा पेड़ देख रहा था। और उसको अब समझ में आ गया कि उसके ऐसे होने की वजह से ही आज उसकी जान बची। तब से वो खुद को बदसूरत नहीं मानता.

और बचे पेडों को दोस्त बनाकर जंगल मे खुशी से रहता है।


” सीख | Moral of Hindi Short Stories for Class 1 – ” सभी चीजें प्रकृति और ईश्वर की अमूल्य देन होती हैं। तो सभी के पास जैसा है, जितना है उसे ईश्वर की भेंट समझ कर खुशी से स्वीकार करना चाहिए । “

Also Check : True Friendship Stories


” घोड़े की स्वतंत्रता “


 किसी गाँव से दो-तीन मील दूर एक घना जंगल था। गाँव में इंसान रहते थे व जंगल में जानवर।

एक बार की बात है, जंगल में सभी जानवर खुशी से जीवन व्यतीत कर रहे थे, परंतु उनकी खुशियाँ अब थोड़े ही दिनों की मेहमान थी क्योंकि दूसरे जंगल से शेर आकर वहां रहने लगा।

जो भी शेर के समाने आता वो उसका भोजन बन जाता।

  सभी जानवर बहुत परेशान हो गए। उसी जंगल में एक घोड़ा रहता था जो कि शेर के आने से बहुत भयभीत हो गया, वो अपनी जान बचाने के चक्कर मे अनेक उपाय खोजने लगा।

तभी एक दिन गांव से एक आदमी लकड़ियां लेने जंगल की ओर आया। घोड़े ने इंसान को देखा और उसके पास गया। घोड़े ने इंसान को बताया कि उसकी जान खतरे में है और उससे मदद मांगने लगा।

फिर इंसान ने उससे कहा,- “चिंता मत करो मित्र, मैं हूँ ना ! लेकिन जैसा मैं कहूँगा तुम्हें वैसा ही करना पड़ेगा।”

घोड़े ने हामी भरी और घोड़े के हाँ कहते ही आदमी ने घोड़े की पीठ पर काँठी कसी, और मुह में लगाम लगा दी और उस पर सवार होकर गांव में अपने अस्तबल में ले गया जहाँ अन्य घोड़े भी बंधे हुए थे।

आदमी ने घोड़े से कहा, – ” यहाँ तुम एकदम सुरक्षित हो अब तुम्हें शेर से डरने की जरूरत नहीं है।”

इतना कहकर इंसान वहाँ अस्तबल का दरवाजा बंद करके चल गया।

घोड़ा बहुत खुश था । परंतु थोड़े दिन बाद इंसान अपने स्वार्थ के लिए अन्य घोड़ों की तरह उससे भी काम कराने लगा।

अब घोड़ा बहुत पछता रहा था। वह अपनी मर्जी से कुछ काम नही कर सकता था, न ही कहीं अपनी मर्जी से आ-जा सकता था।
घोड़े की स्वतंत्रता छिन चुकी थी।

उसने खुद सोचा कि मैंने खुद ही अपनी स्वतंत्रता को ठुकरा दिया, अब मैं मजबूर हूँ।


” सीख | Short Moral Stories in Hindi for Class 1 – “स्वन्त्रता सदैव अमर करने वाली परतंत्रता से अधिक मूल्यवान होती है।”

Also Check : Unique Tenali Ram Stories


Hindi Moral Story :


” चतुर ज्योतिषी “


एक बड़ा सा राज्य था, वहाँ एक राजा का शासन था। एक बार की बात है,

एक ज्योतिष उस राज्य में आए, सभी लोग ज्योतिष के पास जाते और अपना भविष्य के बारे में पूछते! ज्योतिष बहुत सटीक भविष्यवाणी करता था।

ऐसे ही थोड़े ही दिनों में उसकी ख्याति दूर दूर तक फैल गयी। राजा ने भी उसके बारे में अपने मंत्रीगणों से सुना।

        राजा ने सैनिकों को, ज्योतिषी को जल्द से जल्द अपना भविष्य जानने के लिए सममान सहित महल में बुलवाने के लिए आदेश दिये।
ज्योतिष महल में आया,

उसका खूब स्वागत हुआ और उससे राजा का भविष्य बताने के लिए कहा गया। राजा बहुत उत्साहित था।

  ज्योतिषी ने कहा,- “महाराज मैं आपकी हस्तरेखाओं को देखकर आपका भविष्य बताऊंगा।”
महाराज ने अपना हाथ ज्योतिषी के सामने फैला दिया।

     ज्योतिषी ने भविष्य देखना प्रारम्भ किया और उसके बारे में तथा राज्य के बारे मे बहुत अच्छी अच्छी बातें और घटनाओं के बारे में बताया।

लेकिन अब बुरे घटनाक्रम को बताने का समय था। तो ज्योतिष ने महाराज से बताने के लिए आज्ञा मांगी।

राजा से तो सब्र हो ही नहीं रहा था। राजा ने कहा,- ” आप निःसंकोच सारी बातें बताइये, डरने की आवश्यकता नहीं है।”

अब ज्योतिष एक के बाद एक राज्य और राजा के दुर्भाग्य के बारे में बताने लगा। अब अशोभनीय बातें किसे पसंद! तो थोड़ी ही देर में राजा को अत्यंत क्रोध आ गया।

राजा ने कहा,- ” रुक जाओ, और अब अपने भविष्य के बारे में मुझे यह बताओ कि तुम्हारी मृत्यु कब होने वाली है?”
ज्योतिषी राजा का आशय समझ गया था!

और उसने बड़ी ही चतुराई से राजा को उत्तर दिया, – “आपकी मृत्यु के एक दिन पहले”

    राजा यह सुनकर अचम्भित हो गया और ज्योतिषी के ज्ञान और चतुराई का उसे समझ आया।

राजा ने ज्योतिष के ज्ञान की सराहना की और खुश होकर उसे अमूल्य उपहारों को देकर राजमहल से ससम्मान विदा किया।


” सीख | Short Stories in Hindi for Class 1 –  ” कितना भी कठिन समय क्यों न हो हमें संयम औऱ बुद्धि का प्रयोग करना चाहिए”।


” गधे की चतुराई “


एक बार की बात है, एक व्यापारी के पास एक गधा था। व्यापारी अपना सामान इधर-उधर ले जाने या फिर खुद कहीं जाने के लिए गधे का सहारा लेता था।

एक दिन व्यापारी ने बहुत सारी नमक की बोरियां घोड़े के ऊपर लाद दीं, जिसे शहर ले जाना था। बोरियां बहुत ही भारी थी जिससे कि गधे के ऊपर वजन बहुत ही ज्यादा हो गया।

लेकिन गधा अपने मालिक से कुछ नही कह सकता था।

गधे से उस दिन ठीक से चल भी नहीं जा रहा था । जैसे तैसे वो थोड़ी दूर तक गया।

शहर के रास्ते में एक नदी और दो-तीन छोटे नाले बहते थे। तो उस दिन जैसे ही नदी रास्ते मे आई तो नदी पार करते समय गधे का पैर फिसल गया,

और सारा नामक पानी में गिर गया और बह गया। व्यापारी वापस गधे को लेकर घर लौट आया।

Main Part of this Short Moral Stories in Hindi for Class 1- अगले दिन फिर से व्यापारी ने नमक का उतना ही वजन गधे पर लाद दिया।

गधा चलता गया लेकिन जैसे ही नदी आयी तो गधे के मन मे विचार आया,

कि अगर मैं कल के जैसे ही गिरने का बहाना करुं तो मुझे बोझ नहीं ढोना पड़ेगा और यह सोचकर वो फिर से पानी मे फिसल गया। गधे के ऐसा करने पर व्यापारी को उसकी चालाकी का पता चल गया।

उसे बहुत गुस्सा आया और वह गधे को घर ले आया और घर मे लाकर उसे लकड़ी से खूब पीटा।

अब अगले दिन जाते समय व्यापारी ने नमक की जगह रुई का ढेर उस पर लाद दिया। गधा खुश हुआ कि आज बोझ कम है। लेकिन आज भी गधे का मन बाजार जाने का नहीं था,

तो नदी पार करते समय फिर वह नदी में बैठ गया लेकिन इस बार जैसे ही वो नदी में बैठा उसके ऊपर लदी हुई रुई ने ढेर सारा पानी सोख लिया.

और अब रुई का वजन कई गुना बढ़ गया और उसे बाजार तक पहुँचने में परेशानी हुई।

वो दिन गधा कभी नहीं भुला और तब से गधे ने ऐसी मूर्खता करना बंद कर दी।


” सीख | Hindi Short Stories with Moral for Class 1 – ” अपने कार्य को सावधानी और पूरी निष्ठा से करना चाहिए।”

Also Check : Best Collection of Moral Stories


Short Story:


” लालची करन “


करन एक बहुत ही प्यारा बच्चा था। उसे सब बहुत ही प्यार करते थे। करन को टॉफियां बेहद पसंद थीं । जो कोई भी उससे मिलने उसके घर जाता उसके लिए टॉफियां जरूर ले जाता।

     एक बार करन माँ के साथ अपनी मासी के घर गया। उसकी मासी को भी मालूम था कि करन को टॉफियां बहुत प्रिय हैं तो उसकी मासी ने पहले से ही टॉफी का पूरा डिब्बा लाकर घर में रख दिया।

जैसे ही करन उसकी मासी के घर पहुंचा तो उसकी मासी ने वो टॉफ़ी का डिब्बा खोलकर उसके सामने रख दिया और कहा, “जितनी मर्जी खा ले।”

Moral Part of Short Stories in Hindi for Class 1- करन टॉफियां देखकर फूला नहीं समाया,

और झटपट उसने अपना हाथ डिब्बे में डाल दिया और मुट्ठी में जितनी भी टॉफियां समा सकती थी उसने पूरी लेनी चाही।

लेकिन डिब्बे का मुँह मुट्ठी के आकार से थोड़ा छोटा था तो उसकी मुट्ठी वहीं फँस गयी। तब उसकी मां ने उसे सलाह दी कि अगर वो मुठ्ठी से कुछ टॉफियां कम कर दे तो बात बन सकती है।

उसने माँ की बात सुनी और वैसा ही किया जैसा कि माँ ने बताया।

उसका टॉफियों से भरा हाथ आराम से डिब्बे के बाहर आ गया और उसने तब से लालच करना छोड़ दिया।


” सीख | Short Hindi Stories for Class 1 -” लालच बुरी बला है।”


” घमण्डी मोर और शालीन सारस “


 एक जंगल में एक मोर था। वह बहुत सुंदर था।  उसको अपनी सुंदरता पर घमंड हो गया था। जंगल के पास एक नदी थी , मोर रोजाना उस नदी में जाकर अपनी परछाई देखता,

और खुद की तारीफ खुद करता। वह अपने बारे में कहता, “मेरे पंख कितने सूंदर हैं कितने मनमोहक रंग हैं इसमें। सच में, मैं दुनिया का सबसे सुंदर पक्षी हूँ।”

    एक दिन मोर नदी में आईना देखने जा ही रहा था कि नदी किनारे एक सारस उसे मिल गया। सारस को देखते ही मोर ने मुँह फेर लिया और मोर सरस का अपमान कर कहने लगा,

“कितने बेरंग हो तुम! कितने सादे पंख हैं तुम्हारे!

Intrusting Part of this very short stories in hindi for class 1- सारस ने सहनशीलता से मोर को जवाब दिया,-

“वास्तव में तुम्हारे पंख बहुत ही सुंदर और अनेक रंगों वाले हैं और मेरे पंख सादे हैं। लेकिन तुम्हारे पंख तुम्हें ऊँचा नहीं उड़ा सकते ,

मेरे पंख जैसे भी हैं लेकिन मैं इनकी सहायता से पूरे आकाश की सैर कर सकता हूँ।”

इतना कहकर सारस आकाश में उड़ गया और मोर शर्मिंदगी से देखता रह गया।


” सीख | Hindi Short Moral Stories for Class 1- “सुंदरता की अपेक्षा उपयोगिता अधिक महत्वपूर्ण होती है।”


Short Stories in Hindi with Moral for Class 1:


” शेर का हिस्सा “


     एक घनघोर जंगल था, जिसमे अनेक जानवर रहते थे। जंगल में सभी जानवर अपना पेट भरने के लिए शिकार करते थे,

तो एक बार भेड़िया, लोमड़ी और शेर साथ साथ शिकार करने निकले। शेर इन सब का लीडर था। शिकार के लिए उन्हें ज्यादा भटकना नहीं पड़ा। जल्द ही उन्हें एक भैंस मिल गई।

तीनों ने हमलाकर उस भैंस को मार डाला। फिर लोमड़ी ने भैंस के तीन टुकड़े कर डाले।

लेकिन तभी शेर ने दहाड़ते हुए कहा,- ” सब शिकार से दूर हट जाओ! यह मेरा भोजन है।”

लोमड़ी और भेड़िया कुछ समझ नहीं पा रहे थे उन्होंने शेर से बहस कर शुरू कर दी। तभी शेर ने कहा कि शिकार करने में , मैं तुम्हारा लीडर था तभी पहला हिस्सा मेरा है।

दूसरा हिस्सा भी मेरा ही है क्योंकि मुझे मेरे घर पर अपने परिवार का पेट भी भरना है।

और अगर तुम दिनों को तीसरा हिस्सा चाहिए तो मुझसे लड़ाई में जीत कर ये हिस्सा तुम ले जा सकते हो ।

बस फिर क्या था लोमड़ी और भेड़िये ने बिना कुछ कहे सारे हिस्से शेर के हवाले कर दिए  और वहाँ से चले गए।
और इस तरह सारे हिस्से शेर के हो गए।


” सीख | Short Moral Stories in Hindi for Class 1 ” बल और बुद्धि का प्रयोग किसी भी परिस्थिति में जीत दिला सकता है। “


” सबक “


एक बार एक गांव में हरिया नाम का व्यक्ति रहता था। उसके पास एक घोड़ा और एक गधा था। हरिया को किसी काम से कुछ सामान लेने बाजार जाना था। वह गधा और घोड़ा दोनो को ही लेकर बाजार गया।

हरिया ने बाजार से सामान लिया और सारा समान गधे पर लाद दिया। सामान थोड़ा भारी था ।

गधा थोड़ी दूर तक चला और वो थक गया उसने घोड़े से कहा,-”  ये समान बहुत भारी है क्या आप थोड़ा बोझ अपनी पीठ पर रख लेंगे?”
घोड़े ने बड़ी क्रूरता से जवाब दिया,- “ये मेरा काम नहीं है चुपचाप चलते रहो।”

गधा चुप ही गया और कुछ दूर तक चलने के बाद उसके पैर लडखडाने लगे। फिर गधा वहीं पर गिर गया , उसके मुँह से गांज आने लगा।
हरिया ने ये देख कर सारा सामान घोड़े की पीठ पर लाद दिया। तब घोड़े को लगा कि वास्तव में बोझ तो बहुत भारी है।अगर मैं उस समय ही इसका आधा समान ले लेता,

तो मुझे अभी इतना भारी सामान नहीं उठाना पड़ता।


” सीख | Story for class 1 – “दूसरों के दुःख-दर्द में हाथ बंटाने से हमारा दुःख-दर्द भी कम हो जाता है।”


Class 1 Short Moral Stories In Hindi:


” बुरी संगत ”


      गांव के एक किसान के खेत में रोजाना एक कौओ का झुंड आता था और फसल बर्बाद कर देता था। एक दिन किसान की नजर उन कौओं के झुंड में पड़ गयी।

किसान को बहुत क्रोध आया और उसने कौओं को सबक सिखाने का सोचा।

   अगले दिन किसान ने सुबह ही खेत में जाल बिछा दिया और उसके ऊपर कुछ अनाज के दाने डाल दिये।

कौए आए उन्होंन अनाज के दाने देखे और उसमें टूट पड़े।

ज्योंही कौए दाना चुगने नीचे आए वैसे ही वो सब जाल में फंस गए।

कौओं का कोलाहल और पंखों की फड़फड़ाने की आवाज सुनकर किसान आया और फँसे हुए कौओं को देख बहुत खुश हुआ।

पर जब उस किसान ने कौओ को गौर से देखा तो उसमें से एक करुण आवाज आ रही थी वो आवाज एक कबूतर की थी जो कि कौओं की संगत में पड़ा हुआ था।

किसान के मन में बिल्कुल दया भाव नहीं आया और अपने कुत्तों को सभी के ऊपर छोड़ दिया। कुत्तों ने थोड़ी ही देर में सभी पक्षियों को मार दिया!


” सीख | Short Stories with Moral for Class 1 – “बुरी संगत का असर हमेशा बुरा ही होता है।”


Conclusion | Short Moral Stories in Hindi for Class 1


यह थीं, Best Very Short Moral Stories in Hindi for Class 1. आशा करते हैं, आपको हमारी यह पोस्ट पसन्द आयी होगी।

ऐसी और Knowledgeable and Intrusting stories जानने के लिए बने रहिये, sarkaariexam.com के साथ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *